छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ भवन में बिलासा हैंडलूम का किया शुभारंभ : छत्तीसगढ़ के कारीगरों का दिल्ली में नजर आएगा हुनर
रायपुर, 23 अक्टूबर 2019 अब दिल्ली में भी छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प की झलक और कारीगरों का हुनर नजर आएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ भवन में बिलासा हैंडलूम का शुभारंभ किया। बिलासा हैंडलूम में छत्तीसगढ़ के कुशल कारीगरों की कला-कृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा। बिलासा हैंडलूम के माध्यम से दिल्लीवासियों को छत्तीसगढ़ के हैंडलूम उत्पाद अब आसानी से उपलब्ध हो पाएगा। छत्तीसगढ़ के हथकरघा उत्पादों की मांग को देखते हुये देश की राजधानी में हस्तशिल्प कला एम्पोरियम खोलने की काफी समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल से छत्तीसगढ़ की कला को उपयुक्त प्लेटफार्म मिलेगा और छत्तीसगढ़ के हैंडलूम उत्पादों का बेहतर मार्केटिंग और प्रचार प्रसार हो सकेगा।
बिलासा हैंडलूम के खुलने से अब लोगों को सारे हैंडलूम उत्पाद एक जगह ही मिल सकेंगे। शुभारंभ अवसर पर मौजूद मोतीबाग के कमलेश सिंह का कहना है कि यह एक अच्छी पहल है। छत्तीसगढ़ की हैंड क्राफ्ट और हैंडलूम की वस्तुएं बहुत पसंद की जाती है, खासकर बेलमेटल से बनी मूर्तियाँ और सिल्क की साड़ियाँ। छत्तीसगढ़ के कई हस्तशिल्प धातुकला बेलमेटल, टेराकोटा, कोसा सिल्क साड़ियों की बहुत मांग है। चाणक्यपुरी की रहने वाली सारिका भारद्वाज का कहना है कि महिलाओं में कोसा सिल्क साड़ियों का खासा क्रेज होता है, छत्तीसगढ़ की साड़ियाँ भी अब आसानी से मिल सकेगी। बिलासा हैंडलूम में छत्तीसगढ़ की खास पहचान कोसा सिल्क साड़ी, मैनपाट के तिब्बतियों के बनाए कालीन, ऊनी कपड़े उपलब्ध हैं।
रायपुर, 23 अक्टूबर 2019 अब दिल्ली में भी छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प की झलक और कारीगरों का हुनर नजर आएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ भवन में बिलासा हैंडलूम का शुभारंभ किया। बिलासा हैंडलूम में छत्तीसगढ़ के कुशल कारीगरों की कला-कृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा। बिलासा हैंडलूम के माध्यम से दिल्लीवासियों को छत्तीसगढ़ के हैंडलूम उत्पाद अब आसानी से उपलब्ध हो पाएगा। छत्तीसगढ़ के हथकरघा उत्पादों की मांग को देखते हुये देश की राजधानी में हस्तशिल्प कला एम्पोरियम खोलने की काफी समय से जरूरत महसूस की जा रही थी। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल से छत्तीसगढ़ की कला को उपयुक्त प्लेटफार्म मिलेगा और छत्तीसगढ़ के हैंडलूम उत्पादों का बेहतर मार्केटिंग और प्रचार प्रसार हो सकेगा।
बिलासा हैंडलूम के खुलने से अब लोगों को सारे हैंडलूम उत्पाद एक जगह ही मिल सकेंगे। शुभारंभ अवसर पर मौजूद मोतीबाग के कमलेश सिंह का कहना है कि यह एक अच्छी पहल है। छत्तीसगढ़ की हैंड क्राफ्ट और हैंडलूम की वस्तुएं बहुत पसंद की जाती है, खासकर बेलमेटल से बनी मूर्तियाँ और सिल्क की साड़ियाँ। छत्तीसगढ़ के कई हस्तशिल्प धातुकला बेलमेटल, टेराकोटा, कोसा सिल्क साड़ियों की बहुत मांग है। चाणक्यपुरी की रहने वाली सारिका भारद्वाज का कहना है कि महिलाओं में कोसा सिल्क साड़ियों का खासा क्रेज होता है, छत्तीसगढ़ की साड़ियाँ भी अब आसानी से मिल सकेगी। बिलासा हैंडलूम में छत्तीसगढ़ की खास पहचान कोसा सिल्क साड़ी, मैनपाट के तिब्बतियों के बनाए कालीन, ऊनी कपड़े उपलब्ध हैं।
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