छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया बेमेतरा : राजीव गांधी आश्रय योजना- शहरी आवासहीन निर्धन व्यक्तियों को मिलेगा पट्टा : कलेक्टर ने 30 अक्टूबर तक सर्वे के लिए दिए निर्देश
बेमेतरा 22 अक्टूबर 2019
प्रदेश सरकार द्वारा समस्त शहरी आवासहीन निर्धन व्यक्तियों के लिए स्थायी व्यवस्था हेतु राजीव गांधी आश्रय योजना के अंतर्गत छ.ग. नगरीय क्षेत्रों में भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदाय किया जाना) अधिनियम 1984 के अंतर्गत 19 नवम्बर 2018 के पहले निवासरत झुग्गीवासियों को जिनके पास आवास का स्थायी पट्टा नहीं है, उन्हें स्थायी पट्टा दिया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी ने एक आदेश जारी कर जिले के सभी चार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अपने प्रभार क्षेत्रों के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया है। योजना का लाभ देने के लिए सर्वेक्षण दल गठित किया गया है। इसके अंतर्गत सभी तहसीलदार, मुख्य नगर पालिका अधिकारी बेमेतरा, जिले के सभी नगर पंचायत- साजा, बेरला, नवागढ़, मारो, परपोड़ी, देवकर, थानखम्हरिया, के सीएमओ जिला शहरी विकास अभिकरण अधिकारी, राजस्व निरीक्षण एवं हल्का पटवारी इस दल के सदस्य होंगे। कलेक्टर ने आज समय सीमा की बैठक के दौरान शासन की मंशा के अनुरूप 30 अक्टूबर तक सर्वेक्षण की कार्यवाही अनिवार्य रूप से पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विकास विभाग द्वारा कलेक्टरों को जारी परिपत्र के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में शासकीय नजूल/स्थानीय निकाय/विकास प्राधिकरण की भूमि में निवास करने वाले आवासहीनों को ऐसी अधिभोग की भूमि के पट्टे की पात्रता होगी, जिनका इस पते का राशन कार्ड बना हो। यदि राशन कार्ड न हो तो नियम में उल्लेखित अन्य प्रमाणित अन्य दस्तावेजों के आधार पर सत्यापन पश्चात उसे पट्टा प्रदान किया जावेगा। जारी परिपत्र के अनुसार सामान्यतया ऐसी व्यक्ति को 450 वर्गफुट तक की भूमि का पट्टा प्राप्त करने की पात्रता होगी। यदि झुग्गी वासी व्यक्ति के अधिभोग में 450 वर्गफुट से अधिक भूमि होने की स्थिति में निम्नानुसार निर्धारित क्षेत्रफल तक उसे पट्टा प्रदान किया जा सकेगा। नगर पंचायत क्षेत्रों में 1000 वर्गफुट, नगरपालिका क्षेत्र में 800 वर्गफुट, इस सीमा से अधिक भूमि के अधिभाग पाये जाने पर संबंधित व्यक्ति से उसे रिक्त कराया जाएगा। झुग्गीवासी भूमिहीन व्यक्ति से पट्टे के लिए कोई प्रब्याजी या भू-भाटक नहीं लिया जायेगा। विकास शुल्क के रूप में 10 वर्षाे तक प्रतिवर्ष निम्न दरों पर विकास शुल्क लिया जाएगा। नगर पंचायत क्षेत्रों में 5 रूपए प्रति वर्गफुट एवं नगर पालिका क्षेत्र मंे 10 रूपए प्रतिवर्ग फुट शामिल है। यदि कोई झुग्गी वासी किराया दार के रूप में निवास कर रहा है तब भी पट्टे की पात्रता उसे ही होगी। किसी भी परिस्थिति में झुग्गी के मालिक( जिसने किराया पर झुग्गी दे रखी है) को पट्टा नहीं दिया जाएगा। जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि पात्र झुग्गी वासियों को स्थायी एवं अस्थायी पट्टा 25 नवम्बर 2019 तक अनिवार्यतः वितरण करने के निर्देश दिए है।
बेमेतरा 22 अक्टूबर 2019
प्रदेश सरकार द्वारा समस्त शहरी आवासहीन निर्धन व्यक्तियों के लिए स्थायी व्यवस्था हेतु राजीव गांधी आश्रय योजना के अंतर्गत छ.ग. नगरीय क्षेत्रों में भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदाय किया जाना) अधिनियम 1984 के अंतर्गत 19 नवम्बर 2018 के पहले निवासरत झुग्गीवासियों को जिनके पास आवास का स्थायी पट्टा नहीं है, उन्हें स्थायी पट्टा दिया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी ने एक आदेश जारी कर जिले के सभी चार अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अपने प्रभार क्षेत्रों के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया है। योजना का लाभ देने के लिए सर्वेक्षण दल गठित किया गया है। इसके अंतर्गत सभी तहसीलदार, मुख्य नगर पालिका अधिकारी बेमेतरा, जिले के सभी नगर पंचायत- साजा, बेरला, नवागढ़, मारो, परपोड़ी, देवकर, थानखम्हरिया, के सीएमओ जिला शहरी विकास अभिकरण अधिकारी, राजस्व निरीक्षण एवं हल्का पटवारी इस दल के सदस्य होंगे। कलेक्टर ने आज समय सीमा की बैठक के दौरान शासन की मंशा के अनुरूप 30 अक्टूबर तक सर्वेक्षण की कार्यवाही अनिवार्य रूप से पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विकास विभाग द्वारा कलेक्टरों को जारी परिपत्र के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में शासकीय नजूल/स्थानीय निकाय/विकास प्राधिकरण की भूमि में निवास करने वाले आवासहीनों को ऐसी अधिभोग की भूमि के पट्टे की पात्रता होगी, जिनका इस पते का राशन कार्ड बना हो। यदि राशन कार्ड न हो तो नियम में उल्लेखित अन्य प्रमाणित अन्य दस्तावेजों के आधार पर सत्यापन पश्चात उसे पट्टा प्रदान किया जावेगा। जारी परिपत्र के अनुसार सामान्यतया ऐसी व्यक्ति को 450 वर्गफुट तक की भूमि का पट्टा प्राप्त करने की पात्रता होगी। यदि झुग्गी वासी व्यक्ति के अधिभोग में 450 वर्गफुट से अधिक भूमि होने की स्थिति में निम्नानुसार निर्धारित क्षेत्रफल तक उसे पट्टा प्रदान किया जा सकेगा। नगर पंचायत क्षेत्रों में 1000 वर्गफुट, नगरपालिका क्षेत्र में 800 वर्गफुट, इस सीमा से अधिक भूमि के अधिभाग पाये जाने पर संबंधित व्यक्ति से उसे रिक्त कराया जाएगा। झुग्गीवासी भूमिहीन व्यक्ति से पट्टे के लिए कोई प्रब्याजी या भू-भाटक नहीं लिया जायेगा। विकास शुल्क के रूप में 10 वर्षाे तक प्रतिवर्ष निम्न दरों पर विकास शुल्क लिया जाएगा। नगर पंचायत क्षेत्रों में 5 रूपए प्रति वर्गफुट एवं नगर पालिका क्षेत्र मंे 10 रूपए प्रतिवर्ग फुट शामिल है। यदि कोई झुग्गी वासी किराया दार के रूप में निवास कर रहा है तब भी पट्टे की पात्रता उसे ही होगी। किसी भी परिस्थिति में झुग्गी के मालिक( जिसने किराया पर झुग्गी दे रखी है) को पट्टा नहीं दिया जाएगा। जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि पात्र झुग्गी वासियों को स्थायी एवं अस्थायी पट्टा 25 नवम्बर 2019 तक अनिवार्यतः वितरण करने के निर्देश दिए है।
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