छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया दिव्यांग मतदाताओं के लिए सुगम्य निर्वाचन हेतु कार्यशाला संपन्न : निर्वाचन में सभी की भागीदारी से लोकतंत्र मजबूत होगा : श्री सुब्रत साहू
रायपुर, 18 सितम्बर 2018 छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के मागदर्शन एवं समाज कल्याण विभाग के सहयोग से व समर्थ चेरीटेबल ट्रस्ट के तकनीकी सहयोग से छत्तीसगढ राज्य में दिव्यांग मतदाताओं के लिए सुगम्य निर्वाचन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन रेडक्रास भवन रायपुर में आज किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ राज्य निर्वाचन आयोग के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन व संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (स्वीप) डॉ. के.आर.आर.सिंह की उपस्थिति में हुआ। समापन सत्र छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू के मुख्य आतिथ्य व समाज कल्याण विभाग के संचालक डॉ. संजय अलंग की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
कार्यशाला में उद्बोधन देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुब्रत साहू ने कहा कि प्र्रदेश में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए हम लोग लगातार कार्य कर रहे हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि दिव्यांगजनों के लिए पोलिंग बूथ उनके अनुकूल हों। उन्होंने बताया कि सभी मतदान केन्द्र के सामने हेल्प डेस्क होगा। सभी मतदान केन्द्र में ब्रेल लिपि में मुद्रित मतदान की सामान्य जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं कोशिश यह भी की जाएगी कि हेल्प डेस्क के नजदीक में एन.एस.एस., एन.सी.सी. और स्वयं सेवी संस्था के वालिंटियर्स मदद के लिए तैनात रहेंगे, जहां से मतदाताओं को मतदान संबंधी सभी जानकारी मिलेगी।
इस अवसर पर डॉ. संजय अलंग ने कहा कि दिव्यांगजनों केे प्रति हमें सोच में बदलाव करने की जरूरत है। कार्यशाला की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ चुनाव तक ही नहीं आगे भी इस तरह की कार्यशाला जिले स्तर पर लगातार होनी चाहिए। जिससे सभी लोग और अधिक संवेदनशीलता से काम करेंगे।
कार्यशाला के प्रारंभ में दिव्यांगजनों से पूछा गया कि उन्हें मतदान करने के दौरान क्या-क्या कठिनाई आती है। उपस्थितजनों द्वारा बताया गया कि ईवीएम अधिक उंचाई पर रखे होने, ज्यादा दूर तक चलने, अधिक समय तक मतदान हेतु खड़े रहने, हमारी बात को न समझ पाने के कारण हमें मतदान के समय समस्या होती है। इस संबंध में डॉ. एस. भारतीदासन ने जानकारी दी कि इस वर्ष चुनाव में इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखा गया है। इनकी वजह से आप लोगों को अब दिक्कत नहीं होगी। सभी मतदान केन्द्रों पर रैम्प व शौचालय भी होना चाहिए। सभी जिलों में चुनाव कार्य में लगे हुए लोगों को संवेदनशील किया जा रहा है। जिस से सभी दिव्यांगजनों को सुगम्य मतदान करने में आसानी होगी। संविधान में वोट देने का अधिकार सभी को दिया गया है इसलिए ये हमारी जिम्मेदारी है कि वोट डालने हेतु सभी के लिए सुगम वातावरण बनाया जावे।
कार्यशाला में जिला पंचायत रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक सोनी की विशेष उपस्थिति रही। इस महती कार्यशाला में डॉ. राकेश कामरान (नेशनल एसोसिएसन फॉर ब्लांइड), डॉ. मीता मुखर्जी (पियाली फॉउंडेशन) व डॉ. मंजीत कौर बल (समर्थ चेरीटेबल ट्रस्ट) ने अपनी बात रखी। इस अवसर पर राज्य के 27 जिलों के समाज कल्याण विभाग के उप संचालक, संयुक्त संचालक व साईन लैंग्वेज के विशेषज्ञ, विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण व दिव्यांग संघ के 130 सदस्य उपस्थित रहे। प्रतिभागियों ने भी कार्यशाला में अपने विचार साझा किये। कार्यशाला में रोेल प्ले के माध्यम से मतदान केन्द्रों में अलग-अलग तरह के दिव्यांगजनों को होने वाली असुविधा और समस्याओं का प्रदर्शन कर उपस्थितजनों को अवगत कराया गया।
रायपुर, 18 सितम्बर 2018 छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के मागदर्शन एवं समाज कल्याण विभाग के सहयोग से व समर्थ चेरीटेबल ट्रस्ट के तकनीकी सहयोग से छत्तीसगढ राज्य में दिव्यांग मतदाताओं के लिए सुगम्य निर्वाचन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन रेडक्रास भवन रायपुर में आज किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ राज्य निर्वाचन आयोग के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन व संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (स्वीप) डॉ. के.आर.आर.सिंह की उपस्थिति में हुआ। समापन सत्र छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू के मुख्य आतिथ्य व समाज कल्याण विभाग के संचालक डॉ. संजय अलंग की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
कार्यशाला में उद्बोधन देते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुब्रत साहू ने कहा कि प्र्रदेश में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए हम लोग लगातार कार्य कर रहे हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि दिव्यांगजनों के लिए पोलिंग बूथ उनके अनुकूल हों। उन्होंने बताया कि सभी मतदान केन्द्र के सामने हेल्प डेस्क होगा। सभी मतदान केन्द्र में ब्रेल लिपि में मुद्रित मतदान की सामान्य जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं कोशिश यह भी की जाएगी कि हेल्प डेस्क के नजदीक में एन.एस.एस., एन.सी.सी. और स्वयं सेवी संस्था के वालिंटियर्स मदद के लिए तैनात रहेंगे, जहां से मतदाताओं को मतदान संबंधी सभी जानकारी मिलेगी।
इस अवसर पर डॉ. संजय अलंग ने कहा कि दिव्यांगजनों केे प्रति हमें सोच में बदलाव करने की जरूरत है। कार्यशाला की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ चुनाव तक ही नहीं आगे भी इस तरह की कार्यशाला जिले स्तर पर लगातार होनी चाहिए। जिससे सभी लोग और अधिक संवेदनशीलता से काम करेंगे।
कार्यशाला के प्रारंभ में दिव्यांगजनों से पूछा गया कि उन्हें मतदान करने के दौरान क्या-क्या कठिनाई आती है। उपस्थितजनों द्वारा बताया गया कि ईवीएम अधिक उंचाई पर रखे होने, ज्यादा दूर तक चलने, अधिक समय तक मतदान हेतु खड़े रहने, हमारी बात को न समझ पाने के कारण हमें मतदान के समय समस्या होती है। इस संबंध में डॉ. एस. भारतीदासन ने जानकारी दी कि इस वर्ष चुनाव में इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखा गया है। इनकी वजह से आप लोगों को अब दिक्कत नहीं होगी। सभी मतदान केन्द्रों पर रैम्प व शौचालय भी होना चाहिए। सभी जिलों में चुनाव कार्य में लगे हुए लोगों को संवेदनशील किया जा रहा है। जिस से सभी दिव्यांगजनों को सुगम्य मतदान करने में आसानी होगी। संविधान में वोट देने का अधिकार सभी को दिया गया है इसलिए ये हमारी जिम्मेदारी है कि वोट डालने हेतु सभी के लिए सुगम वातावरण बनाया जावे।
कार्यशाला में जिला पंचायत रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक सोनी की विशेष उपस्थिति रही। इस महती कार्यशाला में डॉ. राकेश कामरान (नेशनल एसोसिएसन फॉर ब्लांइड), डॉ. मीता मुखर्जी (पियाली फॉउंडेशन) व डॉ. मंजीत कौर बल (समर्थ चेरीटेबल ट्रस्ट) ने अपनी बात रखी। इस अवसर पर राज्य के 27 जिलों के समाज कल्याण विभाग के उप संचालक, संयुक्त संचालक व साईन लैंग्वेज के विशेषज्ञ, विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधिगण व दिव्यांग संघ के 130 सदस्य उपस्थित रहे। प्रतिभागियों ने भी कार्यशाला में अपने विचार साझा किये। कार्यशाला में रोेल प्ले के माध्यम से मतदान केन्द्रों में अलग-अलग तरह के दिव्यांगजनों को होने वाली असुविधा और समस्याओं का प्रदर्शन कर उपस्थितजनों को अवगत कराया गया।