छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया धमतरी : डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग दे रहा घर-घर दस्तक
धमतरी, 24 अक्टूबर 2019
कलेक्टर श्री रजत बंसल के निर्देश पर जिले में डेंगू से बचाव एवं उसके रोकथाम के लिए जागरूकता लाने स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर दस्तक दी जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.डी.के.तुर्रे ने अपील की है कि डेंगू वेक्टर जनित रोग है, जिसमें लक्षित जनसंख्या समूह में व्यापक व्यवहार परिवर्तन गतिविधियांे के माध्यम से जागरुकता विकसित कर ’’डेंगू के दंश’’ से बचा जा सकता है। यह संक्रमित मादा एडिस म़च्छर के काटने से, स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में वाईरस प्रवेश कर रोग संक्रमण उत्पन्न करता है। मादा ऐडिस मच्छर उक्त वायरस का वाहक है, जो कि घर में तथा घर के आसपास जमे हुए साफ पानी में पनपता हैं। यह मच्छर दिन में ही काटता हैं। संक्रमित एडिस मच्छर के अंडे भी संक्रमित होते है। पानी के संपर्क में आने पर यह अंडा विकसित होकर संक्रमित होते हैं। इन मच्छरों का असर उन व्यक्तियांे पर अधिक होता है, जिनके शरीर का प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिसिस्टम) कमजोर होता है। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं सर्वे दलो द्वारा कलेक्टर परिसर, न्यायालय परिसर, जिला पंचायत परिसर, कम्पोजिट भवन, महिला बाल विकास विभाग, नगर निगम एवं अन्य शासकीय विभागों में डेंगू मच्छर के लार्वो को नष्ट करने के लिए नालियांे, कूलरों एवं पानी भरे गडढे एवं अन्य क्षेत्रो पर टेमिफॉस का छिड़काव किया गया, हालांकि डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए टेमिफॉस स्प्रे कॉफी कारगर साबित होता है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के खिलाफ अभियान चलाते हुए जिले के सभी 40 वार्डो में वार्डवार टेमिफॉस का छिड़काव स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं मितानिन के माध्यम से किया जा रहा हैं। विशेषकर मलिन बस्तियों एवं उच्च जोखिम क्षेत्र जैसे बांसपारा वार्ड, सरदार वल्लभभाई पटेल वार्ड, सुभाष नगर वार्ड, रत्नाबांधा वार्ड, श्यामतराई वार्डो, दानीटोला, जालमपुर, विन्ध्यवासिनी, महिमा सागर, गोकुलपुर, औद्योगिक वार्डो में टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों के घरों की नालियो, गमले-कूलरों टायरो, खटाल एवं जर्जर जगहों पर जमे पानी को खाली कराया जाता हैं। इसके तहत इन क्षेत्रो में अधिक ध्यान दिया जा रहा हैं एवं घर-घर जाकर स्वास्थ्य शिक्षा दी जा रही हैं। टीम द्वारा सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर प्रतिमाह लगभग 2560 घरों का भ्रमण किया जाता है। पखवाडे़ के दौरान लगभग 8230 घरों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें डेंगू के प्रकरण नहीं मिले हैं।
डेंगू के लक्षण:- अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखो के पीछे दर्द होना जो कि आंखो को घुमाने से बढ़ता है, जी-मितलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलो में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना, त्वचा पर चकत्ते उभरना। डंेगू से बचाव के उपाय - कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करे व धूप में सूखाकर प्रयोग करे। नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरो मे पानी जमा न होने दे। घरों के दरवाजो व खिड़कियो में जाली/परदे लगायें। वार्डवासियो ने इस अभियान में साथ देने का और शहर को डेंगू मुक्त बनाने का संकल्प लिया। बताया गया है कि स्वास्थ्य विभाग की निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श टोल फ्री नम्बर 104 पर डॉयल कर स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारी ली जा सकती है।
धमतरी, 24 अक्टूबर 2019
कलेक्टर श्री रजत बंसल के निर्देश पर जिले में डेंगू से बचाव एवं उसके रोकथाम के लिए जागरूकता लाने स्वास्थ्य विभाग द्वारा घर-घर दस्तक दी जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.डी.के.तुर्रे ने अपील की है कि डेंगू वेक्टर जनित रोग है, जिसमें लक्षित जनसंख्या समूह में व्यापक व्यवहार परिवर्तन गतिविधियांे के माध्यम से जागरुकता विकसित कर ’’डेंगू के दंश’’ से बचा जा सकता है। यह संक्रमित मादा एडिस म़च्छर के काटने से, स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में वाईरस प्रवेश कर रोग संक्रमण उत्पन्न करता है। मादा ऐडिस मच्छर उक्त वायरस का वाहक है, जो कि घर में तथा घर के आसपास जमे हुए साफ पानी में पनपता हैं। यह मच्छर दिन में ही काटता हैं। संक्रमित एडिस मच्छर के अंडे भी संक्रमित होते है। पानी के संपर्क में आने पर यह अंडा विकसित होकर संक्रमित होते हैं। इन मच्छरों का असर उन व्यक्तियांे पर अधिक होता है, जिनके शरीर का प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिसिस्टम) कमजोर होता है। इसके मद्देनजर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं सर्वे दलो द्वारा कलेक्टर परिसर, न्यायालय परिसर, जिला पंचायत परिसर, कम्पोजिट भवन, महिला बाल विकास विभाग, नगर निगम एवं अन्य शासकीय विभागों में डेंगू मच्छर के लार्वो को नष्ट करने के लिए नालियांे, कूलरों एवं पानी भरे गडढे एवं अन्य क्षेत्रो पर टेमिफॉस का छिड़काव किया गया, हालांकि डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए टेमिफॉस स्प्रे कॉफी कारगर साबित होता है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के खिलाफ अभियान चलाते हुए जिले के सभी 40 वार्डो में वार्डवार टेमिफॉस का छिड़काव स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं मितानिन के माध्यम से किया जा रहा हैं। विशेषकर मलिन बस्तियों एवं उच्च जोखिम क्षेत्र जैसे बांसपारा वार्ड, सरदार वल्लभभाई पटेल वार्ड, सुभाष नगर वार्ड, रत्नाबांधा वार्ड, श्यामतराई वार्डो, दानीटोला, जालमपुर, विन्ध्यवासिनी, महिमा सागर, गोकुलपुर, औद्योगिक वार्डो में टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों के घरों की नालियो, गमले-कूलरों टायरो, खटाल एवं जर्जर जगहों पर जमे पानी को खाली कराया जाता हैं। इसके तहत इन क्षेत्रो में अधिक ध्यान दिया जा रहा हैं एवं घर-घर जाकर स्वास्थ्य शिक्षा दी जा रही हैं। टीम द्वारा सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर प्रतिमाह लगभग 2560 घरों का भ्रमण किया जाता है। पखवाडे़ के दौरान लगभग 8230 घरों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें डेंगू के प्रकरण नहीं मिले हैं।
डेंगू के लक्षण:- अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आंखो के पीछे दर्द होना जो कि आंखो को घुमाने से बढ़ता है, जी-मितलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलो में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना, त्वचा पर चकत्ते उभरना। डंेगू से बचाव के उपाय - कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करे व धूप में सूखाकर प्रयोग करे। नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरो मे पानी जमा न होने दे। घरों के दरवाजो व खिड़कियो में जाली/परदे लगायें। वार्डवासियो ने इस अभियान में साथ देने का और शहर को डेंगू मुक्त बनाने का संकल्प लिया। बताया गया है कि स्वास्थ्य विभाग की निःशुल्क स्वास्थ्य परामर्श टोल फ्री नम्बर 104 पर डॉयल कर स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारी ली जा सकती है।