छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया दंतेवाड़ा : धुर नक्सली प्रभावित इलाके का किसान लिंगाराम साग-सब्जी का उत्पादन कर अन्य किसानों के लिए बना प्रेरणास्रोत : शासन की योजनाओं की मदद का किया सदुपयोग
जैविक खेती के जरिये घर-परिवार में आयी खुशहाली
दंतेवाड़ा 25 अक्टूबर 2019
जिले के कुआकोंडा ब्लॉक के धुर नक्सली प्रभावित गांव श्यामगिरी के आदिवासी किसान लिंगाराम नेताम साग-सब्जी की खेती कर क्षेत्र के अन्य किसानों को खरीफ फसल के साथ साग-सब्जी उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस दिशा में लिंगाराम स्वयं की 8 एकड़ कृषि भूमि में से करीब डेढ़ एकड़ कृषि भूमि में रबी सीजन के दौरान साग-सब्जी की खेती करते हैं और करीब एक एकड़ रकबे में मक्का की फसल लेते हैं। अभी हाल ही में कलेक्टोरेट परिसर दन्तेवाड़ा में आजीविका संवर्धन कार्यक्रम के तहत डीएमएफ से जिले के 12 आदर्श ग्रामों के हितग्राहियों को उन्नत कृषि यंत्र सहित पशुधन एवं बीज वितरण समारोह में विधायक श्रीमती देवती कर्मा के हाथों सब्जी बीज मिनीकिट प्राप्त करने के पश्चात लिंगाराम ने बताया कि किसानों के लिए साग-सब्जी उत्पादन अतिरिक्त आय का जरिया है, जिससे घर-परिवार की अन्य जरूरत पूरी हो जाती है। इसे ध्यान रखकर उसने घर की कृषि भूमि में स्वयं नलकूप स्थापित करवाया है। वहीं उद्यानिकी विभाग की सहायता से स्प्रिंकलर सिस्टम लगवाया है, जिससे साग-सब्जी की फसल में सिंचाई के लिये पानी का समुचित दोहन कर रहे हैं। यही नहीं बल्कि वे खरीफ सीजन में भी साग-सब्जी का उत्पादन कर स्थानीय बाजारों में विक्रय करते हैं। जिससे घर-परिवार की अन्य जरूरतों को पूरा करने में सहूलियत हो रही है।लिंगाराम ने बताया कि खरीफ सीजन में धान की खेती के साथ ही उड़द, मूंग और कुल्थी की जैविक खेती करते हैं। धान की खेती के लिए श्रीविधि पद्धति से रोपा लगाने के फलस्वरूप अच्छा उत्पादन मिल रहा है। उन्होंने इस दिशा में कृषि विभाग के मैदानी अमले की नियमित रूप से परामर्श लेने की बात कही। लिंगाराम ने बताया कि करीब 4 एकड़ धनहा कृषि भूमि में 40 से 45 क्विंटल धान का उत्पादन मिल रहा है, इसके साथ ही लगभग 2 क्विंटल उड़द, मूंग एवं कुल्थी का उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं। इस कृषि उत्पादन के जरिये अपने 5 सदस्यीय परिवार का आसानी के साथ भरण-पोषण कर रहे हैं। सब्जी बीज मिनीकिट मिलने पर उन्होंने कहा कि अभी रबी में साग-सब्जी की खेती के लिए खेत की जुताई और अन्य तैयारी पूरी कर चुके हैं, शीघ्र ही बुआई शुरू करेंगे। अपनी खेती-किसानी के पेशे से संतोष व्यक्त करते हुए लिंगाराम ने बताया कि एक बड़ी बेटी पंडो 8 वीं तक पढ़ाई करने के बाद खेती-किसानी में माता सोमड़ी के साथ उनका मदद कर रही है तो छोटी बेटी संध्या अभी 12 वीं की पढ़ाई कर रही है। वहीं सबसे बड़ा बेटा श्यामलाल नेताम शिक्षक पंचायत की सेवा में है। लिंगाराम ने खनन प्रभावित इलाके के किसानों और ग्रामीणों को आजीविका संवर्धन के लिए मदद देने सहित किसानों की कर्जमाफी और 2500 रूपये समर्थन मूल्य पर धान खरीदी तथा सिंचाई कर माफी के लिए सरकार के पहल की सराहना करते हुए इस हेतु प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया।
जैविक खेती के जरिये घर-परिवार में आयी खुशहाली
दंतेवाड़ा 25 अक्टूबर 2019
जिले के कुआकोंडा ब्लॉक के धुर नक्सली प्रभावित गांव श्यामगिरी के आदिवासी किसान लिंगाराम नेताम साग-सब्जी की खेती कर क्षेत्र के अन्य किसानों को खरीफ फसल के साथ साग-सब्जी उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस दिशा में लिंगाराम स्वयं की 8 एकड़ कृषि भूमि में से करीब डेढ़ एकड़ कृषि भूमि में रबी सीजन के दौरान साग-सब्जी की खेती करते हैं और करीब एक एकड़ रकबे में मक्का की फसल लेते हैं। अभी हाल ही में कलेक्टोरेट परिसर दन्तेवाड़ा में आजीविका संवर्धन कार्यक्रम के तहत डीएमएफ से जिले के 12 आदर्श ग्रामों के हितग्राहियों को उन्नत कृषि यंत्र सहित पशुधन एवं बीज वितरण समारोह में विधायक श्रीमती देवती कर्मा के हाथों सब्जी बीज मिनीकिट प्राप्त करने के पश्चात लिंगाराम ने बताया कि किसानों के लिए साग-सब्जी उत्पादन अतिरिक्त आय का जरिया है, जिससे घर-परिवार की अन्य जरूरत पूरी हो जाती है। इसे ध्यान रखकर उसने घर की कृषि भूमि में स्वयं नलकूप स्थापित करवाया है। वहीं उद्यानिकी विभाग की सहायता से स्प्रिंकलर सिस्टम लगवाया है, जिससे साग-सब्जी की फसल में सिंचाई के लिये पानी का समुचित दोहन कर रहे हैं। यही नहीं बल्कि वे खरीफ सीजन में भी साग-सब्जी का उत्पादन कर स्थानीय बाजारों में विक्रय करते हैं। जिससे घर-परिवार की अन्य जरूरतों को पूरा करने में सहूलियत हो रही है।लिंगाराम ने बताया कि खरीफ सीजन में धान की खेती के साथ ही उड़द, मूंग और कुल्थी की जैविक खेती करते हैं। धान की खेती के लिए श्रीविधि पद्धति से रोपा लगाने के फलस्वरूप अच्छा उत्पादन मिल रहा है। उन्होंने इस दिशा में कृषि विभाग के मैदानी अमले की नियमित रूप से परामर्श लेने की बात कही। लिंगाराम ने बताया कि करीब 4 एकड़ धनहा कृषि भूमि में 40 से 45 क्विंटल धान का उत्पादन मिल रहा है, इसके साथ ही लगभग 2 क्विंटल उड़द, मूंग एवं कुल्थी का उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं। इस कृषि उत्पादन के जरिये अपने 5 सदस्यीय परिवार का आसानी के साथ भरण-पोषण कर रहे हैं। सब्जी बीज मिनीकिट मिलने पर उन्होंने कहा कि अभी रबी में साग-सब्जी की खेती के लिए खेत की जुताई और अन्य तैयारी पूरी कर चुके हैं, शीघ्र ही बुआई शुरू करेंगे। अपनी खेती-किसानी के पेशे से संतोष व्यक्त करते हुए लिंगाराम ने बताया कि एक बड़ी बेटी पंडो 8 वीं तक पढ़ाई करने के बाद खेती-किसानी में माता सोमड़ी के साथ उनका मदद कर रही है तो छोटी बेटी संध्या अभी 12 वीं की पढ़ाई कर रही है। वहीं सबसे बड़ा बेटा श्यामलाल नेताम शिक्षक पंचायत की सेवा में है। लिंगाराम ने खनन प्रभावित इलाके के किसानों और ग्रामीणों को आजीविका संवर्धन के लिए मदद देने सहित किसानों की कर्जमाफी और 2500 रूपये समर्थन मूल्य पर धान खरीदी तथा सिंचाई कर माफी के लिए सरकार के पहल की सराहना करते हुए इस हेतु प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया।
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