छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया - राष्ट्रपति आईआईटी हैदराबाद के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए
05 AUG 2018 - राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज (5 अगस्त, 2018) को हैदराबाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), हैदराबाद के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दूसरी पीढ़ी के दौर में आईआईटी का रूप काफी महत्वपूर्ण है कि आईआईटी हैदराबाद आईआईटी के अतीत के साथ-साथ पुराने मॉडल से भी काफी सीखा है। 1950 और 1960 के दशक में स्थितियां अलग-अलग थीं। भारत बदल गया है। प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के कई आयाम विकसित हुए हैं। हमारी आकांक्षाएं अब तक भारी औद्योगिक के आधार तक ही सीमित नहीं हैं जिन्हें हमने छह दशकों पहले बनाया था। इसके बजाय, आईआईटी हैदराबाद को चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए प्रासंगिक माना जा रहा है जो 21 वीं शताब्दी में नई इबादत लिखेंगे। मुझे यह जानकर अपार खुशी हुई कि इस संस्थान में उद्यमिता के लिए अनुसंधान और प्रचार केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करके एक नई शुरुआत की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सीखने के सर्वोत्तम वैज्ञानिक विश्वविद्यालय और संस्थान न सिर्फ सीखाने की दुकानें हैं और न ही डिग्री पाने के कारखाने ही हैं। ये प्रौद्योगिकी आधारित खोज और प्रौद्योगिकी संचालित स्टार्ट-अप के मुख्य स्रोत हैं। विज्ञान, अकादमिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं, वाणिज्यिक अनुप्रयोगों और निजी उद्यमों में सार्वजनिक निवेश के क्षेत्रों में जादुई क्षमता है।जाहिर है, इसका सबसे अच्छा उदाहरण अमेरिका का सिलिकॉन वैली है। सिलिकॉन वैली के मूल में बुनियादी विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिसरों और उनके प्रतिभाशाली संकाय और छात्र हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी, हैदराबाद शहर और महानगर क्षेत्र में स्थापित किया गया है जहां इस तरह के एक पारिस्थितिक तंत्र के सभी तत्व मौजूद हैं। हैदराबाद में वैज्ञानिक खोज करने की पुरानी परंपरा है।उन्होंने कहा कि हैदराबाद शहर में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के 19 अनुसंधान केन्द्र और प्रयोगशालाएं हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अकेले इनमें से कई संस्थाएं उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं।लेकिन इन्हें और भी मिलकर आगे करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत जीवनशैली से आईआईटी हैदराबाद एक नया मील का पत्थर साबित होगा और यह न केवल खुद के लिए बल्कि पूरे हैदराबाद एवं देश में ज्ञान के नये केन्द्र के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगा।
जल्द ही स्मार्ट सिटी बनेगा लखनऊ- राजनाथ सिंह
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि लखनऊ के सर्वांगीण विकास के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। लखनऊ में 938 करोड़ रुपये की लागत वाली 438 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि लखनऊ के विकास की जो नींव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी उसे बाद में सासद लालजी टंडन और अब वे आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होने कहा कि लखनऊ की आबादी 35 लाख से भी ज्यादा है और 20 लाख से भी ज्यादा पंजीकृत वाहन यहां हैं। 25-30 वर्षों के बाद की स्थिति के मद्देनजर आधारभूत ढांचे पर काम किया जा रहा है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रिंग रोड की घोषणा इसी की एक कड़ी है।
विकास कार्यों की चर्चा करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि गरीबों और किसानों के उत्थान के लिए सबका साथ सबका विकास, ग्राम सड़क योजना 4350 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई। प्रदेश सरकार के गौरवपथ योजना का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि 2017 के 24 मेधावी छात्रों के गांव को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए 7 करोड़ रुपये और 2018 के 88 छात्रों के गांव को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए 23 करोड़ रुपये की लागत से काम चल रहा है। इनमें से बहुत सी सड़कें बन चुकी हैं और बाकी पर जल्द ही कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में पहली बार एक साथ 6.24 किलोमीटर लंबाई के चार एलिवेटेड हाईवे का आज शिलान्यास हो रहा है। इसपर 414 करोड़ रुपये की लागत आई है।
गृहमंत्री ने कहा कि सुविधाओं के बढ़ने के बाद लखनऊ हवाई अड्डे की गतिविधियों में भी इजाफा हुआ है। पहले जहां 23 लाख यात्रियों की आवाजाही थी वहीं अब यह बढ़कर 45 लाख तक पहुंच गई है। उन्होने कहा कि 1383 करोड़ रुपये की लागत से डी-थ्री की परियोजना को मंजूरी दे दी गई है और तीन वर्ष में इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
गृहमंत्री ने कहा कि 1900 करोड़ रुपये की लागत से गोमती नगर टर्मिनस का काम शुरू हो गया है। इसके बन जाने के बाद चारबाग रेलवे स्टेशन के बोझ को कम किया जा सकेगा। उन्होने कहा कि चारबाग जंक्शन रेलवे स्टेशन पर 1800 करोड़ रुपये की लागत से काम हो रहा है। इससे जहां एक ओर यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी वहीं आउटर पर रेलगाड़ियों में होने वाले संचालन विलंब को भी दूर किया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी तरह 96 करोड़ रुपये की लागत से आलम नगर रेलवे स्टेशन के विकास का कार्य किया जा रहा है।
गोमती को प्रदूषण मुक्त करने के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की चर्चा करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हैदर कैनाल पर 336 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी का काम को मंजूरी दे दी गई है। पिछले महीने की 25 जुलाई से काम भी शुरू हो गया है। उन्होने बताया कि इसी तरीके से 11 करोड़ रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालयों पर काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 15 महीनों के उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान जहां प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल हुई है वहीं सड़कों तथा सस्ती दर पर अबाध बिजली मुहैया कराने की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य हुआ है। श्री योगी ने कहा कि स्मार्ट सिटी और अमृत योजनाओं के तहत लखनऊ के विकास की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है।
कार्यक्रम में गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने ‘सबका साथ सबका विकास, ग्राम सड़क योजना’ और ‘गौरवपथ- एक अभिनव प्रयास योजना’ पर पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन, बृजेश पाठक और रीता बहुगुणा जोशी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण मौजूद रहे।
आईएमपीआरआईएनटी-2 के तहत वित्त पोषण के लिए 112 करोड़ रुपये की लागत से 122 नए शोध परियोजना प्रस्ताव: एचआरडी मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर
शनिवार को नई दिल्ली में आईएमपीआरआईएनटी-2 की सर्वोच्च समिति की बैठक में स्वीकृति दी गई
उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए, प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आईएमपीआरआईएनटी-II के तहत 112 करोड़ रुपये की लागत से 122 नई शोध परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, उन्नत सामग्री, आईसीटी और सुरक्षा / रक्षा शामिल है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज एक बयान में कहा, "2145 प्रस्तावों में से, आईएमपीआरआईएनटी-II के तहत वित्त पोषण के लिए 122 सर्वश्रेष्ठ प्रस्तावों का चयन किया गया था, जो उच्च स्तर की प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने की क्षमता रखते हैं।"
श्री जावड़ेकर ने कहा कि मंजूर की गई 122 नई आईएमपीआरआईटी परियोजनाओं में से 81 उद्योग द्वारा प्रायोजित हैं...... यह उद्योग-अकादमिक जगत का सहयोग अनुसंधान की दिशा में नई उत्कृष्टता लाएगा। श्री जावड़ेकर ने कहा कि अनुसंधान परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी और निष्कर्ष के लिए अक्टूबर 2018 में ज्ञान पोर्टल शुरू किया जाएगा।
चयनित नए शोध परियोजना प्रस्तावों में: 35 (आईसीटी); 18 (उन्नत सामग्री), 17 (स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी), 12 (ऊर्जा सुरक्षा); 11 (सुरक्षा और रक्षा); 9 (सतत आवास); 7 (जल संसाधन और नदी प्रणाली); 5 (पर्यावरण और जलवायु); 4 (विनिर्माण); और 4 (नैनो प्रौद्योगिकी) शामिल हैं।
श्री जवाड़ेकर ने कहा कि आईएमपीआरआईटीटी प्रस्ताव अब उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए खुले हैं जिनमें निजी संस्थान भी शामिल हैं,इससे प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होगी और हमें अच्छे परिणाम मिलेंगे।
आईएमपीआरआईएनटी अपनी तरह की एमएचआरडी समर्थित पैन-आईआईटी + आईआईएससी की संयुक्त पहल का अच्छा उदाहरण है, जिसके द्वार अब निजी संस्थानों के लिए भी खुल गए हैं। इससे मुख्य रूप से विज्ञान और इंजीनियरिंग की चुनौतियों का समाधान करने में एक नई ऊर्जा का संचार होगा और हमारे देश भारत को और अधिक सशक्त बनाने के लिए, सक्षम और समृद्ध बनाने और आत्मनिर्भर बनाने में एक नये तरीके का प्रयोग नई ताकत प्रदान करेगा।
आईएमपीआरआईएनटी व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है जो उन क्षेत्रों में अनुसंधान का मार्गदर्शन करता है जो मुख्य रूप से सामाजिक रूप से प्रासंगिक हैं।
आईएमपीआरआईएनट-I के तहत 142 परियोजनाओं का कार्यान्वयन चल रहा है। इन परियोजनाओं को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अलावा कई मंत्रालयों, परिषदों और विभागों से समर्थन प्राप्त है।.
05 AUG 2018 - राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने आज (5 अगस्त, 2018) को हैदराबाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), हैदराबाद के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।
इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दूसरी पीढ़ी के दौर में आईआईटी का रूप काफी महत्वपूर्ण है कि आईआईटी हैदराबाद आईआईटी के अतीत के साथ-साथ पुराने मॉडल से भी काफी सीखा है। 1950 और 1960 के दशक में स्थितियां अलग-अलग थीं। भारत बदल गया है। प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग के कई आयाम विकसित हुए हैं। हमारी आकांक्षाएं अब तक भारी औद्योगिक के आधार तक ही सीमित नहीं हैं जिन्हें हमने छह दशकों पहले बनाया था। इसके बजाय, आईआईटी हैदराबाद को चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए प्रासंगिक माना जा रहा है जो 21 वीं शताब्दी में नई इबादत लिखेंगे। मुझे यह जानकर अपार खुशी हुई कि इस संस्थान में उद्यमिता के लिए अनुसंधान और प्रचार केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करके एक नई शुरुआत की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सीखने के सर्वोत्तम वैज्ञानिक विश्वविद्यालय और संस्थान न सिर्फ सीखाने की दुकानें हैं और न ही डिग्री पाने के कारखाने ही हैं। ये प्रौद्योगिकी आधारित खोज और प्रौद्योगिकी संचालित स्टार्ट-अप के मुख्य स्रोत हैं। विज्ञान, अकादमिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों, अनुसंधान प्रयोगशालाओं, वाणिज्यिक अनुप्रयोगों और निजी उद्यमों में सार्वजनिक निवेश के क्षेत्रों में जादुई क्षमता है।जाहिर है, इसका सबसे अच्छा उदाहरण अमेरिका का सिलिकॉन वैली है। सिलिकॉन वैली के मूल में बुनियादी विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिसरों और उनके प्रतिभाशाली संकाय और छात्र हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी, हैदराबाद शहर और महानगर क्षेत्र में स्थापित किया गया है जहां इस तरह के एक पारिस्थितिक तंत्र के सभी तत्व मौजूद हैं। हैदराबाद में वैज्ञानिक खोज करने की पुरानी परंपरा है।उन्होंने कहा कि हैदराबाद शहर में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के 19 अनुसंधान केन्द्र और प्रयोगशालाएं हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अकेले इनमें से कई संस्थाएं उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं।लेकिन इन्हें और भी मिलकर आगे करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत जीवनशैली से आईआईटी हैदराबाद एक नया मील का पत्थर साबित होगा और यह न केवल खुद के लिए बल्कि पूरे हैदराबाद एवं देश में ज्ञान के नये केन्द्र के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करायेगा।
जल्द ही स्मार्ट सिटी बनेगा लखनऊ- राजनाथ सिंह
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि लखनऊ के सर्वांगीण विकास के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। लखनऊ में 938 करोड़ रुपये की लागत वाली 438 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि लखनऊ के विकास की जो नींव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी उसे बाद में सासद लालजी टंडन और अब वे आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होने कहा कि लखनऊ की आबादी 35 लाख से भी ज्यादा है और 20 लाख से भी ज्यादा पंजीकृत वाहन यहां हैं। 25-30 वर्षों के बाद की स्थिति के मद्देनजर आधारभूत ढांचे पर काम किया जा रहा है। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रिंग रोड की घोषणा इसी की एक कड़ी है।
विकास कार्यों की चर्चा करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि गरीबों और किसानों के उत्थान के लिए सबका साथ सबका विकास, ग्राम सड़क योजना 4350 करोड़ रुपये की लागत से शुरू की गई। प्रदेश सरकार के गौरवपथ योजना का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि 2017 के 24 मेधावी छात्रों के गांव को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए 7 करोड़ रुपये और 2018 के 88 छात्रों के गांव को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए 23 करोड़ रुपये की लागत से काम चल रहा है। इनमें से बहुत सी सड़कें बन चुकी हैं और बाकी पर जल्द ही कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में पहली बार एक साथ 6.24 किलोमीटर लंबाई के चार एलिवेटेड हाईवे का आज शिलान्यास हो रहा है। इसपर 414 करोड़ रुपये की लागत आई है।
गृहमंत्री ने कहा कि सुविधाओं के बढ़ने के बाद लखनऊ हवाई अड्डे की गतिविधियों में भी इजाफा हुआ है। पहले जहां 23 लाख यात्रियों की आवाजाही थी वहीं अब यह बढ़कर 45 लाख तक पहुंच गई है। उन्होने कहा कि 1383 करोड़ रुपये की लागत से डी-थ्री की परियोजना को मंजूरी दे दी गई है और तीन वर्ष में इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
गृहमंत्री ने कहा कि 1900 करोड़ रुपये की लागत से गोमती नगर टर्मिनस का काम शुरू हो गया है। इसके बन जाने के बाद चारबाग रेलवे स्टेशन के बोझ को कम किया जा सकेगा। उन्होने कहा कि चारबाग जंक्शन रेलवे स्टेशन पर 1800 करोड़ रुपये की लागत से काम हो रहा है। इससे जहां एक ओर यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी वहीं आउटर पर रेलगाड़ियों में होने वाले संचालन विलंब को भी दूर किया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी तरह 96 करोड़ रुपये की लागत से आलम नगर रेलवे स्टेशन के विकास का कार्य किया जा रहा है।
गोमती को प्रदूषण मुक्त करने के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की चर्चा करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हैदर कैनाल पर 336 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी का काम को मंजूरी दे दी गई है। पिछले महीने की 25 जुलाई से काम भी शुरू हो गया है। उन्होने बताया कि इसी तरीके से 11 करोड़ रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालयों पर काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 15 महीनों के उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान जहां प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहाल हुई है वहीं सड़कों तथा सस्ती दर पर अबाध बिजली मुहैया कराने की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य हुआ है। श्री योगी ने कहा कि स्मार्ट सिटी और अमृत योजनाओं के तहत लखनऊ के विकास की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है।
कार्यक्रम में गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने ‘सबका साथ सबका विकास, ग्राम सड़क योजना’ और ‘गौरवपथ- एक अभिनव प्रयास योजना’ पर पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन, बृजेश पाठक और रीता बहुगुणा जोशी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण मौजूद रहे।
आईएमपीआरआईएनटी-2 के तहत वित्त पोषण के लिए 112 करोड़ रुपये की लागत से 122 नए शोध परियोजना प्रस्ताव: एचआरडी मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर
शनिवार को नई दिल्ली में आईएमपीआरआईएनटी-2 की सर्वोच्च समिति की बैठक में स्वीकृति दी गई
उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए, प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आईएमपीआरआईएनटी-II के तहत 112 करोड़ रुपये की लागत से 122 नई शोध परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, उन्नत सामग्री, आईसीटी और सुरक्षा / रक्षा शामिल है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज एक बयान में कहा, "2145 प्रस्तावों में से, आईएमपीआरआईएनटी-II के तहत वित्त पोषण के लिए 122 सर्वश्रेष्ठ प्रस्तावों का चयन किया गया था, जो उच्च स्तर की प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने की क्षमता रखते हैं।"
श्री जावड़ेकर ने कहा कि मंजूर की गई 122 नई आईएमपीआरआईटी परियोजनाओं में से 81 उद्योग द्वारा प्रायोजित हैं...... यह उद्योग-अकादमिक जगत का सहयोग अनुसंधान की दिशा में नई उत्कृष्टता लाएगा। श्री जावड़ेकर ने कहा कि अनुसंधान परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी और निष्कर्ष के लिए अक्टूबर 2018 में ज्ञान पोर्टल शुरू किया जाएगा।
चयनित नए शोध परियोजना प्रस्तावों में: 35 (आईसीटी); 18 (उन्नत सामग्री), 17 (स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी), 12 (ऊर्जा सुरक्षा); 11 (सुरक्षा और रक्षा); 9 (सतत आवास); 7 (जल संसाधन और नदी प्रणाली); 5 (पर्यावरण और जलवायु); 4 (विनिर्माण); और 4 (नैनो प्रौद्योगिकी) शामिल हैं।
श्री जवाड़ेकर ने कहा कि आईएमपीआरआईटीटी प्रस्ताव अब उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए खुले हैं जिनमें निजी संस्थान भी शामिल हैं,इससे प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होगी और हमें अच्छे परिणाम मिलेंगे।
आईएमपीआरआईएनटी अपनी तरह की एमएचआरडी समर्थित पैन-आईआईटी + आईआईएससी की संयुक्त पहल का अच्छा उदाहरण है, जिसके द्वार अब निजी संस्थानों के लिए भी खुल गए हैं। इससे मुख्य रूप से विज्ञान और इंजीनियरिंग की चुनौतियों का समाधान करने में एक नई ऊर्जा का संचार होगा और हमारे देश भारत को और अधिक सशक्त बनाने के लिए, सक्षम और समृद्ध बनाने और आत्मनिर्भर बनाने में एक नये तरीके का प्रयोग नई ताकत प्रदान करेगा।
आईएमपीआरआईएनटी व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है जो उन क्षेत्रों में अनुसंधान का मार्गदर्शन करता है जो मुख्य रूप से सामाजिक रूप से प्रासंगिक हैं।
आईएमपीआरआईएनट-I के तहत 142 परियोजनाओं का कार्यान्वयन चल रहा है। इन परियोजनाओं को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अलावा कई मंत्रालयों, परिषदों और विभागों से समर्थन प्राप्त है।.