छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, दिनांक 01 सितंबर 2018 मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ विधानसभा निर्वाचन 2018 की पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक
भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, श्री ओ.पी. रावत, निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोरा एवं निर्वाचन आयुक्त, श्री अशोक लवासा के नेतृत्व में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक बुलायी गई। आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा निर्वाचन 2018 की गहन समीक्षा के लिए यह दो दिवसीय बैठक रायपुर छ0ग0 में शुक्रवार एवं शनिवार को आयोजित की गई।
इस दो दिवसीय बैठक के दौरान आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों के अधिकृत प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं एवं मुद्दों को जाना। आयोग ने सभी संभागीय आयुक्त/आई.जी/कलेक्टर/पुलिस अधीक्षक के कार्याें की समीक्षा की एवं मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव गृह एवं राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही आयोग ने आयकर विभाग, आबकारी विभाग आदि इन्फोर्समेंट एजेंसी के साथ आगामी विधानसभा निर्वाचन 2018 के लिए रणनीति पर चर्चा की।
आयोग, स्वतंत्र, निश्पक्ष और पारदर्शी चुनाव का आयोजन करने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग का मार्गदर्शक सिद्धांत है, ‘‘कोई भी मतदाता न छूटे’’ ।
इन दो दिवसीय समीक्षा बैठक में जिन विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा की वे निम्नानुसार हैः-
1. रिव्यू के दौरान आयोग द्वारा राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की गई, ताकि उनकी मुद्दों एवं चिन्ताओं को समझा जा सकें । आयोग द्वारा निश्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान हेतु उनके सुझावों को नोट किया गया ।
2. आयोग द्वारा कलेक्टर/एस.पी. के कार्यों की समीक्षा की गई तथा मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव गृह एवं राज्य के अन्य वरिश्ठ अधिकारियों से मुद्दों पर चर्चा की गई।
3. आयोग द्वारा अन्य प्रवर्तन एजेन्सी जैसे आयकर विभाग, आबकारी विभाग आदि के साथ रणनीति पर चर्चा की गई ।
मुख्य बातें:-
1. आयोग द्वारा पहली बार एक्सेसिबिलिटी पर्यवेक्षक की नियुक्ति छत्तीसगढ़ में की जायेगी।
2. छत्तीसगढ़ के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक पोलिंग बूथ का संचालन महिलाओं के द्वारा होगा।
3. ‘सी-विजिल एप’ की सुविधा प्रदान की जायेगी, जिसके माध्यम से कोई भी नागरिक चुनाव संबंधी शिकायतें दर्ज करा सकेगा और इसका समयबद्ध तरीके से निराकरण किया जायेगा।
राजनैतिक दलों द्वारा उठाए गए मुद्दो एवं उनके सुझावः-
कानून एवं व्यवस्था
1. राजनैतिक दलों द्वारा मांग की गई कि राज्य में स्वतंत्र एवं निश्पक्ष मतदान सुनिश्चित किया जाए।
2. कुछ दलों द्वारा मांग की गयी कि चुनाव के लिए CAPF की तैनाती की जाय तथा बस्तर क्षेत्र में मतदान के दौरान CAPF की विशेष व्यवस्था की जाये और सभी राजनैतिक दलों के नेताओं को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए ।
3. नक्सल प्रभावित मतदान केन्द्रों पर उचित सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
4. दलों द्वारा Critical & Vulnerable मतदान केन्द्रों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था के अलावा सी.सी.टीवी. लगाये जाने की मांग की । कुछ दलो ने मतदान केन्द्रों में सी.सी.टी.वी, कैमरा लगाने की मांग की।
5. मतदान केन्द्रों पर वीडियो रिकार्डिंग की मांग की।
एम.सी.सी संबधित:-
1. कुछ दलों ने चुनावी लाभ के लिए सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के बारे में शिकायत की तथा इस संबंध में कार्यवाही किए जाने की मांग की।
2. कुछ राजनीतिक दलों द्वारा आदर्श आचरण संहिता की अवधि बढ़ाने की मांग की गई तथा यह निवेदन किया गया कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित विकास यात्रा में राजनीतिक दल के झण्डे एवं प्रतीक चिन्ह का प्रयोग न किया जाए।
3. कुछ राजनीतिक दलों द्वारा मांग की गई कि ऐसे अधिकारी जिन्होंने जिले में दो वर्ष की अवधि पूर्ण कर ली है उन्हें स्थानांतरित कर दिया जाए तथा प्रशासन के राजनीतिकरण की संभावना को रोकने के लिये प्रभावी ढंग से कार्यवाही किया जाए। कुछ पार्टियों ने यह भी मांग की कि ऐसे अधिकारी जो सामाजिक, धार्मिक संगठनों से जुड़े हुए पाये जाते हैं उन्हें चुनाव कार्य से पृथक किया जाए।
4. कुछ राजनीतिक दलों ने राज्य सरकार द्वारा मोबाइल वितरण के संबंध में शिकायत दर्ज कराया गया।
5. दलों द्वारा यह निवेदन किया गया कि अभ्यर्थियों एवं राजनीतिक दलों को अनुमति को जल्द से जल्द देने की विषय में निर्देश दिये जायें।
ई.वी.एम./वीवीपीएटी के मुद्दें
1. कुछ राजनीतिक दलों द्वारा यह मांग की गयी कि किसी भी प्रकार की बूथ कैप्चरिंग संबंधी संभावना को रोके जाने हेतु ईवीएम से ही मतदान कराया जाए। कुछ राजनीतिक दलों द्वारा ईवीएम/वीवीपीएटी तथा वीवीपीएटी पर्ची की गणना संबंधी मुद्दे उठाए गए तथा यह निवेदन किया गया कि यदि वीवीपीएटी पर्ची की गणना की संख्या बढायी जाती है तो मतदाताओं में विश्वास की वृद्धि होगी।
2. एक पार्टी ने कहा कि मतदान केन्द्र में बैलेट यूनिट को नियमानुसार रखा जाना चाहिए। उल्टे दिशा में न रखा जाये जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो।
व्यय निगरानीः-
1. कुछ राजनीतिक दलों द्वारा यह मांग की गई कि आदर्श आचार संहिता के लागू होते ही शासकीय दुकानों से शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाये । साथ ही यह भी मांग किया गया कि शराब के वितरण पर प्रभावी रोक लगाई जावे।
2. कुछ राजनीतिक दलों द्वारा राजनीतिक दलों के व्यय सीमा निश्चित करने की मांग की गई।
3. कुछ राजनीतिक दलों द्वारा आयोग का ध्यान मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से वितरित किये जाने वाले मुफ्त उपहारों की घोषणा पर आकृष्ट कराया। साथ ही यह भी मांग की गई कि मतदाताओं को शराब एवं अन्य वस्तुओं के वितरण को प्रभावी ढंग से निरीक्षण किया जावे।
4. व्यय पर्यवेक्षकों को विधानसभा क्षेत्र में किए जा रहे खर्च पर प्रभावी ढंग से निरीक्षण हेतु निर्देश जारी किए जाने चाहिए।
मतदाता सूची:-
1. कुछ दलों ने कुछ विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में मौजूद दोहरे नाम वाले मतदाताओं की शिकायत की। साथ ही यह मांग की गई कि प्रभावी सत्यापन प्रक्रिया का पालन किया जाये तथा घर-घर सर्वे किया जावे।
2. कुछ दलों ने मतदान केन्द्रों का युक्तियुक्तकरण की मांग की ताकि मतदाताओं को सुविधा हो।
3. राजनीतिक दलों ने मांग की कि वोटर आई.डी कार्ड को आधार कार्ड से लिंक किया जाना चाहिए।
4. जहां कुछ राजनीतिक दलों द्वारा मांग की गई कि मतदान केन्द्र के 100 मीटर के बाहर बनाये जाने वाले सहायता केन्द्र का खर्च अभ्यर्थी के चुनाव खर्च में जोड़ा जाना चाहिए। वहीं अन्य ने न जोड़े जाने की मांग की।
5. मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए दावा-आपत्ति प्रस्तुत करने की समय सीमा बढ़ाया जाना चाहिए।
6. प्रशासन द्वारा कुछ खास क्षेत्रों में मतदाताओं को बूथ में लाये जाने की प्रक्रिया को स्वीकृत नहीं किया जाना चाहिए।
7. सीमावर्ती राज्यों के निवासियों द्वारा राज्य में वोट डालने के प्रयास को प्रभावी ढंग से रोका जाना चाहिए।
अन्य विषय
1. कुछ राजनीतिक दलों द्वारा यह आवेदन किया गया कि अभ्यर्थियों/राजनीतिक दलों को विभिन्न प्रकार की अनुमति यथाः- सार्वजनकि सभा आदि हेतु सिंगल विन्डो व्यवस्था को लागू की जानी चाहिए।
2. राजनीतिक दलों द्वारा यह मांग किया गया कि पेड न्यूज के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जानी चाहिए तथा एम.सी.एम.सी. कमेटी को यह निर्देश जारी किया जाना चाहिए कि पेड न्यूज संबंधी प्रकरणों की शिकायतों पर प्रभावी कार्यवाही करे।
3. फोटो वोटर स्लीप वितरण मतदान दिनांक से पांच दिन पूर्व करा लिया जावे।
निर्वाचन कार्यक्रम
एक दल ने सिंगल फेज में चुनाव कराने की मांग की, वहीं एक अन्य दल ने तीन चरण में चुनाव कराने की मांग रखी। कुछ राजनीतिक दलों द्वारा ध्यान आकृष्ट कराया गया कि आने वाले त्यौहारों यथाः-दीपावली (07 नवम्बर) को ध्यान में रखते हुए चुनाव कार्यक्रम निर्धारित किया जावे।
1. निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि आयोग एक स्वतंत्र, निश्पक्ष, शांतिपूर्ण, पारदर्शी और समावेशी निर्वाचन के लिये पूरी मतदान प्रकिया के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिये एक प्रभावी तंत्र स्थापित किया जायेगा।
2. आयोग ने EVM & VVPAT के कामकाज के बारे में राजनैतिक दलों को भी बताया और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रायपुर छ.ग. को राज्य मंें व्यापक VVPAT जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिये गये।
3. आयोग ने राजनैतिक दलों की चिंताओं का समाधान करने एवं मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिये प्रेरित पैदा करने के लिये सभी स्तरों पर प्रभावी योजना और निश्पादन सुनिश्चित करने के लिये राज्य चुनाव तंत्र को निर्देश दिया। आयोग ने आगे निर्देश दिया की पूरी निर्वाचन प्रक्रिया को स्वतंत्र एवं निश्पक्ष होना चाहियें और यह सुनिश्चित करने के लिये सभी संभव कदम उठाए जाने चाहिये ताकि प्रत्येक मतदाता बिना किसी डर या प्रलोभन के अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम हो। अधिकारियों को निश्पक्ष कार्य करने की सलाह दी गई तथा किसी भी अधिकारी द्वारा किसी भी पक्षपात पूर्ण कारवाई को आयोग द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा ।
4. आयोग निर्वाचन की गहन निगरानी के लिये सामान्य पर्यवेक्षकों, व्यय पर्यवेक्षकों, पुलिस पर्यवेक्षकों तथा माईक्रो पर्यवेक्षकों का विस्तार करेगा। चुनाव आयोग द्वारा पहली बार एक्सेसीबल पर्यवेक्षकों को भी तैनात किया जाएगा।
5. आयोग ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि स्थानांतरण के विषय में आयोग के नीति के अनुसार कार्यवाही करें।
6. आयोग ने यह भी निर्देश दिए गए कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में चुनाव पार्टियों के सभी सदस्यों को मतदान केन्द्र से वापस लाने की भी व्यवस्था करें और आवश्यक हो तो अधिक हेलीकाप्टर का प्रयोग किया जाय।
7. मुख्य सचिव को निर्देश देते हुए आयोग ने बल देकर कहा कि चुनाव से जुड़े हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्पक्षता सुनिश्चित की जाय।
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रः-
विधानसभा सेगमेन्ट निर्वााचन क्षेत्र
कुल सामान्य अनु. जाति
अनु. जनजाति
90
51 10
29
मतदाता सूचीः- मतदाता सूची प्रारूप के अनुसार मतदाता (31 जुलाई-2018)
कुल पुरूष महिला थर्ड जेण्डर
सेवा मतदाता
31.07.2018
181Lakh 91.46 Lakh 90.32 Lakh 831
12931
2014 LS
176 Lakh 89.41Lakh 87.15 Lakh 985
6653
2013AE
168 Lakh 85.52 Lakh 82.55 Lakh 1426
5195
1. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रायपुर छ.ग ने सूचित किया कि 31 जुलाई, 2018 को प्रकाशित प्रारूप मतदाता सूची के अनुसार राज्य में कुल-181 लाख मतदाता है जिसमें. 91.46 लाख पुरूश तथा 90.32 लाख महिला मतदाता है।
2. वर्तमान में, मतदाता सूची के द्वितीय विशेश संक्षिप्त पुनरीक्षण संदर्भ तिथि 01.01.2018 प्रगति पर है एवं इसका अंतिम प्रकाशन दिनांक 27.09.2018 में किया जावेगा। कुल- 1.70 लाख आवेदन (1.03 लाख फार्म-06 एवं 0.43 हजार फार्म-7) प्राप्त हुये है। तथा इनके सत्यापन एवं निश्पादन की कार्यवाही की जा रही है।
3. मतदाता सूची ड्राफ्ट का प्रकाशन दिनांक 31 जुलाई, 2018 किया गया था। सूची की प्रतियॉ सभी राजनैतिक दलों को प्रदान की गई है और ceochhattisgarh.nic.in वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराई गई है।
4. दिनाक 10 अगस्त, 2018 को शासकीय सेवा मतदाताओं के लिये मतदाता सूची का अंतिम भाग डी.नो.वो तैयारी से प्रकाशित किया गया, अब तक 13078 सेवा मतदातओं का पंजीकृत किया गया है। जो सेवाकालीन मतदाताओं की-2013 की संख्या का 152 प्रतिशत है। ceo ने आने वाले आवेदन पर कार्यवाही कर समय-सीमा के भीतर सूची के अंतिम प्रकाशन के निर्देश दिये गये है।
5. वर्तमान में मतदाता सूची में फोटो कवरेज का प्रातिशत 99.74 प्रतिश्त है और EPIC कवरेज का प्रतिशत भी 99.02 प्रतिशत है। PER कवरेज को शतप्रतिशत करने के लिये प्रयास किये जा रहे है।
6. आयोग ने, डाक मतपत्र प्रणाली सुव्यवस्थित हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। ETPBS का इस्तेमाल सर्विस मतदाता द्वारा किया जावेगा।
7. चुनाव आयोग द्वारा चुनाव आयोग द्वारा दावे एवं आपत्ति देने की अंतिम तिथि 31/08/2018 से बढ़ाकर 07/09/2018 तक कर दी गई है। इससे नाम जोड़ने, विलोपित करने, संशोधन करने हेतु दावा-आपत्ति 07/09/2018 तक प्रस्तुत किये जा सकेंगे।
मतदान केन्द्रः-
1. वर्तमान में 23632 मतदान स्थानों पर कुल 19545 मतदान केन्द्र है।
2. इन मतदान केन्द्रों पर ।डथ् आश्वासित न्यूनतम सुविधाओं की स्थिति निम्नानुसार है-
राज्य में AMF सुविधाओं के अनुपालन की वर्तमान स्थिति-
ऽ रैम्प-89.16:
ऽ पेयजल-98.43:
ऽ शौचालय- पुरूष-97.84: एवं महिला-92:
ऽ बिजली-95.40:
ऽ प्रतीक्षालय/शेड-100:
राज्य सरकार को जल्द से जल्द दिव्यांगों सहित सभी मतदाताओं के लिये सुविधाजनक बनाने के लिये AMF सुविधाओं को पूरा करने के निर्देश दिये गये है।
EVMs & VVPATs%&
1. छत्तीसगढ़ में, पहली बार राज्य के 90 विधानसभा क्षेत्रों के सभी 23632 मतदान केन्द्रों पर EVM के साथ VVPAT का इस्तेमाल किया जायेगा। VVPAT से मतदाता, कागज की पर्ची पर उस उम्मीदवार का नाम व चिन्ह देख सकते है जिसे उसने वोट दिया है।
2. छत्तीसगढ़ में प्रत्येक मतदाता पहली बार VVPAT का उपयोग करेंगे। इसलिए आयोग ने सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को EVM के साथ VVPAT के उपयोग पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का नेतृत्व करने का निर्देश दिया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रायपुर छ.ग. ने सूचित किया कि जागरूकता अभियान चल रहे हैं और जारी रहेंगे।
कानून और व्यवस्था सुरक्षा प्रबंधनः-
1. राज्य प्रशासन एवं पुलिस को सुरक्षा और कानून व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिये कदम उठाने को कहा गया है और जेलों के आकस्मिक निरीक्षण N.B.W के निश्पादन, असामाजिक तत्वों का चिन्हांकन आदि कदम उठाने को कहा गया है।
2. राज्य में निर्वाचन की घोषणा के पश्चात् समस्त गतिविधियों पर नजर रखने के लिये सामान्य एवं पुलिस पर्यवेक्षकों का विस्तार किया जाएगा तथा प्रशासन को उचित कार्यवाही करने की सलाह दी जायेगी। इन पर्यवेक्षकों के संपर्क नम्बरों को जनता के लिये उपलब्ध किया जाएगा।
3. CAPF का उपयोग कॉॅन्फिडेंस बिल्डिंग उपायों ¼CBM½ के लिये जाएगा। CAPF वाहनों के पास उचित संकेत और सार्वजनिक पता प्रणाली से युक्त होंगे।
4. आयोग ने सभी मतदान कर्मचारियों, CAPF और चुनाव कार्य में संलग्न पुलिस बल के कैशलेस उपचार हेतु राज्य सरकार को निर्देश दिये है।
5. आयोग ने किसी भी अनिश्चितता के मामले में त्वरित निकासी के लिये एयर एम्बुलेंस का प्रावधान भी किया है।
6. राज्य के सभी पुलिस जांच नाके चुनाव के दौरान 24ग्7 वेबकास्टिंग/सीसीटीवी/वीडियोग्राफी युक्त होगंें।
7. जिला स्तरीय समीति द्वारा छुट दिये गये हथियारों को छोड़कर राज्य के सभी लाइसेंस प्राप्त हथियारों का सत्यापन कर उन्हें जमा किया जायेगा।
8. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिये गये हैं।
व्यय निगरानीः-
1. आयोग ने धन/शराब और मुफ्त उपहार वितरण के दुरूपयोग को रोकने के लिये प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समीक्षा की भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, चुनाव व्यय निगरानी टीमों का गठन करेंगे।
2. व्यय पर्यवेक्षकों की पर्याप्त संख्या (व्यय की दृश्टि से संवेदनशील क्षेत्रों सहित) प्रभावी व्यय निगरानी के लिये भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त किये जायेंगे।
3. व्यय निगरानी के लिये आयकर अधिकारियों को नियुक्त किया जायेगा।
4. तीन प्रति निर्वाचन क्षेत्र की दर से फलाइंग स्वाक्ड तथा स्थैतिक निगरानी टीमों को सीमावर्ती एवं संवेदनशील क्षेत्रों में नगद, शराब और अन्य प्रलोभन सामग्री की देख-रेख के लिये परिचालित किया जायेगा।
5. इन टीमों के वाहनों पर जी.पी.एस. का उपयोग किया जायेगा ताकि उनकी स्थिति को ट्रैक किया जा सकें।
6. बैकिंग चैनलों के माध्यम से पैसे के लेन-देन पर नजर रखी जाएगी और संदिग्ध बैकिंग लेन-देन की निगरानी के लिये फूलप्रूफ व्यवस्था की जाएगी।
7. आई.टी अधिकारियों की निगरानी इकाई, प्रमुख विमानतलों पर स्थापित की जायेगी।
8. आयोग ने उम्मीदवारों के हल्फनामों (शपथ पत्रों) को 24 घण्टों के भीतर वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिये।
9. आयोग ने शराब वितरण को रोकने के लिये आबकारी विभाग को तैयार रहने तथा सुदृढ़ तंत्र बनाने के निर्देश दिये है।
10. वाणिज्यिक कर विभाग के सभी मोबाइल स्क्वाड मुफ्त वितरित की जाने वाली प्रलोभन सामग्रियों के प्रयास की निगरानी के लिये काम करेगें।
एम.सी.एम.सी और पेड न्यूजः-
1. आयोग ने पाया कि प्रत्येक जिले और राज्य की राजधानी में MCMC (मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति) गठित की गई है।
2. मीडिया में जुड़े मुद्दों पर चुनाव की घोशणा के तुरंत बाद एक प्रेस नोट जारी किया जाएगा जिसमें पेड न्यूज से संबंधित PCI और NBA दिशा-निर्देश भी होंगे और मीडिया से इन दिशानिर्देश का पालन करने की अपेक्षा है।
सूचना प्रौद्योगिकी पहलः-
आयोग निर्वाचन के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी आधारित एप्लीकेशन का सफलतापूर्वक उपयोग न केवल विभिन्न हितधारकों की बेहतर सुविधा जैसे-मतदाता, मतदान कर्मी, राजनैतिक दल एवं उम्मीदवार आदि के लिये कर रहा है वरन् विभिन्न चुनाव प्रक्रियाओं की कुशल एवं प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने एवं सार्वजनिक शिकायतों के निराकरण के लिये भी कर रहा है।
छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा निर्वाचन-2018 के लिये उपयोग होने वाले नये आई.टी. एप्लीकेशन
1. समाधानः- सार्वजनिक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली-
चुनाव आयोग द्वारा एक व्यापक मजबूत एवं विश्वसनीय सार्वजनिक शिकायत निवारण प्रणाली विकसित की गई है। ताकि किसी भी सदस्य जिसके अन्तर्गत सभी हितधारक सम्मिलित है जैसे- राजनैतिक दल, उम्मीदवार, सिविल सोसाइ्यटी आदि द्वारा रखे गये, चिंताओं, शिकायतों और सुझावों के लिये एक सार्वजनिक मंच प्रदान किया जा सकें। वेबसाइट, ई-मेल , पत्र , फैक्स एसएमएस , कॉलसेंटर (1950) आदि चैनल स्त्रोंतो के समूह से किसी भी चुनाव संबंधित शिकायत दर्ज कराने के लिये नागरिकों के पास सुविधा है।
2. सुविधाः- एकल विंडो अनुमति प्रणाली-
24 घण्टों के भीतर चुनाव प्रचार से संबंधित अनुमति/मंजुरी देने के लिये एक एकल विंडो प्रणाली बनाई गई है। इस प्रणाली में उम्मीदवार या राजनैतिक दल बैठकों, रैलियों, वाहनों, अस्थायी चुनाव कार्यालय, लाउडस्पीकर आदि की अनुमति के लिये एक ही स्थान पर आवेदन कर सकते है, जहॉ विभिन्न अधिकारियों/विभागों का बैक-एंड में शामिल किया गया है। यह प्रणाली प्रत्येक सब डिविजन मंें प्रत्येक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी स्तर पर होगी जो 24 घंटे में अनुमतियों के आवेदन पर कार्यवाही तथा अनुमति प्रदान करेगी। हालांकि हेलीकॉप्टर उपयोग/लैंडिग व हेलीपैड के उपयोग की अनुमति के विशय मंे, आवेदन कम से कम 36 घण्टे पहले जमा करना होगा।
3. सुगमः- वाहन प्रंबधन प्रणाली-
यह एक आई.टी आधारित वाहन प्रबंधन प्रणाली है जिसमें वाहनों के लिये मांग पत्र जारी करने, विवरण व पते सहित वाहनों का अधिग्रहण, चालक और मालिक के मोबाईल नंबर बैंक विवरण, एक जिले से दूसरे जिले में वाहनों का स्थानांतरण आदि सुविधा है।
(द) cVIGIL%&
cVIGIL निर्वाचन एप राज्य में किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता (MLC) के उल्लघंन की रिपोर्ट करने की सुविधा देता है जो चुनाव की घोशणा की तारीख से प्रभावी होकर मतदान के एक दिन बाद तक चलता है । इस एप का उपयोग कर नागरिक चुनाव संबंधी किसी भी नियम के उल्लंघन की बिना रिटनिंग अधिकारी के कार्यालय के चक्कर लगाए रिपोर्ट कर सकता है । सतर्क नागरिक आदर्श संहिता के उल्लंघन की फोटो ले सकते हैं और घटना का विडियो रिकार्ड कर तुरंत यह फोटो/विडियों एप से अपलोड कर सकते हैं। भौगोलिक सूचना प्रणाली का उपयोग कर ऐप द्वारा स्वमेव स्थान मैपिंग किया जायेगा । ऐप के माध्यम से सफल सबमिशन के बाद, नागरिक को उसके मोबाइल पर फॉलोअप अपडेट ट्रैक करने के लिए एक यूनिक आई.डी मिलेगी । पूरी प्रक्रिया के दौरान शिकायकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जायेगी ।
(न) निर्वाचन एटलसः
निर्वाचन एटलस (GIS -मैप ) राज्य के 90 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए तैयार किया गया है। GIS - मैप के अर्तगत पी.सी लेयर, ए.सी.लेयर, मतदान केन्द्र लेयर डी.ई.ओ.आर.ओ. बी.एल.ओ. व ए.एल.एफ की सूचना, असुरक्षित एवं संवेदनशील मतदान केन्द्र आदि है।
(य) वेबकास्टिंग: स्वतंत्र एवं निश्पक्ष मतदान, सुनिश्चित करने के लिए आयोग द्वारा निर्धारित मतदान केन्द्रो पर वेबकास्टिंग की जायेगी तथा और सभी जगहों पर स्थिर कैमरो द्वारा विडियोग्राफी की जायेगी ।
सुलभ निर्वाचन:-
1. आयोग द्वारा मतदाताओं के सभी वर्गों विशेश रुप से दिव्यांग, वृद्व और अशक्त मतदाताओं के लिए निर्वाचन प्रकिया को सुलभ बनाने पर विशेश जोर दिया है । इस उदेदश्य के लिए सभी मतदान परिसरो केा स्थायी या अस्थायी रैम्प प्रदान किया गया है जिससे बाधा रहित पहुॅच हो सकें ।
2. फील्ड अधिकारियों को स्पेशल समरी रिविजन 2018 के दौरान डोर-टू-डोर जा कर सूचना एकत्रित करने के निर्देश दिए गए है।
3. शारिरीक रुप से निःशक्त मतदाताओं का डेटाबेस बनाया गया है और ऐसे मतदाताओं को मतदान केन्द्र मे नामांकित किया जायेगा और बी.एल.ओ. को यह सूची प्रदान की जायेगी ताकि उन्हे विशेश सहायता प्रदान किया जा सकें ।
4. शारिरीक रुप से निःशक्त मतदाताओं के लिए जहॉ तक संभव हो विशेश सुविधा जैसे व्हील चेयर, प्रतीक्षालय, क्यू असिसटेस , रैंप, एस्कार्ट आदि प्रदान किया जाना है ।
5. दृश्टिहीन मतदाताओं के लिए आसानी से पढने योग्य ब्रेल मतदान प्रदान किया जायेगा।
मतदाता सुविधा:-
1. आयोग ने निर्देश दिया कि मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की सुविधा के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ कर ली जाए ताकि मतदाताओं द्वारा सुविधाजनक एवं सुचारु मतदान अनुभव सुनिश्चित किया जा सकें ।
2. राज्य के हर मतदान केन्द्र के बाहर मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदाता सुविधा बूथ होगा ।
3. पूर्ण रुप से महिलाओं द्वारा संचालित मतदान केन्द्रः- यह बहुत हर्श का विशय है कि राज्य में पहली बार, आयोग द्वारा राज्य विधान सभा निर्वाचन हेतु कम से कम एक ऐसा मतदान केन्द्र स्थापित किया जायेगा जो पूर्ण रुप से महिलाओं द्वारा संचालित होगा ।
4. मतदान केन्द्र के स्थान पर संशोधित फोटो मतदाता पर्ची, मतदाताओं को मार्गदर्शन के लिये प्रदान किया जायेगा।
5. मतदाता सुविधा पोस्टर, मतदान केन्द्र के बाहर प्रदर्शित किया जाएगा।
6. मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिये मतदान कम्पार्टमेन्ट की उचाई 24 इंच से बढ़ाकर 30 इंच कर दी गई है।
स्वीप:-
1. नैतिक और जागरूक मतदान सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने संचार के सभी तरीकों से समावेशित, सहभागितापूर्ण और लोगों के अनुरूप ¼People friendly½ SVEEP प्रचार का आयोजन करने के लिए निर्देशित किया है।
2. आयोग ने निर्वाचकों में VVPAT के प्रति जागरूकता लाने और मतदाता सुविधा में वृद्धि पर विशेश जोर दिया है।
3. मतदाताओं के योगदान को बढ़ाने के लिए एवं दिव्यांगों, कमजोर वर्ग और कम मतदान वाले इलाकों पर विशेश ध्यान देने हेतु जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देशित किया गया है।
नियमित मीडिया संवाद
1. आयोग, मीडिया को कुशल चुनाव प्रबंधन को सुनिश्चित करने में, नियमों का प्रभावी अनुपालन करने में तथा आयोग के आदेशों एवं निर्देशों का पालन करने में अपना घनिश्ठ और सशक्त सहयोगी मानता है।
2. आयोग ने सोशल मीडिया को मतदाता और मतदान के हित में उपयोग करने के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है।
3. आयोग ने निर्देशित किया है कि चुनाव के समीप आने पर नियमित प्रेस ब्रीफिंग मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा किया जाए और सभी चुनाव संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियों को सभी लोगों तक नियमित रूप से मीडिया के जरिये पहुँचाई जाये।
अंततः
1. आयोग चुनाव की शुद्धता बनाए रखने और स्वतंत्र, निश्पक्ष और पारदर्शी चुनाव आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
2. आयोग ने राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय निर्वाचन मशीनरी को भयमुक्त, निश्पक्ष तटस्थ और स्वतंत्र रहने के निर्देश दिए हैं। कोई भी यदि इन मापदण्डों का उल्लंघन करते पाया जाता है तो आयोग उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने में संकोच नहीं करेगा।
3. हम आशा करते हैं कि आने वाले राज्य के विधान सभा निर्वाचन में आयोग के सूत्र वाक्य ‘‘कोई भी मतदाता न छूटे’’ का पालन होगा जिससे सशक्त लोकतंत्र में प्रत्येक मतदाता की सहभागिता सुनिश्चित की जा सकेगी।