छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया कवर्धा : गौठान के गोबर से बने रंग बिरंगे दीये लोगो को कर रहें आकर्षित : कलेक्टर ने अपने घर के लिए दीये खरीदनें पहुँचे समूह ने खुशी जाहिर की
कवर्धा, 25 अक्टूबर 2019 दीपावली पर सभी घरों में दीये की महत्ता के कारण शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र हर तरफ दीये की मांग होती है। ऐसे समय में रंग बिरंगे दीये मिल जाये तो खुशियां और बढ़ जाती है। सुराजी गांव योजना से बने गौठानों में गोबर महिला समूह को उपलब्ध हो रहा है। इन्ही गोबरों से महिला स्व.सहायता समूह, द्वारा दीये बनाने का काम कर रहे है। ग्राम पंचायत बिरकोना सहित आसपास के गौठान में बने दीये बाजार में बिक रहे है, जिसको लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है। आज दिन भर में समूह द्वारा 2000 से अधिक दीये एक स्टॅाल पर शहर में विक्रय किया गया है। इसी तरह सहसपुर लोहारा, बोड़ला क्षेत्र के अन्य ग्राम पंचायतों में भी समूह द्वारा गोबर से दीये बनाकर बेचे जा रहे है। इन दीयों की मुख्य विशेषता परम्परा के साथ बनाये गये रंग बिरंगे दीये है। गोबर एवं मिटटी को मिलाकर बनाये गये इस दीये का मूल्य 2 रूपया प्रति नग रखा गया है। जिसे बहुत ही आकर्षित बनाते हुए तरह तरह के रंगों से सजाया गया है। कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने अपने घर के लिए दीये खरीदने स्टॅाल पर पहुँचे।
उन्होंनें समूह द्वारा बनाये गये दीयो को देखकर खुशी जाहिर की और कहा की शासन की योजना मूर्त रूप ले रही है। गौठान का निर्माण पशुधन को सुविधा देने के साथ आजीविका के नये मार्ग खोलने की कल्पना थी जो अब सकार हो रही है। कलेक्टर श्री शरण ने समूह की महिलाओं से दीये बनाने के बारे में पूछा, महिला समूह ने बताया की वे गौठान में निरंतर कार्य कर रहीं है। गोबर से समूह द्वारा जैविक खाद्य बनाकर स्थानीय स्तर पर विक्रय किया जा रहा है। दीपावली पर्व को देखते हुए समूह ने गोबर और मिटटी के मिश्रण से नये प्रकार के दीये बनाने का निर्णय लिया गया जो पूर्णतः प्राकृतिक है। क्योंकि इसे जलाकर नहीं पकाया गया है। साथ ही गोबर से बने होने के कारण खराब होने के बाद गमलों एवं बगिचों में खाद्य के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही समूह द्वारा लक्ष्मी मॉं की मूर्ति, अगरबत्ती भी विक्रय के लिए रखा गया है।
जिला पंचायत सीईओ श्री कुन्दन कुमार ने समूह कि महिलाओं के साथ चर्चा कर उनके आमदनी के बारे में पूछा समूह ने बताया की आज सुबह से इनके द्वारा 2000 से अधिक दीये लोगों को विक्रय किया गया है। रंग बिरंगे होने के कारण लोगों ने इसे बहुत पसंद किया। महिलाओं ने आगे बताया की इस दीयें को उपयोग के पूर्व भिगाने की आवश्यकता नहीं है, इसमें सीधे तेल डालकर दीप प्रज्वलन किया जाना है। दीये रंग बिरंगे होने के कारण दीप प्रज्वलन पर इसकी सुन्दरता और बढ़ जाती है। जिला पंचायत में लगे स्टॉल से कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने अपने घरों के लिए दीये खरीदें साथ में बहुत से अधिकारियों एवं गणमान्य नागरिकों ने दीये खरीद कर खुशी जाहिर की और कहा की यह अपनी तरह का अलग पहचान लिये हुए है, जो सरकार की योजना को सफल होना सिद्ध करते है।
कवर्धा, 25 अक्टूबर 2019 दीपावली पर सभी घरों में दीये की महत्ता के कारण शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र हर तरफ दीये की मांग होती है। ऐसे समय में रंग बिरंगे दीये मिल जाये तो खुशियां और बढ़ जाती है। सुराजी गांव योजना से बने गौठानों में गोबर महिला समूह को उपलब्ध हो रहा है। इन्ही गोबरों से महिला स्व.सहायता समूह, द्वारा दीये बनाने का काम कर रहे है। ग्राम पंचायत बिरकोना सहित आसपास के गौठान में बने दीये बाजार में बिक रहे है, जिसको लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है। आज दिन भर में समूह द्वारा 2000 से अधिक दीये एक स्टॅाल पर शहर में विक्रय किया गया है। इसी तरह सहसपुर लोहारा, बोड़ला क्षेत्र के अन्य ग्राम पंचायतों में भी समूह द्वारा गोबर से दीये बनाकर बेचे जा रहे है। इन दीयों की मुख्य विशेषता परम्परा के साथ बनाये गये रंग बिरंगे दीये है। गोबर एवं मिटटी को मिलाकर बनाये गये इस दीये का मूल्य 2 रूपया प्रति नग रखा गया है। जिसे बहुत ही आकर्षित बनाते हुए तरह तरह के रंगों से सजाया गया है। कलेक्टर श्री अवनीश कुमार शरण ने अपने घर के लिए दीये खरीदने स्टॅाल पर पहुँचे।
उन्होंनें समूह द्वारा बनाये गये दीयो को देखकर खुशी जाहिर की और कहा की शासन की योजना मूर्त रूप ले रही है। गौठान का निर्माण पशुधन को सुविधा देने के साथ आजीविका के नये मार्ग खोलने की कल्पना थी जो अब सकार हो रही है। कलेक्टर श्री शरण ने समूह की महिलाओं से दीये बनाने के बारे में पूछा, महिला समूह ने बताया की वे गौठान में निरंतर कार्य कर रहीं है। गोबर से समूह द्वारा जैविक खाद्य बनाकर स्थानीय स्तर पर विक्रय किया जा रहा है। दीपावली पर्व को देखते हुए समूह ने गोबर और मिटटी के मिश्रण से नये प्रकार के दीये बनाने का निर्णय लिया गया जो पूर्णतः प्राकृतिक है। क्योंकि इसे जलाकर नहीं पकाया गया है। साथ ही गोबर से बने होने के कारण खराब होने के बाद गमलों एवं बगिचों में खाद्य के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही समूह द्वारा लक्ष्मी मॉं की मूर्ति, अगरबत्ती भी विक्रय के लिए रखा गया है।
जिला पंचायत सीईओ श्री कुन्दन कुमार ने समूह कि महिलाओं के साथ चर्चा कर उनके आमदनी के बारे में पूछा समूह ने बताया की आज सुबह से इनके द्वारा 2000 से अधिक दीये लोगों को विक्रय किया गया है। रंग बिरंगे होने के कारण लोगों ने इसे बहुत पसंद किया। महिलाओं ने आगे बताया की इस दीयें को उपयोग के पूर्व भिगाने की आवश्यकता नहीं है, इसमें सीधे तेल डालकर दीप प्रज्वलन किया जाना है। दीये रंग बिरंगे होने के कारण दीप प्रज्वलन पर इसकी सुन्दरता और बढ़ जाती है। जिला पंचायत में लगे स्टॉल से कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने अपने घरों के लिए दीये खरीदें साथ में बहुत से अधिकारियों एवं गणमान्य नागरिकों ने दीये खरीद कर खुशी जाहिर की और कहा की यह अपनी तरह का अलग पहचान लिये हुए है, जो सरकार की योजना को सफल होना सिद्ध करते है।
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