प्यारेलाल सिंह की पुण्यतिथि पर नमन

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 19 अक्टूबर 2019 मुख्यमंत्री ने ठाकुर प्यारेलाल सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया

 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में सहकारिता के जनक ठाकुर प्यारेलाल सिंह की पुण्यतिथि 20 अक्टूबर पर उन्हें नमन किया है। श्री बघेल ने ठाकुर प्यारेलाल सिंह के योगदान को याद करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वतंत्रता संग्राम को आगे ले जाने के साथ ही राजनांदगांव में मिल मजदूरों को अधिकार दिलाने के लिए किये गये आंदोलन और जनजागरण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने छत्तीसगढ़ में छात्रों को संगठित कर राष्ट्रीय आंदोलन की ओर मोड़ा। लोग उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के पराक्रमी सेनानी के साथ अपने सुख-दुख का साथी और पथ प्रदर्शक मानते थे। श्री बघेल ने कहा ऐसे सेवाभावी सेनानी का जीवन और विचार हमेशा हमारा पथ प्रदर्शन करता रहेगा।

मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री भुरवा सिंह वर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया
रायपुर, 19 अक्टूबर 2019 -  मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री भुरवा सिंह वर्मा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।  मूल रूप से बलौदाबाजार जिले के ग्राम दतान (प) निवासी श्री वर्मा का आज रायपुर के देवेंद्रनगर स्थित निवास में निधन हो गया। वे लगभग 93 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ देवेंद्रनगर मुक्तिधाम में किया गया। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी सहानुभूति प्रकट की है। उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री वर्मा ने महात्मा गांधी जी के नेतृत्व में संचालित 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया, जिसके कारण उन्हें 6 माह की जेल की सजा हुई थी।

धान अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला कृषि विश्वविद्यालय शुभारंभ राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके Dhan International Workshop Agriculture University

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 19 अक्टूबर, 2019 कम लागत में अधिक उत्पादन बढ़ाने की रणनीति पर कार्य कर  धान की खेती को लाभकारी बनाएं : सुश्री उइके

राज्यपाल ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का किया शुभारंभ
 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के सभागृह में ‘धान के नवीन किस्मों के शीघ्र विकास एवं बेहतर जैव विविधता उपयोग हेतु प्रजनन कार्यक्रम के आधुनिकीरण’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कम लागत में अधिक उत्पादन बढ़ाने की रणनीति पर कार्य कर धान की खेती को लाभकारी बनाएं। धान की ऐसी प्रजातियां विकसित की जाए जो कम लागत में अधिक उत्पादन देने वाली हों। इसके साथ ही सूखा निरोधक, जैविक एवं जैविक घटकों के प्रभाव को सहन करने की क्षमता वाली तथा पोषक तत्वों से भरपूर हो।
राज्यपाल ने कृषि वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे ऐसा मेकेनिज्म तैयार करें कि वर्तमान में लगने वाले 15 वर्षों के स्थान पर 5-6 वर्षों में ही किसानों के खेतों तक नई किस्में पहंुच सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में प्रतिवर्ष तकनीकी के नए प्रोडक्ट एवं माडल की मांग होती है। अतः कृृषि वैज्ञानिकों को भी प्रासंगिक रहने की आवश्यकता है। सुश्री उइके ने कहा कि परपंरागत विधि से धान की एक किस्म तैयार करने में 10 वर्ष का समय लग जाता है और नई किस्म के बीजों को किसानों तक पहुंचने में और 5 वर्ष लग जाते हैं। इस प्रकार कुल 15 वर्षों में 1 नई किस्म किसानों तक पहुंचती है, यह समय बहुत ज्यादा है। सार्वजनिक क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं को इस विषय पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
सुश्री उइके ने कहा कि दूबराज, जीरा फूल एवं जवाफूल आदि सुगंधित किस्में हैं, जिनकी उत्पादकता कम है और उनकी सुगंध भी कम होती जा रही है। इन सुगंधित प्रजातियों की सुगंध को बनाए रखने और इनकी उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कार्यशाला को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि अनुसंधान कार्यों को न्यूनतम आर्थिक संसाधनों के अनुरूप और मानव आवश्यकताओं पर आधारित बनाने पर जोर दिया। उन्होंने इंटरनेशनल राईस रिसर्च इंस्टीट्यूट की फिलीपींस से आए वैज्ञानिकों एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से कहा कि वे चावल के अनुसंधान हेतु नए क्षेत्रों का चिन्हांकन करें। राज्यपाल ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने पर शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कार्यशाला पर आधारित पोस्टर प्रदर्शनी का भी शुभारंभ किया।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल, राज्य सरकार के सलाहकार श्री रमेश शर्मा, अंतर्राष्ट्रीय धान अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिक श्री संजय कटियार ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कृषि आधारित पत्रिकाओं का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में धरसींवा विधायक श्रीमती योगिता शर्मा सहित कृषि वैज्ञानिक उपस्थित थे।

तेलीबांधा में शॉपिंग सीएम की गौठान गोबर दिया ख़रीदा, बांटा

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 19 अक्टूबर 2019 इस दीवाली गौठान के गोबर के दीयों से  रोशन होगा मुख्यमंत्री निवास : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हस्तशिल्पियों और महिला समूहों के स्टॉल  पहुंचकर की दीवाली की खरीददारी
मुख्यमंत्री ने कहा सभी छत्तीसगढ़वासी, छत्तीसगढ़ी सामग्रियों को करें प्रोत्साहित
मुख्यमंत्री ने लोगों को 5 हजार दीये वितरित किये

इस दीवाली गौठान के गोबर के दीयों से रोशन होगा मुख्यमंत्री निवास। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बस्तर प्रवास से लौटने के बाद दीपावली की खरीदी करने सीधे राजधानी रायपुर के तेलीबांधा तालाब पहुंचे। यहां परिक्रमा पथ पर छत्तीसगढ़ माटीकला बोर्ड, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन-बिहान और देवभोग के स्टॉल लगाए गए हैं।

इन स्टॉलों में छत्तीसगढ़ के कुम्हारों, हस्तशिल्पियों, स्व सहायता समूह की महिलाओं एवं अन्य कारीगरों द्वारा बनाये गए दीये, सजावट की वस्तुएं, उपहार, छत्तीसगढ़ी व्यंजन सहित अन्य सामग्रियां प्रदर्शन और विक्रय के लिए रखी गयी हैं। बिहान के स्टॉल में महिला समूहों द्वारा गौठानों के गोबर से बनाए गए दीये और अन्य सजावटी वस्तुएं खरीददारी के लिए उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यहां पहुंचकर दीपावली के लिए मिट्टी और गौठानों के गोबर से बने दीये, देवभोग द्वारा उत्पादित मिठाइयां तथा दूध से बनी अन्य सामग्री, महिला समूहों द्वारा तैयार छत्तीसगढ़ी व्यंजन के साथ अन्य वस्तुओं की खरीदी की। उन्होंने महिला समूहों और कारीगरों से सामग्रियों के निर्माण के सबंध में जानकारी भी ली और उनका उत्साहवर्धन किया ।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पाटन के कुम्हारों द्वारा निर्मित 5 हजार दीये भी उपस्थित लोगों को वितरित किये।
 
   
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से दीपावली सहित अन्य त्यौहारों के समय में छत्तीसगढ़ के कुम्हारों, हस्तशिल्पियों, बुनकरों एवं अन्य कारीगरों द्वारा बनाये गए दीये, वस्त्र, सजावट की वस्तुएं, उपहार एवं अन्य सामग्री की अधिकाधिक खरीदी करने की अपील की है। लोगों के इस छोटे से प्रयास से इन छोटे-छोटे कामों में लगे राज्य के लाखों लोगों के जीवन में खुशियां आ सकेंगी।

इस अवसर पर रायपुर नगर निगम के महापौर श्री प्रमोद दुबे, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, विधायक श्री कुलदीप जुनेजा, कलेक्टर रायपुर डॉ. एस भारतीदासन,  जिला पंचायत के सीईओ डॉ गौरव कुमार सिंह सहित बड़ी संख्या में शहरवासी उपस्थित थे।

डेयरी कॉलेज अंजोरा दुर्ग वैज्ञानिक डॉ. सुधीर उपरीत डेयरी टेक्नालॉजी व्याख्यान

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 18 अक्टूबर 2019 जीवन की चुनौतियों के लिए वैज्ञानिक समाधान: कृषि और डेयरी टेक्नालॉजी पर हुआ व्याख्यान

जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी के चौथे दिन आज जीवन की चुनौतियों के लिए वैज्ञानिक समाधान के तहत कृषि और डेयरी टेक्नालॉजी विषय पर व्याख्यान हुआ।
राजधानी रायपुर के शंकर नगर स्थित बी.टी.आई. मैदान में बच्चों के लिए 46 जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान, गणित एवं पर्यावरण प्रदर्शनी में डेयरी कॉलेज अंजोरा दुर्ग के वैज्ञानिक डॉ. सुधीर उपरीत ने डेयरी टेक्नालॉजी पर अपने व्याख्यान मेें कहा कि जीवन की चुनौतियों के समाधान में डेयरी टेक्नालॉजी को भी शामिल किया गया है। हम अपने दैनिक जीवन में दूध एवं दूध से बने उत्पाद का उपयोग करते है। आज दूध की प्राप्ति के साधन बढ़ गए है, पूर्व में दूध के उपलब्धता के साधन कम थे, परंतु अमूल के आने के बाद दूध के क्षेत्र में क्रांति आ गयी है। जिसका श्रेय डॉ. वर्गिस कुरियन को जाता है, जिन्हें दूध क्रांति का जन्मदाता माना जाता है।
    आज भारत दूध उत्पादन के क्षेत्र में विश्व में एक नंबर पर है। आज खुले दूध के साथ ही पैक दूध भी अनेक रूपों में प्राप्त हो रहा है, साथ ही दूध से बने उत्पाद जो केवल घर में प्राप्त होता था, आज बाजार में रेडिमेट प्राप्त हो रहा है, और भारत में बने उत्पाद पूरे विश्व में उपलब्ध हो रहा है। दूध से वर्तमान में 36 प्रकार के दूध उत्पाद बनाए जाते है। साथ ही उन्होंने बताया कि बाजार में प्राप्त दूध उत्पाद से संबंधित कुछ भ्रातियां है इसे दूर करने की आवश्यकता है। डॉ. सुधीर उपरीत ने डेयरी टेक्नालॉजी के विभिन्न क्षेत्र के बारे में तथा उसकी आवश्यकता के बारे में बताया और इस क्षेत्र में युवाओं के लिए क्या रोजगार है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में इसे हम इस प्रकार अपना भविष्य बना सकते हैं। डेयरी टेक्नालॉजी से संबंधित कॉलेज में बच्चे किस प्रकार प्रवेश ले सकते है इसकी जानकारी दी।
व्याख्यान के दूसरे वक्ता डॉ. संजय पाटिल, कुलपति, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर ने अपने व्याख्यान में कृषि के महत्व को बताते हुए कहा कि हम अनाज के बदले किसी अन्य चीज को नहीं खा सकते। अनाज मनुष्य का मुख्य भोजन है और युवा पीढ़ी इस क्षेत्र में अपना अच्छा कैरियर बना सकता है। इसके लिए वैज्ञानिक ज्ञान आवश्यक है, यह युवाओं को अच्छा उद्देश्य देता है, खेती में कई तकनीक आ गयी है। नए जमाने के किसान नयी तकनीक का उपयोग कर पैसा कमा रहे है। हर तरह के विज्ञान को मिलाकर कृषि बनती है कोई भी विज्ञान का जानकार इसमें जा सकता है। मानव ने अच्छे उपज वाले पौधों को चुनना शुरू कर दिया है चुनाव में अच्छे बीज होते है जिसका चयन कर हम उसे खेती में लाए, यह पुराने समय की बात थी इतनी बढ़ी जनसंख्या के पेट भरने का प्रश्न है। इसके अंतर्गत जो मॉडल साइंस आया है, उसमें मॉडल टेक्नालॉजी शामिल है। जींस एडिटिंग में बीजों में डी.एन.ए. के अणु कैसे जुड़े है और खराब को कैसे निकाले यह निर्धारित किया जाता है। कुपोषण का कारण जींक और आयरन का न मिल पाना है। पिछले तीन वर्षो में जींस एडिटिंग के द्वारा जिंक और आयरन की मात्रा अनाज में बढ़ा रहे ह,ै इनकी मात्रा बढ़ने पर अनाज टॉनिक बन जाएगा। जैव विविधता वाले देश मंे वैज्ञानिक कार्य करते हैं। नए तरीके के चावल आदि इकट्ठा करते हैं, जिसे भविष्य में समाधान के लिए उपयोग करते है। बायोटेक्नालॉजी से भूमि के अनुसार फसलों की पैदावार संभव है।

प्राणयंत्र, डाइबिटिक फूट डिसिस डिटेक्टर, खेल-खेल में सीखे गणित गुणनफल

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 18 अक्टूबर 2019 राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी : बाल वैज्ञानिकों ने मॉडलों में दर्शाया स्वास्थ्य और  गणित की चुनौतियों का समाधान
 राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी में प्रदर्शित विभिन्न विषयों के मॉडल आगंतुकों के लिए उत्साह का केन्द्र बने हुए हैं। मॉडल देखने के बाद विज्ञान की जिज्ञासाओं और जीवन की चुनौतियों का समाधान का हल भी इन नन्हें बाल वैज्ञानिकों ने खोजा है। बीमारियों की जांच के सस्ते तरीके मॉडल के माध्यम से इजाद किए हैं।

प्राणयंत्र (Lung Function Test) मॉडल

    राजस्थान से आए गर्वित और उनके साथी ने स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विषय में प्राणयंत्र का मॉडल के माध्यम से बताया है कि राजस्थान में प्रतिवर्ष औसत 137 व्यक्तियों की मौत फेफड़ों की बीमारी से होती है। इसकी जांच के लिए रोगी को 250 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। स्वास्थ्य जांच की कीमत भी बहुत अधिक है। समस्या के समाधान के लिए 18 हजार रूपए की लागत से मशीन बनाई गई है, जो बीमारी की स्टेज को बताती है। जिसके आधार पर उपचार होगा। मशीन की कार्यप्रणाली में जब व्यक्ति मशीन में फूक मारता है और सॉस को मशीन में लेकर दो ग्राफ मशीन जो इस मशीन से जुड़े है। जिसमें एक में गुणात्मक जांच होती है जो बीमारी के नाम की पहचान करता है। दूसरी ग्राफ मशीन मात्रात्मक है।

डाइबिटिक फूट डिसिस डिटेक्टर  (Diabetic Foot Diseases Detector)

    मधुमेह ऐसी बीमारी है जो निरंतर बढती जा रही है और इस बीमारी का सीधा प्रभाव पैरों पर पड़ता है, जिसे Diabetic Foot कहा जाता है। इसकी जानकारी लोगों को प्रारंभिक अवस्था में नहीं हो पाती और जब होती है उस समय तक लोगों को पैर कटवाने की नौबत आ जाती है। इसी समस्या की पहचान का यंत्र का प्रदर्शन मॉडल के माध्यम से नोएडा के छात्र शिवम अग्रवाल और मनोज्ञया काबरा द्वारा किया जा रहा है। इस यंत्र का नाम FSR (Force Sensitive Resistors) है। यह यंत्र एक सामान्य और एक मधुमेह प्रभावित व्यक्ति के पैरों का प्रेशर नापकर बीमारी के बारे में बता देंगा। इस यंत्र को जूतों के तल्ले में लगाने पर यह बैटरी को चार्ज करने और एल.ई.डी. जलाने का काम भी करेगा। पैरों के प्रेशर के माध्यम से इस यंत्र को मात्र दो हजार पॉच सौ रूपए में बनाया गया है।

खेल-खेल में सीखे गणित

    गणित को छोटे बच्चों को खेल-खेल में कैसे सिखाए इसके लिए राजस्थान से आए निहाल पंचाल ने अपने मॉडल के माध्यम से प्राथमिक कक्षा के बच्चों के लिए यह योग सिखाने का रचनात्मक तरीका प्रस्तुत किया है। मॉडल में बताया गया है कि यह एक से लेकर दस तक की संख्याओं में किन्हीं दो को जोड़ने पर क्या प्राप्त होगा। यह जानने के लिए उन्होंने एक बड़े बॉक्स का उपयोग किया है, जिसमे क्रम से अंक 0-9 तक लिखे हुए है। जैसे यदि सात और पॉच का योग प्राप्त करना है तो उसके नीचे की लकड़ी को खींचना पड़ता है यह सात के नीचे की लकड़ी खिंचने पर सात कंचे सबसे नीचे के बाक्से में आएगे साथ ही पॉच के नीचे की लकड़ी खिंचने पर पॉच कंचे निकल कर उसी बॉक्से में आते है अब सभी कंचों को गिनकर सात और पॉच का योग बारह प्राप्त किया जा सकता है।

गुणनफल सिखाने का बेहतर तरीका

    इसी प्रकार प्रतिछेदी रेखाओं के प्रतिछेद बिंदुओं का उपयोग संख्याओं के गुणनफल प्राप्त करने में इन्होंने अन्य मॉडल प्रस्तुत किया है। इसमेें जितनी संख्या होगी उसके मान के आधार पर उतनी रेखांए होगी जैसे 32X21 को उसने मॉडल में दर्शाया है। प्रथम अंक 32 में दहाई अंक 3 के लिए तीन रेखांए, बाई ओर इकाई अंक 2 के लिए दो रेखा दाई ओर बनायी गयी है। साथ ही दूसरे अंक 21 दहाई अंक 2 के लिए दो रेखा नींचे एवं इकाई अंक 1 के लिए एक रेखा ऊपर की ओर खींचा है। सभी रेखाओं के प्रतिछेद बिंदुओं को गिनकर लिखा गया है। जैसा पहले प्रतिछेद बिंदु में छः बिंदु है, दूसरा प्रतिछेद बिंदु ऊपर में तीन और नीचे में चार है अर्थात 3$4¾7 जो गुणनफल का दहाई अंक होगा और दाई ओर का प्रतिछेद बिंदु गुणनफल का इकाई अंक होगा जो कि 2 है। अतः गुणनफल 32X21का योग 672 प्राप्त होगा। यह गुणनफल को सिखाने का बेहतर तरीका है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ठाकुर रामसिंह के निर्देश

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर 18 अक्टूबर 2019 नगरीय निकायों के चुनावों के लिए जिला स्तर पर सभी तैयारियों को निश्चित समय सीमा में पूर्ण करें
राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री ठाकुर रामसिंह ने उप जिला निर्वाचन
अधिकारियों की बैठक में तैयारियों की समीक्षा की
राज्य निर्वाचन आयोग ने आगामी नगरीय चुनावों के लिए जिला स्तर पर सभी तैयारियां निश्चित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री ठाकुर रामसिंह ने यह निर्देश आज रायपुर में राज्य के सभी जिलों से आये उप जिला निर्वाचन अधिकारियों की बैठक में दिये। बैठक में निर्वाचन तैयारियों की समीक्षा की गयी। बैठक में राज्य निर्वाचन आयोग की सचिव कुमारी जिनेविवा किंडो और अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
    बैठक में नगर पालिकाओं में अंतिम प्रकाशन के बाद मतदाताओं की संख्या, निर्वाचन के लिए उपलब्ध मतदान सामग्री, अतिरिक्त आवश्यक सामग्री, अमिट स्याही की आवश्यकता, मतपत्र के लिए कागज, उपलब्ध वाहन इत्यादि की व्यवस्था के संबंध में चर्चा की गयी। बैठक में राज्य की नगरपालिकाओं में मतदान केन्द्र, संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केन्द्रों की संख्या के बारे में भी चर्चा की गयी। बैठक में मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण और कंट्रोल रूम आदि के बारे में भी उप जिला निर्वाचन अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की गयी।

न्यू कृषि उपज मंडी परिसर में श्रम विभाग ने गिफ्ट बांटा

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया ​​​​​​​रायपुर, 18 अक्टूबर 2019 नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने आज श्रमिकों को  सायकल और सुरक्षा उपकरण वितरित किया
लगभग चार करोड़ के विकास कार्यों का किया लोकार्पण एवं भूमिपूजन
गीताजंलि बंजारे को 1.05 लाख रूपए के श्रमिक दुर्घटना मृत्यु सहायता राशि का दिए चेक
नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने न्यू कृषि उपज मंडी परिसर में श्रम विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री असंगठित कर्मकार योजना और सुरक्षा उपकरण योजना के तहत हितग्राहियों को सायकल और सुरक्षा उपकरण वितरित किया। उन्होंने आरंग सहित आस-पास के गांवों में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में लगभग 4 करोड़ रूपए के विकास कार्यो का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया।
     इनमें आरंग अतंर्गत राजीव गांधी उद्यान में सौन्दर्यीकरण, शेड निर्माण, बोट, ओपन जिम एवं खेलकूद उपकरण, चबूतरा एवं मंच निर्माण, महिला मानक भवन निर्माण, सामुदायिक भवन में अतिरिक्त कक्ष निर्माण के लिए 82 लाख 27 हजार और सीसी रोड टॉप लेयर कार्य, नाली निर्माण, सामुदायिक भवन आदि निर्माण के लिए 75 लाख 54 हजार रूपए का भूमिपूजन तथा पारागांव में 2 करोड़ 40 लाख रूपए का विकास कार्य शामिल है। डॉ. डहरिया ने इस मौके पर विश्वकर्मा श्रमिक दुर्घटना सहायता योजना के तहत श्रमिक श्री सागर बंजारे के मृत्यु पर श्रीमती गीताजंलि बंजारे कोे एक लाख 5 हजार रूपए के सहायता राशि का चेक प्रदान किया।
      डॉ. डहरिया ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में गरीबों, किसानों सहित सभी वर्गों के हित में सामाजिक समरसता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मजदूरों के सुरक्षा एवं विकास के लिए जन्म से लेकर मृत्यु तक संचालित योजानाओं का लाभ लेने अपील की। डॉ. डहरिया जनप्रतिनिधियों और राज्य शासन के योजनाओं का लाभ ले चुके हितग्राहियों को अन्य लोगों को भी योजनाओं के संबंध में जागरूक करने की अपील की। डॉ. डहरिया ने बताया कि अब कोई भी श्रमिक मात्र 30 रूपए भुगतान कर सुविधा केन्द्रों में पंजीयन करा सकते है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महात्मा गांधी के बताये हुए रास्ते पर चल रही है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा के अनुरूप गांवों को समृद्ध करने के लिए नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना शुरू की है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी ने महिलाओं को आधिकार और सम्मान दिलाने का काम किया। श्री राजीव गांधी जी ने पंचायतीराज व्यवस्था लाकर महिलाओं को आरक्षण लाकर उनका अधिकार दिलाया।
   डॉ. डहरिया ने कहा कि प्रदेश और देश के विकास के लिए हम सब की सहभागिता जरूरी है। कार्यक्रम में रायपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती शारदा वर्मा, नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष श्रीमती करूणा तिवारी सहित बड़ी संख्या में श्रमिक और नगरवासी शामिल थे। 

व्यापम से जनसम्पर्क विभाग में नौकरी लगी

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 18 अक्टूबर 2019 जनसम्पर्क संचालनालय में सहायक ग्रेड-3 के नियुक्ति आदेश जारी
 
राज्य शासन के जनसम्पर्क संचालनालय द्वारा सहायक ग्रेड-3 पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्त आदेश जारी किया गया है। इस पद की परीक्षा छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित की गई थी। चयनित अभ्यर्थियों के नाम और उनकी पदस्थापना निम्नानुसार है:- श्री सैयद मिनहाजुद्दीन शाह, श्री अनिल कुमार, श्री रविशंकर देवांगन, श्री माधव प्रसाद पटेल को जनसम्पर्क संचालनालय रायपुर में पदस्थ किया गया है। इसी प्रकार श्री गजेन्द्र कुमार मेश्राम को जिला जनसम्पर्क कार्यालय रायपुर, श्री दीपक कुमार गोंड को जिला जनसम्पर्क कार्यालय महासमुंद, श्री राजकुमार कंवर को जिला जनसम्पर्क कार्यालय गरियाबंद में पदस्थ किया गया है। नियुक्ति आदेश की शर्ते अनुसार अभ्यर्थी को आदेश प्राप्त करने के बाद एक माह की अवधि में पदभार ग्रहण करने के लिए आदेशित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि नियुक्ति आदेश प्राप्त करने के बाद एक माह की अवधि में पदभार ग्रहण नहीं करने की स्थिति में कर्मचारी का नियुक्ति आदेश निरस्त माना जाएगा। 

राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी में सारे छत्तीसगढ़ के बच्चे CG Kids in Vigyan Pradarshani

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 18 अक्टूबर 2019 कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, कांकेर, बलोदा-बाजार, बालोद, बिलासपुर तथा रायपुर के बच्चों ने किया राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन
 46वीं जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में आज कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, कांकेर, बलोदा-बाजार, बालोद, बिलासपुर तथा रायपुर के बच्चे शामिल हुए। समग्र शिक्षा अंतर्गत राज्य के विभिन्न जिलों से लगातार छात्र-छात्राएं प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए आ रहे हैं। प्रदर्शनी को लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्साह देखा गया। दूरस्थ क्षेत्र से आए हुए बच्चों ने आज मिट्टी से बन रही कलाकृतियों मूर्तियों को देखकर बनाने में काफी उत्साहित दिखाई दिए। साथ ही छात्रों द्वारा लोक संगीत के कार्यक्रम में भी शामिल होकर जमकर नाच गान किया गया। प्रदर्शनी देखने आए कक्षा 7वीं के छात्र नितीश कुम्भकार ने कहा कि उन्हें यहां इलेक्ट्रिक सायकल बहुत अच्छी लगी, यह भविष्य में पर्यावरण सरंक्षण के लिए आवश्यक है।
    इसके अतिरिक्त आज बिलासपुर जिले के 35 हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल के 178 छात्र-छात्राओं और इन विद्यालयों के 12 शिक्षकों ने विधानसभा भवन, साईंस सेंटर और राष्ट्रीय बाल विज्ञान प्रदर्शनी का भ्रमण कर अवलोकन किया। 

अब दिव्यांगशौचालय बनेंगे, छत्तीसगढ़ पहला राज्य Divyang Shauchalaya Chhattisgarh First

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर. 18 अक्टूबर 2019 दिव्यांगों की जरूरत के मुताबिक अब घरों में बनाए जाएंगे विशेष शौचालय
ऐसी पहल करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य, 10 जिलों में जल्द शुरू होगा काम
विशेष शौचालयों के निर्माण के लिए ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अभियंताओं
और स्वच्छ भारत मिशन के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित 
 छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए विशेष पहल की जा रही है। सामान्य शौचालय के इस्तेमाल में उनकी परेशानियों को देखते हुए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत अब घरों में विशेष शौचालय बनाए जाएंगे। अलग-अलग तरह के दिव्यांगों के लिए इसकी डिजाइन और सुविधाएं अलग-अलग तरह की होंगी। छत्तीसगढ़ दिव्यांगों के लिए इस तरह की संवेदनशील पहल करने वाला देश का पहला राज्य है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जल्दी ही प्रदेश के 10 जिलों में इस तरह के शौचालयों का निर्माण शुरू होगा। इसके अंतर्गत करीब 1,200 शौचालय बनाए जाएंगे।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अभियंताओं और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के मैदानी अमले ने आज विषय विशेषज्ञों एवं आर्किटेक्टों के साथ दिनभर इसकी डिजाइन एवं सुविधाओं पर मंथन किया। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आज दिव्यांगों हेतु पहुंचयुक्त शौचालय निर्माण पर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यशाला में दिव्यांगों की व्यवहारिक दिक्कतों की पहचान कर उनके लिए सुगम शौचालय बनाने की तकनीक और विधियों पर विस्तृत चर्चा की गई।

कार्यशाला में आर्किटेक्टों ने नेत्रबाधित, हाथों, पैरों या अन्य तरीकों से दिव्यांगों के लिए उनकी जरूरत के मुताबिक अलग-अलग शौचालयों के निर्माण की बारिकियों की जानकारी दी। उनकी सहूलियत के हिसाब से उपयुक्त नल फिटिंग, फ्लोर फिनिशिंग, डोर फिटिंग, शीट फिटिंग और वेंटीलेशन के बारे में बताया। दिव्यांगों के लिए घरेलू और सामुदायिक शौचालयों में विशेष सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी गई। शौचालय निर्माण के काम में लगे अमले को प्रशिक्षित करने के लिए राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में स्वच्छ भारत मिशन द्वारा दिव्यांगों के लिए आठ अलग-अलग तरह के शौचालयों का मॉडल भी बनाया जाएगा।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल ने कहा कि रोजमर्रा के जीवन में दिव्यांगों की समस्याओं को समझने की जरूरत है। उनका जीवन सरल और सहज हो सके, इसके लिए हमे संवेदनशीलता से काम करना है। घरों में उनके लिए इस तरह के सुगम शौचालय के निर्माण से उनका जीवन आसान हो सकेगा। स्वच्छ भारत मिशन के संचालक श्री अनुराग पाण्डेय ने शौचालय के उपयोग में दिव्यांगों की व्यवहारिक परेशानियों को समझने के लिए कार्यशाला में प्रतिभागियों से कुछ अभ्यास भी करवाए। उन्होंने अधिकारियों को शौचालय निर्माण में आज कार्यशाला में दी गई जानकारी का उपयोग करने कहा। पायलट परियोजना के रूप में प्रदेश के 10 जिलों बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, महासमुंद, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, सरगुजा, कांकेर और दुर्ग के चयनित ग्राम पंचायतों में दिव्यांगों के लिए विशेष घरेलू शौचालय बनाए जाएंगे।

कार्यशाला में वाटरएड के लीड कंसल्टेंट श्री समीर घोष, सलाहकार सुश्री कृपाली बिदाए तथा आर्किटेक्ट श्री सौरभ मालपानी एवं सुश्री पारूल कुमठा ने प्रतिभागियों को दिव्यांगों के लिए विशेष शौचालय के आवश्यक पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान के संचालक श्री एस.के. जायसवाल, राज्य जल एवं स्वच्छता प्रकोष्ठ की वरिष्ठ समन्वयक श्रीमती अभिलाषा आनंद, स्वच्छ भारत मिशन के राज्य सलाहकार श्री पुरुषोत्तम पंडा तथा वाटरएड के श्री अनुराग गुप्ता भी उपस्थित थे।

विद्यार्थियों ने लोकतंत्र में निर्वाचन की प्रक्रिया को बड़ी जिज्ञासा से जाना और समझा

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 18 अक्टूबर 2019 - बाल वैज्ञानिकों ने किया सीईओ कार्यालय का अध्ययन भ्रमण

46वीं जवाहरलाल नेहरू विज्ञान गणित और पर्यावरण प्रदर्शनी में देश के अनेक राज्यों से आए हुए बाल वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय का अध्ययन भ्रमण किया।

    इस मौके पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने विद्यार्थियों को विधानसभा और लोकसभा निर्वाचन की प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी। विद्यार्थियों ने लोकतंत्र में निर्वाचन की प्रक्रिया को बड़ी जिज्ञासा से जाना और समझा। विद्यार्थियों ने भावी मतदाता होने के कर्तव्य को जानकर प्रसन्नता जाहिर की। सीईओ ने बाल वैज्ञानिकों के साथ बड़ी सरलता और सहजता से चर्चा करते हुए उनकी जिज्ञासा पर बौध्दिक चेतना के साथ-साथ विज्ञान पर केन्द्रित करियर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

    इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. के.आर.आर. सिंह, संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे, राज्य स्तरीय प्रशिक्षक श्री प्रशांत पांडेय, निधि अग्रवाल समेत निर्वाचन कार्य से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

चित्रकोट एक्जिट पोल के संचालन और प्रकाशन-प्रसारण रोक

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 18 अक्टूबर 2019 - चित्रकोट उपचुनाव के लिए मतदान के दिन एक्जिट पोल के  संचालन और प्रकाशन-प्रसारण पर प्रतिबंध
मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले की अवधि में ओपिनियन पोल और
पोल सर्वे के प्रकाशन-प्रसारण पर भी रोक

 भारत निर्वाचन आयोग ने चित्रकोट उपचुनाव के मद्देनजर एक्जिट पोल के संचालन और प्रकाशन-प्रसारण पर रोक के संबंध में अधिसूचना जारी की है। आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार चित्रकोट उपचुनाव के लिए मतदान के दिन 21 अक्टूबर 2019 को सवेरे 7 बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक की अवधि में उपचुनाव के संबंध में किसी भी तरह के एक्जिट पोल का संचालन तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसका प्रकाशन, प्रचार या अन्य किसी भी तरीके से प्रसार पर प्रतिबंध रहेगा।

      आयोग ने अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया है कि चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी विज्ञापन, ओपिनियन पोल या अन्य किसी पोल सर्वे के परिणामों सहित, प्रदर्शन पर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से प्रसारण करने पर रोक रहेगी। पुनः स्पष्ट किया गया है कि प्रचार के अंतिम 48 घंटे के दौरान प्रिंट मीडिया में भी राजनितिक विज्ञापनों के प्रकाशन के लिए रिटर्निंग ऑफिसर चित्रकोट/मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से पूर्वानुमति आवश्यक होगी।
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