विधानसभा आम चुनाव-2018 मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओमप्रकाश रावत समीक्षा बैठक

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर 31 अगस्त 2018 - मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री रावत की अध्यक्षता में विधानसभा आम चुनाव-2018 की तैयारियों की समीक्षा 

देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओमप्रकाश रावत की अध्यक्षता में आज यहां न्यू सर्किट हाउस के ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ के आगामी विधानसभा आम चुनाव की प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
    इस मैराथन बैठक में मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओमप्रकाश रावत सहित आयोग के अन्य उच्च अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा आम चुनाव-2018 के सुगमतापूर्वक संचालन के लिए मार्गदर्शी बिंदुओं पर आधारित जरूरी निर्देश प्रशासन और पुलिस विभाग के अधिकारियों को दिए। बैठक में बारी-बारी से सभी जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों से उनके जिलों में विधानसभा चुनाव की तैयारियों की विस्तार से जानकारी ली गई। बैठक के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने कम्प्यूटर आधारित प्रस्तुतिकरण के जरिए विधानसभा आम चुनाव-2018 के संदर्भ में विधानसभा क्षेत्रों और आम चुनाव की तैयारियों के बारे विस्तार से अवगत कराया।
    बैठक में भारत निर्वाचन आयोग के आयुक्त श्री सुनील अरोरा, आयुक्त श्री अशोक लवासा, वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त श्री उमेश सिन्हा, उप निर्वाचन आयुक्त श्री सुदीप जैन, श्री संदीप सक्सेना, महानिदेशक व्यय श्री दिलीप शर्मा, महानिदेशक संचार श्री धीरेन्द्र ओझा, महानिदेशक आईटी श्री व्ही.एन.शुक्ला, अतिरिक्त महानिदेशक संचार सह भारत निर्वाचन आयोग की प्रवक्ता श्रीमती शेफाली बी. शरण, छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन सहित सभी राजस्व संभागों के आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक, निर्वाचन कार्य से संबंधित विभागों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

​​​​​​​भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री रावत ने ‘निर्वाचन प्रशिक्षण संदर्शिका‘ और ‘स्वीप एक्शन प्लान‘ पुस्तिका का किया विमोचन
‘‘निर्वाचन-2018’’सुगम, सुघ्घर, समावेशी थीम का किया अनावरण
    रायपुर, 31 अगस्त 2018 भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओमप्रकाश रावत ने आज यहां राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस के सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ में विधानसभा आम निर्वाचन की तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा प्रकाशित ‘निर्वाचन प्रशिक्षण संदर्शिका‘ और मतदाता जागरूकता पर आधारित पुस्तक ‘स्वीप एक्शन प्लान‘ का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ में विधानसभा निर्वाचन गतिविधियों को सहजता से संचालित और क्रियान्वित करने के लिए बनाए गए निर्वाचन-2018 सुगम, सुघ्घर, समावेशी थीम का अनावरण किया। 
        इस मौके पर भारत निर्वाचन आयोग के आयुक्तद्वय श्री सुनील अरोरा और श्री अशोक लवासा सहित भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ उप निर्वाचन आयुक्त श्री उमेश सिन्हा, उप निर्वाचन आयुक्त श्री सुदीप जैन, श्री संदीप सक्सेना, महानिदेशक व्यय श्री दिलीप शर्मा, महानिदेशक संचार श्री धीरेन्द्र ओझा, महानिदेशक आईटी श्री व्ही.एन.शुक्ला, छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू सहित सभी संभागों के आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिलों के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक तथा निर्वाचन से जुड़े विभागों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री रावत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा निर्वाचन की तैयारियों के संबंध में कलेक्टर व पुलिस अधीक्षकों की ली बैठक
रायपुर, 31 अगस्त 2018 भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओमप्रकाश रावत ने आज यहां राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस के सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ में विधानसभा आम निर्वाचन की तैयारियों के संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सहित सभी संभाग आयुक्त , पुलिस महानिरीक्षक , जिलों के कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों व निर्वाचन कार्य से जुड़े नोडल अधिकारियों की बैठक ली। भारत निर्वाचन आयोग के आयुक्तद्वय श्री सुनील अरोरा और श्री अशोक लवासा सहित भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी और छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू भी बैठक में उपस्थित थे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा आम निर्वाचन की तैयारियों के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, दोनों आयुक्त व आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दो द्विवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास पर आज राजधानी रायपुर पहुंचे है।

भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री रावत ने छत्तीसगढ़ में ‘स्वीप‘ कार्यक्रम पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का किया शुभारंभ
रायपुर, 31 अगस्त 2018 भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओमप्रकाश रावत ने आज यहां राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और जिला निर्वाचन कार्यालयों द्वारा संचालित ‘‘मतदाता जागरूकता अभियान - स्वीप‘‘ के तहत संचालित गतिविधियां पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने प्रदेश में विधानसभा के आम निर्वाचन और स्वीप कार्यक्रम के तहत संचालित मतदाता जागरूकता गतिविधियों के संबंध में श्री रावत को जानकारी प्रदान दी।
    छायाचित्र प्रदर्शनी में इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब, एक्टिविटी फॉर यूथ, स्वीप एक्टीविटी, दिव्यांग, थर्ड जेंडर व सीनियर सिटीजन के लिए आयोजित गतिविधियां, इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन, महाविद्यालयों में मतदाता जागरूकता के लिए आयोजित क्विज सहित आयोजित अन्य जागरूकता गतिविधियां को प्रदर्शित किया गया। 
        इस अवसर पर भारत निर्वाचन आयोग के आयुक्तद्वय श्री सुनील अरोरा और श्री अशोक लवासा सहित भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा आम निर्वाचन की तैयारियों के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, दोनों आयुक्त व आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दो द्विवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास पर आज राजधानी रायपुर पहुंचे हैं।


विमानतल पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री रावत का आत्मीय स्वागत
 भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओ.पी. रावत छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के दो दिवसीय प्रवास पर आज सवेरे यहां स्वामी विवेकानंद विमानतल (माना) पहुंचे। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पुष्पगुच्छ भेंट कर श्री रावत का स्वागत किया। 

मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओ.पी. रावत आज से दो दिन के रायपुर प्रवास पर

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 30 अगस्त 2018 - भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओ.पी. रावत छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के दो दिवसीय प्रवास पर कल 31 अगस्त को सवेरे आठ बजे विमान द्वारा रायपुर पहुंचे रहे हैं। श्री रावत सवेरे 9.30 बजे यहां सिविल लाइन स्थित नवीन विश्राम भवन पहुंचेंगे और वहां रात्रि 8.45 बजे तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के आगामी आम चुनाव की प्रशासनिक तैयारियों के सिलसिले में विभिन्न विषयों पर अलग-अलग बैठकें लेंगे। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सबसे पहले सवेरे 9.30 से 11.30 बजे तक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक लेंगे। वे इस बैठक के बाद पूर्वान्ह 11.40 से दोपहर 1.15 बजे तक छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और नोडल पुलिस अधिकारियों तथा सीएपीएफ के अधिकारियों की बैठक लेंगे। श्री रावत इस बैठक के बाद दोपहर 2.30 न्यू सर्किट हाउस के सम्मेलन कक्ष में जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से विधानसभा चुनाव की प्रशासनिक तैयारियों की जानकारी लेंगे। उनकी यह बैठक रात्रि 8.45 बजे तक चलेगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री रावत अगले दिन एक सितम्बर को सवेरे 9.30 से 10.30 बजे तक यहां जेल रोड स्थित एक होटल के सभाकक्ष में आबकारी, आयकर, पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारियों की बैठक लेंगे और दोपहर 12 बजे से एक बजे तक प्रेस वार्ता लेंगे।

पुलिस मुख्यालय नया रायपुर में ईव्हीएम और व्हीव्हीपैट का हुआ प्रदर्शन : पुलिस महानिदेशक और अधिकारियों ने किया अवलोकन
    रायपुर, 30 अगस्त 2018  भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2018 के लिए ई.व्ही.एम., एम 3 मशीन एवं व्ही.व्ही.पैट का छत्तीसगढ़ में पहली बार उपयोग हो रहा है। ई.व्ही.एम. और व्ही.व्ही.पैट के संबंध में व्यापक स्तर पर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान की कड़ी में कल 29 अगस्त 2018 को पुलिस मुख्यालय रायपुर में प्रदर्शन एवं हैंड्स एंड डेमो रखा गया था। इसमें पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मशीन में मॉक पोल किया और मशीन के संचालन के संबंध में जिज्ञासाओं का समाधान किया।

मुख्य सचिव अजय सिंह की बैठक आम चुनाव 2018

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 29 अगस्त 2018 मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक : विधानसभा आम चुनाव की प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा

मुख्य सचिव श्री अजय सिंह की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में छत्तीसगढ़ विधानसभा के आगामी आम चुनाव 2018 की प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर मतदाता जागरूकता अभियान जारी रखने के निर्देश दिए।
उन्होंने मतदान केन्द्रों में पेयजल, बिजली, प्रसाधन इत्यादि की समुचित व्यवस्था सहित राज्य के सभी जिलों में दूरसंचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने, रोड नेटवर्क के बेहतर रख-रखाव के लिए भी संबंधित विभागों को युद्धस्तर पर तैयारी पूर्ण करने को कहा। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से यह भी कहा कि सभी जिलों में चुनाव के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी अवैध शराब की बिक्री न हो। उन्होंने इसके लिए आबकारी विभाग और गृह विभाग को सभी जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों और राज्य की सरहदों पर सतत् निगरानी रखने के भी निर्देश दिए।
बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन. उपाध्याय, कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सी.के. खेतान, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री आर.पी. मण्डल, वित्त तथा गृह विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमिताभ जैन, सामान्य प्रशासन विभाग की सचिव सुश्री रीता शांडिल्य, राजस्व विभाग के सचिव श्री एन.के. खाखा सहित लोक निर्माण, वाणिज्यिक कर (आबकारी), अनुसूचित जाति एवं जनजाति, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्वास्थ्य, नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, भारत संचार निगम लिमिटेड, राष्ट्रीय सूचना केन्द्र, जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त का दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरा : विधानसभा आम चुनाव 2018 की तैयारियों की करेंगे समीक्षा
भारत निर्वाचन आयोग के प्रवास की तैयारियों का मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने लिया जायजा,न्यू सर्किट हाउस के ऑडिटोरियम का निरीक्षण एवं अवलोकन
    रायपुर, 29 अगस्त 2018 भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओमप्रकाश रावत 31 अगस्त और एक सितम्बर 2018 को छत्तीसगढ़ राज्य के दौरे पर रहेंगे। वे यहां उल्लेखित तिथियों पर विधानसभा आम निर्वाचन 2018 की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक लेंगे। इस दौरान राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों, मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक, राज्य के सभी संभागों के आयुक्त तथा पुलिस महानिरीक्षक और कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सहित पुलिस अधीक्षकों की बैठकें होंगी।
    मुख्य निर्वाचन आयुक्त के इस दो दिवसीय दौरे में भारत निर्वाचन आयोग के निर्वाचन आयुक्त, उप-निर्वाचन आयुक्त, महानिदेशक और प्रमुख सचिव आदि भी साथ होंगे। भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित आयोग से आने वाले उच्चाधिकारियों के प्रवास को दृष्टिगत रखते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने आज सिविल लाईन रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस के नये ऑडिटोरियम में ली जाने वाली बैठक के संबंध में की जा रही तैयारियों का निरीक्षण और अवलोकन किया। उन्होंने इस महत्वपूर्ण बैठक के संबंध में की तैयारियों को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, लोक निर्माण विभाग, विद्युत एवं यांत्रिकी सहित अन्य  संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

फेसबुक में सर्वाधिक लाइक्स प्राप्त करने वाले को पांच सौ से 50 हजार रूपये तक पुरस्कार

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 28 अगस्त 2018 मतदान में जागरूकता के लिए बना फेसबुक में सोशल पेज : प्रतियोगिता में सर्वाधिक लाइक्स प्राप्त करने वाले को पांच सौ से 50 हजार रूपये तक पुरस्कार
प्रतियोगिता शुरू, 14 अक्टूबर तक प्रविष्टियां आमंत्रित
    मुख्य निर्वाचन अधिकारी, छत्तीसगढ़ द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को निर्वाचन प्रक्रिया से जोड़ने और मतदान के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सोशल पेज का निर्माण किया गया है। इसका लक्ष्य है इस पेज के माध्यम से अधिक से अधिक संख्या में लोग जुड़कर निर्वाचन आयोग की सभी गतिविधियों को करीब से जान सकें। इससे उपयोगकर्ताओं की न सिर्फ भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि एक पारदर्शी व्यवस्था का भी निर्माण होगा।
    इस उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी, छत्तीसगढ़ द्वारा एक अभियान की शुरुआत की गई है, जिसके तहत नागरिकों को निर्वाचन प्रक्रिया से रूबरू कराकर उनको सहभागिता का मौका प्रदान किया जा रहा है। मतदाता जागरूकता अभियान की कड़ी में विधानसभा चुनाव के लिए इस तरह की सार्थक पहल की गई है। इसमें पेंटिंग, स्केच, फोटोग्राफ और स्लोगन राइटिंग जैसी तीन वर्ग की प्रतियोगिता रखी गई है।
    प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए सात विषय रखे गए हैं, जिनमें एथिकल वोटिंग, मतदाता जागरूकता, मेरा वोट-मेरा अधिकार, सुगम निर्वाचन, मतदान क्यों महत्वपूर्ण है, कोई मतदाता न छूटे, मतदान- लोकतंत्र की सुदृढ़ीकरण हेतु जैसे महत्वपूर्ण विषय निर्धारित किए गए हैं। जो पेंटिंग, रेखाचित्र, फोटोग्राफी और स्लोगन (नारा लेखन) प्रतियोगिता पर आधारित है। इसमें भाग लेने के लिए उपरोक्त विषयों में से किसी एक पर प्रतिभागी को अपने फेसबुक अकाउंट् से पोस्ट करना होगा। इन पोस्ट पर आने वाले लाइक्स के आधार पर पुरस्कारों की विभिन्न श्रेणियां बनाई गई हैं।   
    इन प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए प्रतिभागियों को विभिन्न विषय भी प्रदान किए गए हैं, जिसका इच्छानुसार चयन कर प्रतिभागी अपने हुनर का परिचय दे सकते हैं। प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए आवश्यक नियम और शर्तें वेबसाईट http://ceochhattisgarh.nic.in पर उपलब्ध हैं। इस प्रतियोगिता की खास बात ये है कि जो भी प्रतिभागी अपने फेसबुक पेज में एक निर्धारित सीमा तक लाइक्स प्राप्त करता है, तो उसे प्रमाण पत्र के साथ 500 रुपए से लेकर 50,000 रूपए तक का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
    इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागी को अपने फेसबुक एकाउंट से प्रतियोगिता नियमानुसार पोस्ट करना है। जिसमें उसकी कृति के साथ अपना वैद्य EPIC नंबर, #ChhattisgarhVotes एवं @CEOChhattisgarh को टैग करके पोस्ट करना है। इन प्रतियोगिताओं की शुरुआत हो चुकी है। इसके लिए 14 अक्टूबर तक प्रविष्टियां आमंत्रित की गई हैं। विजेताओं की घोषणा चुनाव प्रक्रिया की समाप्ति के बाद की जाएगी। इस प्रतियोगिता का मकसद मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित कर उनकी रचनात्मकता के जरिए वोटिंग प्रतिशत बढ़ाना है।

न्यायमूर्ति टी.पी. शर्मा ने ली प्रमुख लोकायुक्त पद की शपथ

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 27 अगस्त 2018 राज्यपाल श्रीमती पटेल ने दिलाई शपथ
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में न्यायमूर्ति (से.नि.) श्री टी.पी. शर्मा को छत्तीसगढ़ लोक आयोग के प्रमुख लोकायुक्त पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति श्री टी.पी. शर्मा ने हिंदी में तथा ईश्वर के नाम पर शपथ ली। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन. उपाध्याय, मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम.के. राउत, स्थानीय सहकारिता निर्वाचन आयुक्त श्री डी.एस. मिश्रा, स्थानीय निर्वाचन आयुक्त ठाकुर रामसिंह, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के.आर. पिस्दा, पूर्व लोकायुक्त श्री शंभुनाथ श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, राज्यपाल के सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल, सचिव सामान्य प्रशासन सुश्री रीता शांडिल्य, विधि सलाहकार श्री एन. के. चन्द्रवंशी, जनसंपर्क संचालक श्री चंद्रकांत उईके सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं न्यायालय से जुड़े लोग उपस्थित थे।

राजभवन में पूर्व राज्यपाल दिवंगत श्री बलरामजी दास टंडन को दी गई श्रद्धांजलि
श्री टंडन जुझारू व्यक्तित्व के धनी थे: मुख्यमंत्री
जनप्रतिनिधिगण और गणमान्य नागरिक हुए शामिल
रायपुर, 27 अगस्त 2018 छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय श्री बलरामजी दास टंडन को आज यहां राजभवन मेें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, समस्त मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारियोें एवं गणमान्य नागरिकों ने श्रद्धासुमन अर्पित किये। श्रद्धांजलि सभा में पूर्व राज्यपाल श्री टंडन की धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन, उनके सुपुत्र श्री संजय टंडन भी उपस्थित थे।
श्रद्धांजलि सभा मेें कीर्तन अरदास किया गया और पूर्व राज्यपाल श्री टंडन की जीवनी पर आधारित लघुवृत्त चित्र दिखाया गया। सभा के अंत में दो मिनट मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दिवंगत राज्यपाल को श्रध्दांजलि अर्पित करते हुए कहा कि श्री टंडन हमारे राज्यपाल ही नहीं, हम सबके पालक थे और जब तक यहां थे, हर महत्वपूर्ण मौके पर हमारा मार्गदर्शन करते थे और समस्याओं का समाधान भी करते थे। वे जुझारू व्यक्तित्व के धनी थे।
उन्होंने कहा कि श्री टंडन में चुनौतियां का सामना करने का अदम्य साहस था। जब पंजाब में आतंकवाद चरम सीमा पर था और अमृतसर से लोकसभा चुनाव लड़ने लिए कोई तैयार नहीं था, तब वे सामने आए और चुनाव मेें खड़े हुए। उन्होंने कहा कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है। इस दौरान उन पर अनेकों आतंकवादी हमले भी हुए उसके बाद भी वे मजबूती से टिके रहे।
डॉ. सिंह ने कहा कि श्री टंडन जी की ख्याति का पता इसी से लगता है कि जब उनके देहावसान की खबर आई तब देश के वरिष्ठतम नेताओं ने उन्हें याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी। यह उनके राजनीतिक कद की भी पहचान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मेरा जन्म 1952 में हुआ तो श्री टंडन ने 1953 से एक पार्षद के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी। इनसे ही उनके लंबे राजनीतिक अनुभव का परिचय मिलता है। उनकी वाणी में अद्भुत शक्ति और मिठास थी। उनमें जितनी विनम्रता थी उतना ही साहस था। वे इतिहास के कई दृश्यों के गवाह थे। उनमें ज्ञान का भंडार था। वे जीवन भर राजनीतिक रूप से संघर्ष करते रहे, आपातकाल के समय जेलयात्रा भी की।
मुख्यमंत्री ने पूर्व राज्यपाल की धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन की तारीफ करते हुए कहा कि उनमें गजब का जब्जा है। उन्होंने पूरे जीवन भर स्वर्गीय टंडन का कदम से कदम मिलाकर साथ दिया। अत्यंत मजबूती से हर मुश्किल का सामना किया। उनके देहावसान के समय भी वे हिम्मत नहीं हारी और हमें भी ढाढस बंधाया।
विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि स्वर्गीय टंडन अनुभवों का भंडार थे। उन्होंने विधानसभा कार्रवाई के समय मुझे महत्वपूर्ण अवसरों पर मार्गदर्शन दिया। उनमें सागर की जैसी गहराई थी। उनकी अंतिम यात्रा के समय रहने का अवसर पर मिला तब मैंने देखा कि उनके साथ अपार जनसमूह पूरे श्रद्धाभाव के साथ था। ऐसा कम ही देखने को मिलता है। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, मुख्य सचिव श्री अजय सिंह और डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने सभा को संबोधित करते हुए स्वर्गीय श्री टंडन को याद किया।
श्री संजय टंडन ने अंत में आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे राजनेता बहुत ही बिरले जन्म लेते हैं, जिन्होंने पूरा जीवन मानव कल्याण के लिए अर्पित कर दिया, उन्हें छत्तीसगढ़ से बड़ा स्नेह था। साथ ही छत्तीसगढ़ की जनता ने उन्हें भरपूर स्नेह दिया, इसे हम कभी नहीं भूला पाएंगे।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, स्वास्थ्य मंत्री श्री अजय चन्द्राकर, उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पांडे, लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, वन मंत्री श्री महेश गागड़ा, श्रम मंत्री श्री भैयालाल राजवाड़े, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री दयाल दास बघेल, वाणिज्यकर मंत्री श्री अमर अग्रवाल, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री पुन्नू लाल मोहले, रेरा के अध्यक्ष श्री विवेक ढांढ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, सचिव सुबोध कुमार सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। 

दिवंगत राज्यपाल के सुपुत्र श्री संजय टंडन ने  पिता की स्मृतियां साझा की
रायपुर, 27 अगस्त 2018 राज्यपाल दिवंगत श्री बलरामजी दास टंडन के सूुूपुत्र श्री संजय टंडन ने आज राजभवन में आायोजित श्रध्दांजलि सभा में उन्हें याद करते हुए कुछ स्मृतियां साझा की ।
उन्होंने  बताया कि जब श्री टंडन पंजाब सरकार में उद्योग मंत्री थे। उन  दिनों उद्योगों के लिए कोयला हासिल करने की बड़ी मारामारी रहती थी। इसी दौरान श्री टंडन के कारखाने के लिए कोयले के 02 वैगन अमृतसर पहुंचे, लेकिन श्री टंडन कारखाना नहीं चला पा रहे थे। इसलिए उन्होंने वैगन को वापस कर दिया। जबकि इस आंबटित कोयले को ब्लैक में देकर ज्यादा पैसा कमाया जा सकता था किन्तु यह उनके सिद्धांतों के खिलाफ था।
श्री संजय ने बताया कि श्री बलरामजी दास टंडन अमृतसर सेंट्रल सीट से 1957 से 1969 तक चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके थे। श्री टंडन 1971 में फिर चुनाव की तैयारी में थे। पर इसी बीच अमृतसर उत्तरी सीट से उनकी पार्टी के नेता डॉ बलदेव ने अमृतसर सेंट्रल से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, पर श्री टंडन ने बिना कोई शिकवा के इस सीट से डॉ बलदेव को चुनाव लड़ने का मौका दिया।
श्री संजय ने बताया कि आपातकाल के दौरान पटियाला जेल में बंद श्री बलरामजी दास टंडन की माताजी का देहांत हो गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री ज्ञानी जैल सिंह ने श्री टंडन के घर पहुंचने पर पैरोल बढ़ाने पर चर्चा की। लेकिन श्री बलरामजी दास टंडन ने कड़ाई से मना कर दिया और दोबारा जेल चले गए। इसी प्रकार स्वर्गीय टंडन की पत्नी जब एक बार कैंसर से पीड़ित थी, तब उन्हें शासकीय मद से इलाज की सलाह दी गई, पर उन्हें इससे इंकार कर दिया और अपने खर्च से उनका इलाज कराया।
श्री संजय कहते हैं स्वर्गीय टंडन उनके पिता ही नहीं, एक मार्गदर्शक थे। वे त्यागशीलता की मूर्ति थे। उन्हें छत्तीसगढ़ से बड़ा स्नेह था। साथ ही छत्तीसगढ़वासियों से भी उन्हें और उनके परिवार को बड़ा प्यार मिला जिसे वे कभी नहीं भुला पाएंगे।

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने संबंधी दिए निर्देश
राज्यपाल ने ली उच्च शिक्षा विभाग की बैठक
रायपुर, 27 अगस्त 2018 राज्यपाल और प्रदेश के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली और प्रदेश में उच्च शिक्षा की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने संबंधी आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में सचिव उच्च शिक्षा श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल ने पॉवर पाईंट प्रेजेन्टेशन के जरिए उच्च शिक्षा संबंधी पूरी जानकारी प्रस्तुत की।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में पी.एच.डी. संबंधी एक सेल बनाया जाना चाहिए जहां सभी थिसिस को विषयवार और वर्षवार रखा जाए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों को उनके जीवनवृत्त और स्वाधीनता आंदोलन में सेनानियों की भूमिका आदि से परिचित कराने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। उन्होंने विश्वविद्यालयों की ग्रेडिंग (नैक) सुधारने के भी निर्देश दिए। उन्होेंने विद्यार्थियों के कौशल विकास हेतु महाविद्यालयों द्वारा किये गये उपायों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं की निगरानी एवं पी.एच.डी. के साक्षात्कार सीसीटीव्ही कैमरे के जरिए होने चाहिए। 
सचिव उच्च शिक्षा श्री सुरेन्द्र जायसवाल ने कहा कि आपके द्वारा दिए गए निर्देशों का क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों ने नैक मूल्यांकन कराए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा को प्रभावी ढंग से विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए सैटेलाइट आधारित वर्चुअल कक्षाएं प्रारंभ की जा रही है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

राजभवन में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने पूर्व राज्यपाल के परिजनों से भेंट कर संवेदना व्यक्त की
रायपुर, 27 अगस्त 2018 छत्तीसगढ़ की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में पूर्व राज्यपाल दिवंगत श्री बलरामजी दास टंडन की धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन एवं उनके सुपुत्र श्री संजय टंडन से भेंट कर संवेदना व्यक्त की और उन्हें ढाढस बंधाया। 

गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल भेजेंगे लेखा संबंधी रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 26 अगस्त 2018 मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को रिपोर्ट मिलने पर कार्यालय की वेबसाइट में होगी जानकारी अपलोड     

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार पंजीकृत एवं गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल पारदर्शिता के तहत प्रतिवर्ष पार्टी फंड, वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट एवं निर्वाचन व्यय संबंधी रिपोर्ट अब सीधे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ को प्रस्तुत करेंगे।
    छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने बताया कि विगत वर्षो में कतिपय राजनैतिक दलों द्वारा पार्टी फंड, वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्ट एवं निर्वाचन व्यय संबंधी रिपोर्ट सीधे भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जा रही थी। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अब उक्त जानकारी राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को निर्धारित प्रपत्र में  और समय-सीमा में प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है।
उन्होंने बताया कि राजनैतिक दलों से प्राप्त होने वाली जानकारियां मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की वेबसाइट-सीईओ छत्तीसगढ डाट एनआईसी डाट इन पर अपलोड की जाएगी। जिन 36 राजनीतिक दलों को इस संबंध में सूचना पत्र भेजा गया है, उनमें छत्तीसगढ़ सयुंक्त जातीय पार्टी, छत्तीसगढ़ विकास पार्टी, छत्तीसगढ़ समाज पार्टी, जय छत्तीसगढ़ पार्टी, लोकतंत्र कांग्रेस पार्टी, पृथक बस्तर राज्य पार्टी, राष्ट्रीय मानव एकता कांग्रेस पार्टी, शक्ति सेना (भारत देश), आजादी का अंतिम आंदोलन सेना, छत्तीसगढ़ नवनिर्माण सेना, आप सब की अपनी पार्टी, पिछड़ा समाज पार्टी यूनाईटेड, स्वाभिमान पार्टी, आजाद जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ स्वभिमान मंच, राष्ट्रीय आदिवासी बहुजन पार्टी, भ्रष्टाचार मुक्ति मोर्चा, भारतीय पिछड़ा दल, भारतीय सदभावना समाज पार्टी, गोंड़ावना गणतंत्र पार्टी, राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़, भारतीय सर्वजन हितेय समाज पार्टी, भारतीय स्वतंत्र पार्टी, भारतीय दलित कांग्रेस, छत्तीसगढ़ समाजवादी पार्टी, सुन्दर समाज पार्टी, प्रजातंत्र कांग्रेस पार्टी, छत्तीसगढ़ विकास गंगा राष्ट्रीय पार्टी, छत्तीसगढ़िया पार्टी, भारतीय प्रजातांत्रिक शुद्ध गांधीवादी कृषक दल, राष्ट्रीय जनसभा पार्टी, भारतीय जनता सेक्यूलर पार्टी, भारत भूमि पार्टी, राष्ट्रीय समाजवादी स्वाभिमान मंच शामिल हैं। 

दिवंगत पूर्व राज्यपाल श्री टंडन की स्मृति में आज श्रद्धांजलि सभा
रायपुर, 26 अगस्त 2018 छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय श्री बलरामजी दास टंडन को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के लिए राजभवन स्थित दरबार हाल में दिनांक 27 अगस्त 2018 को पूर्वान्ह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है। इसमें पूर्व राज्यपाल श्री टंडन की धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन एवं उनके परिजन, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह उपस्थित रहेंगे। सभा में जनप्रतिनिधिगण सहित गणमान्य नागरिक भी शामिल होंगे।

पेड न्यूज और मीडिया को जारी विज्ञापनों प्रमाणीकरण

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 24 अगस्त 2018 विधानसभा आम चुनाव: निर्वाचन आयोग के महानिदेशक की वीडियो कान्फ्रेंसिंग
पेड न्यूज और मीडिया को जारी विज्ञापनों के प्रमाणीकरण के संबंध में दिए दिशा-निर्देश

छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा आम निर्वाचन के दौरान मीडिया प्रमाणनन और - पेड न्यूज के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग के महानिदेशक श्री धीरेन्द्र ओझा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तैयारियोें की समीक्षा की और इस संबंध मेें आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
    महानिदेशक श्री ओझा ने बताया कि विधानसभा निर्वाचन के दौरान राज्य स्तर और सभी जिला स्तर पर मीडिया प्रमाणनन और अनुवीक्षण समितियां रहेंगी। यह समितियां राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक, सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से जारी किए जाने वाले विज्ञापनांे का प्रमाणीकरण, पेड न्यूज की मॉनिटरिंग और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम तथा आदर्श आचरण संहिता के क्रियान्वयन की सतत् निगरानी करेगी। यह समितियां निर्धारित समयावधि में आवश्यक कार्यवाही के लिए संबंधित रिटर्निंग अधिकारी के संज्ञान में ऐसे मामलों को लाएंगी। पाम्पलेट और ब्रोशरों में प्रिंटर्स और प्रकाशक का नाम अनिवार्य रूप से होना चाहिए। इनकी प्रति भी एमसीएमसी को अनिवार्य रूप से देनी होगी। उन्होंने बताया कि मतदान समाप्ति के समय के आधे घण्टें बाद ही एक्जिट पोल जारी किए जा सकेंगे। वहीं ओपिनियन पोल इलेक्ट्रानिक मीडिया में मतदान के 48 घण्टें पहले से प्रतिबंधित रहेगा। विज्ञापन, पोस्टर, ब्रोशर आदि सभी प्रचार सामग्री लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और आदर्श आचरण संहिता के दायरे में आएंगे। इसका उल्लघंन होने पर संबंधित अधिनियम के तहत रिटर्निंग अधिकारी कार्रवाई करेंगे।
    इस वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से दिये गये प्रशिक्षण में महानिदेशक ने प्रति सप्ताह जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से एक रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को प्रेषित करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जिलोें से प्राप्त संकलित रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को भेजेंगे।
    भारत निर्वाचन आयोग के महानिदेशक द्वारा ली गई प्रथम चरण की इस वीडियो कान्फ्रेसिंग में छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू, व द्वितीय चरण की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विशेष सचिव जनसंपर्क श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन, राज्य के सभी के जिलों के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, जनसंपर्क विभाग के संभागीय और जिला अधिकारी तथा मीडिया अनुप्रमाणनन और अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) के सदस्यगण उपस्थित थे।

दिवंगत पूर्व राज्यपाल श्री टंडन की श्रद्धांजलि सभा 27 अगस्त को राजभवन में
रायपुर, 24 अगस्त 2018 - छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय श्री बलरामजी दास टंडन को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के लिए राजभवन स्थित दरबार हाल में दिनांक 27 अगस्त 2018 को पूर्वान्ह 11 बजे से अपरान्ह 12 बजे तक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है। इसमें पूर्व राज्यपाल श्री टंडन की धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन एवं उनके परिजन, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह उपस्थित रहेंगे। सभा में जनप्रतिनिधिगण सहित गणमान्य नागरिक भी शामिल होंगे।

पूर्व राज्यपाल दिवंगत श्री टंडन की प्रार्थना सभा चंड़ीगढ़ में 25 अगस्त को
रायपुर, 24 अगस्त 2018  छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय श्री बलरामजी दास टंडन की प्रार्थना सभा चंड़ीगढ़ स्थित चंड़ीगढ़ क्लब सेक्टर-वन में दोपहर 2 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित की जाएगी।

मतदाता सूचियों में नाम दर्ज करवाने और दावा-आपत्ति पेश करने की अंतिम तारीख

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 22 अगस्त 2018 मतदाता सूचियों में नाम दर्ज करवाने और दावा-आपत्ति पेश करने की अंतिम तारीख अब 31 अगस्त
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ में फोटोयुक्त मतदाता सूचियों के द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 2018 के तहत दावों और आपत्तियों को प्रस्तुत करने की अंतिम तारीख मंगलवार 21 अगस्त से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी गई है। जो नागरिक अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं करवा पाए हैं, वे इस अवधि में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन देकर नाम दर्ज करवा सकते हैं और सूची में पहले से शामिल नाम में अगर कोई त्रुटि हो तो उसमें सुधार के लिए भी आवेदन दे सकते हैं।

       छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने आज यहां बताया कि सभी कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए हैं। श्री साहू ने बताया कि दावा और आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए पहले अंतिम तारीख 31 जुलाई तय की गई थी। बाद में इसे 21 अगस्त तक बढ़ाया गया था। अपरिहार्य अवकाश के दिनों को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा अपने विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम 2018 में संशोधन किया गया है और इसमें 31 अगस्त (शुक्रवार) तक वृद्धि की गई है। इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा कल 21 अगस्त को अधिसूचना जारी कर दी गई है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा के आम चुनाव 2018 को देखते हुए मतदाता सूचियों का यह द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रदेश के उन सभी नागरिकों से, जो किन्हीं कारणवश 21 अगस्त तक अपने आवेदन अथवा दावा-आपत्ति मतदान केन्द्रों में बीएलओ के पास जमा नहीं करवा पाए हैं, अपील की है कि वे बढ़ी हुई अंतिम तारीख को ध्यान में रखकर इस अवधि में अपना आवेदन मतदान केन्द्र में जमा कर दें। ऐसे नागरिक किन्हीं कारणवश दावा-आपत्ति करने से वंचित रह गए हैं, उनसे संबंधित आवश्यक कार्रवाई जिला निर्वाचन कार्यालय और मतदान केन्द्रों के स्तर पर बीएलओ अथवा अभिहित अधिकारियों द्वारा की जाएगी।

      मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सभी नागरिकों से अपील की है कि वे सुदृढ़ लोकतंत्र और मतदान प्रक्रिया में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए मतदाता सूची में अपना नाम जरूर दर्ज करवाएं। यदि मतदाता के नाम में कोई त्रुटि हो, तो उसमें सुधार के लिए भी आवेदन इस दौरान दिया जा सकता है।

राजभवन में सद्भावना की शपथ ली गई

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 20 अगस्त 2018 राज्यपाल के सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल ने आज यहां राजभवन में सद्भावना दिवस के अवसर पर अधिकारियों-कर्मचारियों को सद्भावना की शपथ दिलाई। अधिकारियों-कर्मचारियों ने बिना किसी भेदभाव के देश की एकता के लिए कार्य करने की और हिंसा का सहारा लिए बिना सभी प्रकार के मतभेद, बातचीत और संवैधानिक माध्यमों से सुलझाने की भी शपथ ली गई। इस अवसर पर राज्यपाल की उप सचिव श्रीमती रोक्तिमा यादव सहित सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

कर्नाटक बाढ़ एच डी कुमारस्वामी से प्रधानमंत्री बातचीत Karnatak Badh CM Pradhanmantri Baatchit

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया 19 अगस्त 2018 भारत के राष्ट्रपति ने डॉ. शंकर दयाल शर्मा की जयंती पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की

भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. शंकर दयाल शर्मा को उनकी जयंती पर राष्ट्रपति भवन में आज (19.01.2018) पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर डॉ. शंकर दयाल शर्मा के परिजनों एवं राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों एवं कर्मियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति के बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री से बातचीत की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री एच डी कुमारस्वामी से प्रदेश के कुछ भागों में बाढ़ की स्थिति के बारे में बातचीत की है ।

प्रधानमंत्री ने कहा, "कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री एच डी कुमारस्वामी से प्रदेश के कुछ भागों में बाढ़ की स्थिति के बारे में बातचीत की है । राहत एवं बचाव कार्य में हरसम्भव मदद पहुंचाई है । मैं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा एवं कुशलता की प्रार्थना करता हूं ।" 

केरल बाढ़ में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति,प्रधानमंत्री Keral Badh PM Aapda Samiti

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया 18 अगस्त 2018 केरल में व्यापक बचाव एवं राहत कार्य में 90 विमानों एवं 500 स्वाचलित नौकाओं के साथ सैकड़ो दल जुटे

एनसीएमसी ने केरल में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और राज्य को पूर्ण केंद्रीय सहायता का भरोसा दिया

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने तीन दिनों के भीतर आज आयोजित अपनी तीसरी बैठक में केरल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलाये जा रहे व्यापक बचाव एवं राहत कार्य की समीक्षा की।

कैबिनेट सचिव श्री पी.के. सिन्हा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में बाढ़ की ताजा स्थिति, बचाव दलों, मोटर बोटों, हेलीकॉप्टरों, जीवन रक्षा जैकेटों और भोजन, पानी और दवाइयों और बिजली, संचार और परिवहन के साधनों, जहां पर उन्हें नुकसान पहुंचा था, की बहाली पर वीडियों कॉंफ्रेंस के जरिये केरल के मुख्य सचिव से जानकारी ली गयी।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर इस अभूतपूर्व बाव कार्य में 67 हेलीकॉप्टर, 24 विमान, 548 मोटर बोट और भारतीय नौसेना, थलसेना, वायुसेना, तटरक्षक बल, अन्य केंद्रीय बलों एवं राष्ट्रीय आपदा बचाव बल के हजारों प्रशिक्षित कर्मियों को जलभराव के स्थानों से बचाने और राहत शिविरों में राहत सामग्री के वितरण के लिये लगाया गया है।

राज्य सरकार के अनुरोध पर 6,900 से ज्यादा जीवन रक्षक जैकेट, 3,000 से ज्यादा जीवन रक्षक उपकरण, 167 हवा भरी जा सकने वाली ऊंची रोशनियां, 2,100 बरसाती कोट, 1,300 गमबूट और 153 स्वाचलित आरियों को उपलब्ध कराया गया है।

स्थिति की समीक्षा के लिये एनसीएमसी कल भी एक बैठक करेगी।


प्रधानमंत्री ने केरल का दौरा कर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की

प्रधानमंत्री ने राज्य में आयी बाढ़ से उत्पन्न स्तिथियों की समीक्षा के लिये केरल का दौरा किया। एक समीक्षा बैठक के बाद, मौसम के हालात के अनुसार, उन्होंने राज्य के बाढ़ से प्रभावित कुछ स्थानों का हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण के दौरान प्रधानमंत्री के साथ राज्य के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री के. जे. अलफोंस भी थे।

प्रधानमंत्री ने बाढ़ की वजह से हुयी असामयिक मौतों और जीवन और संपत्ति को हुये नुकसान पर अपना दु:ख और शोक प्रकट किया।

प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री श्री पिनारायी विजयन और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ एक बैठक कर बाढ़ से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की।

समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने राज्य के लिये 500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। यह गृहमंत्री द्वारा 12 अगस्त 2018 को घोषित 100 करोड़ रुपये की राशि के अतिरिक्त है। उन्होंने राज्य सरकार को आश्वस्त भी किया कि राज्य सरकार द्वारा मांगी गयी राहत सामग्रियां जैसे अनाज और दवाइयों इत्यादि को उपलब्ध कराया जायेगा।

प्रधानमंत्री ने मृतकों के निकट संबंधियों को 2 लाख रु. प्रति व्यक्ति और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रु. की सहायता अनुग्रह राशि के तौर पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से देने की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने बीमा कंपनियों को विशेष शिविर आयोजित कर नुकसान का आकलन करने और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत प्रभावित परिवारों और लाभार्थियों को निश्चित समय के अंदर मुआवजा देने के निर्देश दिये।

उन्होंने फसल बीमा योजना के तहत किसानों के दावों के शीघ्र निस्तारण के आदेश दिये।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को प्राथमिकता के आधार पर बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुये राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत का निर्देश दिया। केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों जैसे एनटीपीसी और पीजीसीआईल को भी निर्देश दिये गये हैं कि बिजली की लाइनों की मरम्मत के लिये राज्य सरकार को सभी संभव सहायता प्रदान करने के लिये उपलब्ध रहें।

जिन ग्रामीणों के कच्चे मकान इस विनाशकारी बाढ़ में नष्ट हो गये हैं उन्हें प्राथमिकता के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत आवास उपलब्ध कराये जायेंगे भले ही पीएमएवाई-जी की स्थायी प्रतीक्षा सूची में वे किसी भी स्थान पर रहे हों।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 2018-19 के श्रम बजट में 5.5 करोड़ मानव कार्य दिवसों को मंजूरी दी गयी है। राज्य सरकार द्वारा इसमें वृद्धि के किसी भी निवेदन पर गौर किया जायेगा।

एकीकृत बागबानी विकास अभियान के तहत किसानों को उन बागबानी फसलों को दोबारा बोने के लिये सहायता प्रदान की जायेगी जिन्हें नुकसान पहुंचा है।

केंद्र सरकार केरल में बाढ़ की स्थिति पर लगातार और करीब से नजर रखे है। राज्य सरकार को इस संकट से निपटने के लिये प्रत्येक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। प्रधानमंत्री बाढ़ से उत्पन्न परिस्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री के निरंतर संपर्क में बने हुये हैं।

प्रधानमंत्री के निर्देश पर 21 जुलाई 2018 को गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने श्री के. जे. अलफोंस (राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार) और एक उच्च स्तरीय केंद्रीय दल ने बाढ़ प्रभावित अलपुज्झा और कोट्टायम जिलों का दौरा कर बाढ़ की स्थिति और राहत कार्यों की समीक्षा की और प्रभावित लोगों से मुलाकात की थी।

12 अगस्त 2018 को केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री के. जे. अलफोंस एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केरल के बाढ़ एवं भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा एवं हवाई सर्वेक्षण किया था और राज्य के मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों और अन्य अधिकारियों के साथ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे खोज, बचाव एवं राहत कार्यों की समीक्षा की। गृहमंत्री ने एनडीआरएफ से 100 करोड़ रुपये की राशि के अग्रिम भुगतान के आदेश भी दिये।

केंद्रीय मंत्रालयों के एक संयुक्त दल ने राज्य सरकार द्वारा 21.07.2018 को दिये गये एक ज्ञापन के आधार पर 7 से 12 अगस्त 2018 के दौरान राज्य के प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का आकलन किया था।

एनडीआरएफ के 57 दल, जिनमें 1,300 कर्मी और 435 नौकायें शामिल हैं, खोज और बचाव कार्य में लगाये गये हैं। बीएसएफ, सीआईएसएफ, आरएएफ की 5 कंपनियों को राज्य में राहत और बचाव कार्य के लिये तैनात किया गया है।

थलसेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल को भी राज्य में खोज और बचाव कार्यों के लिये नियुक्त किया गया है। राहत और बचाव कार्यों में कुल मिलाकर 38 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है। इसके अतिरिक्त 20 विमानों को भी संसाधनों की ढुलाई के लिये प्रयोग किया जा रहा है। थलसेना ने अभियांत्रिकी कार्यबल के 10 कॉलम और 10 दलों, जिसमें 790 प्रशिक्षित कर्मी शामिल हैं, को नियुक्त किया है। नौसेना 82 टीमों को लगा रही है। तटरक्षक बल ने 42 दल, 2 हेलीकॉप्टर और 2 पोतों को लगाया है।

9 अगस्त से एनडीआरएफ, थलसेना और नौसेना ने कुल मिलाकर 6,714 लोगों को बचाया या निकाला है और 891 व्यक्तियों को चिकित्सा सहायता मुहैया करायी है।

प्रधानमंत्री ने इस अभूतपूर्व संकट से निपटने के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा जो लोग अभी भी पानी में फंसे हुये उन्हें बचाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है और भारत सरकार इस काम में राज्य सरकार की यथासंभव मदद करती रहेगी। 

अटलजी भारतीय राजनीति के सच्‍चे नवचेतना पुरुष थे Atalji Bharat Navchetna Purush Patra

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया 20 अगस्त 2018 राष्‍ट्रपति ने श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर श्रीमती नमिता कौल भट्टाचार्य को पत्र लिखा, कहा- अटलजी भारतीय राजनीति के सच्‍चे नवचेतना पुरुष थे

राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर अपनी संवेदना व्‍यक्‍त करते हुए श्रीमती नमिता कौल भट्टाचार्य को चिट्ठी लिखी है।

अपने संदेश में राष्‍ट्रपति ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की इस दुखद घड़ी में मेरी संवदेनाएं और भावनाएं आपके और परिवार के अन्‍य सदस्‍यों के साथ है। अटल जी का निधन स्‍वभाविक रूप से आपका और घर में अन्‍य लोगों का व्‍यक्‍तिगत नुकसान है। यह मेरे लिए भी व्‍यक्‍तिगत नुकसान है। यह उनका कद और मर्यादा ही था जिनके आकर्षण में कानूनी पेशा छोड़कर उनका सहयोगी बनने के लिए मैं सार्वजनिक जीवन में आया। उनके साथ काम करना कभी न भुलाने वाला अनुभव रहा। देश का राष्‍ट्रपति बनने के बाद जब मैं उनसे मिला तो वे शय्याग्रस्‍त थे लेकिन उन्‍होंने अपनी आंखें हिलाकर प्रतिक्रिया की और मैंने अनुभव किया कि उन्‍होंने मुझे आशीर्वाद दे दिया।

अटल जी का जाना देश भर के लाखों घरों में भी महसूस किया गया। वे हमारे सबसे प्रिय पूर्व प्रधानमंत्री, विलक्षण प्रतिभा से पूर्ण एक राष्‍ट्रीय नेता और आधुनिक भारत के राजनीतिक विशारद थे। स्‍वतंत्रता सेनानी से लेकर एक बौद्धिक शख्‍सियत, एक लेखक से लेकर एक कवि, एक सांसद से लेकर एक प्रशासक और अंत में प्रधानमंत्री के रूप में उन्‍होंने अपने लम्‍बे और असाधारण राजनीतिक जीवन में असंख्‍य लोगों के जीवन को असंख्‍य तरीकों से प्रभावित किया। वे सही मायने में भारतीय राजनीति के नवचेतना पुरुष थे।

प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी दबाव के अंदर भी सभ्‍यता के एक उदाहरण थे और चुनौतीपूर्ण परिस्‍थियों में भी फैसला लेने की उनमें काबिलियत थी। 1998 में पोखरण परीक्षण, 1999 में करगिल संकट,उनकी सरकार में किये गए आर्थिक बदलाव और देश के जीडीपी को वृद्धि और विकास के पटरी पर लाने जैसे कदम अटलजी की सरकार की उपलब्‍धियां रही हैं। 2015 में उन्‍हें भारत रत्‍न की उपाधि से नवाजा जाना उनके प्रति भारत के प्‍यार और कृतज्ञता की अभिव्‍यक्‍ति थी। इस विराट हृदय वाले महान राजनेता का जाना न सिर्फ भारत में बल्‍कि पूरी दुनिया में महसूस किया जाएगा।

कृपया एक बार फिर मेरी गहरी संवेदनाएं स्‍वीकार करें और इन्‍हें अटलजी के अनगिनत दोस्‍तों और प्रशंसकों को प्रेषित करें। ईश्‍वर आपको और परिवार के अन्‍य सदस्‍यों को  इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्‍ति और साहस प्रदान करे।


जनजातीय कार्यमंत्री श्री जुएल ओराम ने जनजातीय विकास के प्रति पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के अहम योगदान को याद किया

जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम ने भारत रत्‍न और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर पूरे जनजातीय समुदाय की तरफ से गहरा दुख जाहिर किया है।

जनजातीय विकास के प्रति श्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को याद करते हुए उन्‍होंने कहा कि श्री वाजपेयी की कोशिशों और उनके नेतृत्‍व में आजादी के 52 वर्ष बाद 10 अक्‍टूबर 1999 को पृथक जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन किया गया। इसके बाद से जनजातीय लोगों के कल्‍याण से जुड़े काम में तेजी आई।

श्री ओराम ने कहा कि श्री अटल बिहारी वाजपेयी एक दूरदर्शी नेता थे जिन्‍होंने लोगों के कल्‍याण और विकास के लिए कई महत्‍वपूर्ण कदम उठाए और ऐसे ही पहलों के जरिए देश के जनजातीय समुदाय का फायदा हुआ। 

पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय वाजपेयी को श्रद्धांजलि EX-PM Vajpai Tribute by Govrnor

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 16 अगस्त 2018 पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री वाजपेयी को राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने दी श्रद्धांजलि
राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है। श्रीमती पटेल ने शोक संदेश में कहा है कि प्रधानमंत्री के रूप में स्वर्गीय श्री वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में देश को विश्व स्तर पर सम्मान दिलाने में ऐतिहासिक योगदान दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का पक्ष पूरी दृढ़ता के साथ रखा। श्री वाजपेयी भारतीय राजनीति के पितामह थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में सफल परमाणु परीक्षण भी करवाया। वे एक महान वक्ता और संवेदनशील कवि थे। उनकी कविताएं वर्तमान और भावी पीढ़ी को हमेशा देश की सेवा करने की प्रेरणा देती रहेगी। उनके भाषण में ऐसा आकर्षण था कि समाज के सभी वर्गाें के लोग उन्हें सुनने के लिए दौड़ जाते थे और अत्यंत शांतिपूर्ण वातावरण में लोग उनका भाषण सुनते थे। स्वर्गीय श्री वाजपेयी का व्यक्तित्व और कृतित्व इतना विशाल था कि पक्ष और विपक्ष सभी उनका आदर करते थे। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने स्वर्गीय श्री वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने और देशवासियों को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।

विधानसभा निर्वाचन 2018 की तैयारियों हेतु आईटी एप्लीकेशन प्रशिक्षण
    रायपुर, 16 अगस्त 2018 राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ के विधानसभा निर्वाचन 2018 की तैयारियों के लिए राज्य के सभी 27 जिलों के जिला सूचना अधिकारी और जिला निर्वाचन कार्यालय के सहायक प्रोग्रामरों का दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में आयोजित है। दो दिवसीय इस प्रशिक्षण में एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के संबंध में अधिकारियों-कर्मचारियों को जानकारी दी जा रही है। यह प्रशिक्षण 17 अगस्त को भी जारी रहेगा। भारत निर्वाचन आयोग के श्री रोहित छाबरा, श्री पुनीत ग्रोवर और कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से श्री विनोद आगलावे, सिस्टम मेनेजर एवं अन्य तकनीकी स्टॉफ ने राज्य के समस्त 27 जिले के जिला सूचना अधिकारी एवं जिला निर्वाचन कार्यालय के सहायक प्रोग्रामर को प्रशिक्षण दिया।

सरकारी अधिकारी -कर्मचारी भी लेंगे अनिवार्य मतदान की शपथ : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
रायपुर, 16 अगस्त 2018 प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को उनके कार्यालयों में 16 अगस्त से 23 अगस्त के बीच किसी भी एक कार्य दिवस में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत अनिवार्य मतदान के संबंध में शपथ दिलायी जाएगी। छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने राज्य शासन के मुख्य सचिव श्री अजय सिंह को पत्र लिखकर शासकीय कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों को अनिवार्य मतदान के संबंध में शपथ दिलाने का आग्रह किया है।
    श्री साहू ने पत्र में लिखा है - भारत निर्वाचन आयोग की मंशा है कि आगामी सभी चुनावों में राज्य शासन के समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों एवं उनके परिवार के ऐसे सदस्यों जिनकी आयु एक जनवरी 2018 की स्थिति में 18 वर्ष पूरी हो गई है, उनके नाम मतदाता सूची में पंजीकृत किए जाएं, ताकि वे उत्साहपूर्वक अपने मताधिकार का उपयोग कर सकंे। निर्वाचन आयोग यह भी अपेक्षा करता है कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक शासकीय अधिकारी-कर्मचारी भी अपना नैतिक दायित्व समझते हुए स्वयं मतदान करेंगे तथा अपने परिवार के सदस्यों और दिव्यांग मतदाताओं सहित आम नागरिकों को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
    पत्र में यह भी लिखा है कि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के बाद के सप्ताह (16 अगस्त से 23 अगस्त) के किसी एक कार्य दिवस में समस्त विभागों, विभागाध्यक्ष कार्यालयों तथा निगम-मंडल कार्यालयों में मतदान जागरूकता के तहत अधिकारियों - कर्मचारियों को शपथ दिलायी जाना प्रस्तावित है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पत्र में मुख्य सचिव से शपथ कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सर्वसंबंधितों को निर्देशित करने का आग्रह किया है।

सरकारी अधिकारी -कर्मचारी भी लेंगे अनिवार्य मतदान की शपथ : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
रायपुर, 16 अगस्त 2018  प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को उनके कार्यालयों में 16 अगस्त से 23 अगस्त के बीच किसी भी एक कार्य दिवस में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत अनिवार्य मतदान के संबंध में शपथ दिलायी जाएगी। छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने राज्य शासन के मुख्य सचिव श्री अजय सिंह को पत्र लिखकर शासकीय कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों को अनिवार्य मतदान के संबंध में शपथ दिलाने का आग्रह किया है।
    श्री साहू ने पत्र में लिखा है - भारत निर्वाचन आयोग की मंशा है कि आगामी सभी चुनावों में राज्य शासन के समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों एवं उनके परिवार के ऐसे सदस्यों जिनकी आयु एक जनवरी 2018 की स्थिति में 18 वर्ष पूरी हो गई है, उनके नाम मतदाता सूची में पंजीकृत किए जाएं, ताकि वे उत्साहपूर्वक अपने मताधिकार का उपयोग कर सकंे। निर्वाचन आयोग यह भी अपेक्षा करता है कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक शासकीय अधिकारी-कर्मचारी भी अपना नैतिक दायित्व समझते हुए स्वयं मतदान करेंगे तथा अपने परिवार के सदस्यों और दिव्यांग मतदाताओं सहित आम नागरिकों को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
    पत्र में यह भी लिखा है कि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के बाद के सप्ताह (16 अगस्त से 23 अगस्त) के किसी एक कार्य दिवस में समस्त विभागों, विभागाध्यक्ष कार्यालयों तथा निगम-मंडल कार्यालयों में मतदान जागरूकता के तहत अधिकारियों - कर्मचारियों को शपथ दिलायी जाना प्रस्तावित है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पत्र में मुख्य सचिव से शपथ कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सर्वसंबंधितों को निर्देशित करने का आग्रह किया है।

सीजी राज्यपाल आनंदीबेन शपथ गार्ड ऑफ ऑनर CG Rajyapal Oath Taking Guard of Honor

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 15 अगस्त 2018 राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल को आज यहां छत्तीसगढ़ आगमन पर स्वामी विवेकानंद विमानतल पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सलामी दी गई। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अजय सिंह, राज्यपाल के सचिव श्री सुरेन्द्र जायसवाल उपस्थित थे।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के राजभवन आगमन पर  मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के राजभवन आगमन पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सलामी दी गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

दिवंगत राज्यपाल श्री टंडन को इंद्रावती भवन में विनम्र श्रद्धांजलि
राज्य सरकार के नया रायपुर स्थित विभिन्न विभागों के  संचालनालय (इंद्रावती भवन) में आज अधिकारियों और कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन धारण कर प्रदेश के दिवंगत राज्यपाल श्री बलरामदास जी टंडन को विनम्र श्रद्धांजलि दी।

श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद की शपथ ली
 रायपुर, 15 अगस्त 2018 - मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में एक सादगी पूर्ण कार्यक्रम में अतिरिक्त प्रभार के रूप में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में पद की शपथ ली। उच्च न्यायालय, बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री अजय कुमार त्रिपाठी ने उन्हें शपथ दिलाई। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने हिंदी में तथा ईश्वर के नाम पर शपथ ली। शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया।

समारोह में राज्यपाल श्रीमती पटेल के परिजन, प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। प्रदेश के मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति पत्र का श्री अजय सिंह ने वाचन किया।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री ए. एन. उपाध्याय, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, सचिव श्री सुबोध सिंह, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल श्री नीलमचन्द सांखला, राज्यपाल के सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल, सचिव सामान्य प्रशासन सुश्री रीता शांडिल्य, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विक्रम सिसोदिया, संचालक जनसंपर्क श्री चन्द्रकांत उइके, विधि सलाहकार श्री एन. के. चन्द्रवंशी एवं उप सचिव श्रीमती रोक्तिमा यादव सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित थे।

सरकारी अधिकारी -कर्मचारी भी लेंगे अनिवार्य मतदान की शपथ : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
 प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को उनके कार्यालयों में 16 अगस्त से 23 अगस्त के बीच किसी भी एक कार्य दिवस में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत अनिवार्य मतदान के संबंध में शपथ दिलायी जाएगी। छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने राज्य शासन के मुख्य सचिव श्री अजय सिंह को पत्र लिखकर शासकीय कार्यालयों में अधिकारियों-कर्मचारियों को अनिवार्य मतदान के संबंध में शपथ दिलाने का आग्रह किया है।
    श्री साहू ने पत्र में लिखा है - भारत निर्वाचन आयोग की मंशा है कि आगामी सभी चुनावों में राज्य शासन के समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों एवं उनके परिवार के ऐसे सदस्यों जिनकी आयु एक जनवरी 2018 की स्थिति में 18 वर्ष पूरी हो गई है, उनके नाम मतदाता सूची में पंजीकृत किए जाएं, ताकि वे उत्साहपूर्वक अपने मताधिकार का उपयोग कर सकंे। निर्वाचन आयोग यह भी अपेक्षा करता है कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक शासकीय अधिकारी-कर्मचारी भी अपना नैतिक दायित्व समझते हुए स्वयं मतदान करेंगे तथा अपने परिवार के सदस्यों और दिव्यांग मतदाताओं सहित आम नागरिकों को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
    पत्र में यह भी लिखा है कि स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के बाद के सप्ताह (16 अगस्त से 23 अगस्त) के किसी एक कार्य दिवस में समस्त विभागों, विभागाध्यक्ष कार्यालयों तथा निगम-मंडल कार्यालयों में मतदान जागरूकता के तहत अधिकारियों - कर्मचारियों को शपथ दिलायी जाना प्रस्तावित है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पत्र में मुख्य सचिव से शपथ कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सर्वसंबंधितों को निर्देशित करने का आग्रह किया है। 

श्रीमती आनंदीबेन पटेल छत्तीसगढ़ राज्यपाल, स्वर्गीय टंडन अंतिम संस्कार चंडीगढ़ Anandi Ben CG Rajyapal, Late Gov Tandon Last Rites in Chandigarh

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 14 अगस्त 2018 - श्रीमती आनंदीबेन पटेल 15 अगस्त को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का पदभार ग्रहण करेंगी
मध्यप्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल कल 15 अगस्त को दोपहर 11ः45 बजे राजभवन में एक सादे समारोह में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण करेंगी। उल्लेखनीय है कि श्रीमती आनंदीबेन पटेल को मध्यप्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।

दिवंगत राज्यपाल श्री टंडन को गमगीन माहौल में  गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दी गई बिदाई
    रायपुर, 14 अगस्त 2018 -  प्रदेश के दिवंगत राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन को आज शाम यहां राजभवन में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल और मंत्रियों तथा अन्य वरिष्ठजनों की उपस्थिति में अत्यंत गमगीन माहौल में मातमी धुनों के बीच गार्ड ऑफ ऑनर के साथ बिदाई दी गई। सशस्त्र बल के जवानों ने अपने शस्त्र झुकाकर स्वर्गीय श्री टंडन के प्रति सम्मान प्रकट किया। लगभग 91 वर्षीय दिवंगत राज्यपाल का पार्थिव शरीर को विशेष विमान द्वारा चंडीगढ़ ले जाया गया, जहां गुरूवार 16 अगस्त को उनका अंतिम संस्कार सेक्टर 25 स्थित क्रिमेशन गाउण्ड में दोपहर 1.30 बजे किया जाएगा। इसके पहले उनका पार्थिव शरीर 15 अगस्त को चण्डीगढ़ स्थित उनके निवास में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। श्री टंडन के निधन से राजधानी रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में शोक की लहर फैल गई। बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, शासकीय अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और नागरिक उनके अंतिम दर्शन के लिए राजभवन पहुंचे। कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, उच्च शिक्षा और राजस्व मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय, लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू और सहकारिता मंत्री श्री दयालदास बघेल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक सहित अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों और विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों तथा मुख्य सचिव श्री अजय सिंह और शासन-प्रशासन के अनेक वरिष्ठ अधिकारियों ने दिवंगत राज्यपाल श्रद्धांजलि अर्पित की।

शोक सन्देश छत्तीसगढ़ राज्यपाल बलरामजी दास टंडन निधन Condolence Message on Death of Chhattisgarh Governor

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 14 अगस्त 2018 - शोक सन्देश: मुख्यमंत्री ने राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया : प्रदेश ने अपने एक अभिभावक को हमेशा के लिए खो दिया : डॉ. रमन सिंह
   
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने आज यहां जारी शोक संदेश में कहा है कि स्वर्गीय श्री टंडन ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में विगत लगभग चार वर्षाें तक प्रदेश को अपनी मूल्यवान सेवाएं दी। राज्यपाल के रूप में वह छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर काफी सजग रहते थे। मुख्यमंत्री ने कहा - विगत चार वर्षाें में प्रदेश के हितों को लेकर और प्रदेशवासियों की बेहतरी से जुड़े विषयों को लेकर मुझे हमेशा उनका मार्गदर्शन मिलता रहा।  डॉ. सिंह ने कहा - मुझे तो ऐसा लग रहा है कि हम सबने अपने राज्य के अभिभावक को हमेशा के लिए खो दिया है। उन्होंने 25 जुलाई 2014 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद का दायित्व संभाला था। मेरे लिए वह पिता तुल्य थे। मुख्यमंत्री ने कहा - उनका निधन मेरे लिए भी व्यक्तिगत क्षति है। वह अत्यंत सहज, सरल और निश्छल स्वभाव के थे। राजनीति में ऐसे लोग बिरले ही मिलते हैं।
    डॉ. रमन सिंह ने कहा - स्वर्गीय श्री टंडन ने अपने 91 वर्ष के जीवन काल में लगभग 65 वर्षाें तक सार्वजनिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग भूमिकाओं में जनता की सेवा के लिए कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। वर्ष 1975 से 1977 तक आपातकाल में उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। वर्ष 1953 से 1967 तक वह अमृतसर नगर निगम के पार्षद रहे। उनकी लोकप्रियता  का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है कि वह छह बार पंजाब विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। विधायक के रूप में उन्होंने वर्ष 1957, 1962, 1967, 1969 और 1977 में अमृतसर का और वर्ष 1997 में राजपुरा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। इतना ही नहीं, बल्कि पंजाब सरकार के केबिनेट मंत्री के रूप में उन्होंने उद्योग, स्वास्थ्य, स्थानीय शासन, श्रम और रोजगार विभागों में अपनी कुशल प्रशासनिक क्षमता का परिचय दिया। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय श्री टंडन के शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
    श्री बलराम जी दास टंडन का जन्म एक नवम्बर 1927 को अमृतसर (पंजाब) में हुआ था।  उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय लाहौर से स्नातक उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वह लगातार पंजाब में सामाजिक-सार्वजनिक गतिविधियों में सक्रिय रहे और वर्ष 1953 से 1997 के बीच छह अलग-अलग अवधि में पंजाब विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। श्री टंडन वर्ष 1979 से 1980 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे।  वर्ष 1991 में लोकसभा चुनाव के दौरान जब पंजाब में आतंकवाद अपनी चरम स्थिति में था, उन्होंने अमृतसर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव में भाग लेने का बीड़ा उठाया, जिसे उस समय सर्वाधिक आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र माना जाता था। इस चुनाव अभियान के दौरान आतंकवादियों द्वारा उन पर कई बार हमले किए  गए लेकिन सौभाग्य से श्री टंडन सुरक्षित रहे।    श्री बलरामजी दास टंडन ने वर्ष 1947 में देश के विभाजन के समय पाकिस्तान से आने वाले लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उन्होंने वर्ष 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान अमृतसर जिले की सीमा पर जनसामान्य में आत्मबल बनाये रखने तथा उत्साह का संचार करने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। वर्ष 1980 से 1995 के दौरान उन्होंने आतंकवाद का सामना करने तथा इससे लड़ने के लिए पंजाब के जनसामान्य का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने आतंकवाद से प्रभावित परिवारों की मदद करने के उद्देश्य से एक कमेटी का गठन किया। श्री टण्डन स्वयं इस फोरम के चेयरमेन थे।
    उन्होंने ‘कॉम्पिटेंट फाउंडेशन’ के चेयरमेन के पद पर कार्य करते हुए उन्होंने रक्तदान शिविर, निःशुल्क दवाई वितरण, निःशुल्क ऑपरेशन जैसे जनहितकारी कार्यों के माध्यम से गरीबों एवं जरूरतमंदों की मदद की। श्री बलरामजी दास टंडन के सुपुत्र श्री संजय टण्डन ने उनके जीवन पर आधारित किताब ‘एक प्रेरक चरित्र‘ लिखी, जिसका विमोचन वर्ष 2009 में तत्कालीन पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लाल कृष्ण आडवाणी ने किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री प्रकाश सिंह बादल ने की थी। सौम्य स्वभाव के श्री टंडन जी की खेलों में गहरी रूचि है। वे कुश्ती, व्हालीबॉल, तैराकी एवं कबड्डी जैसे खेलों के सक्रिय खिलाड़ी रहे।

राज्यपाल श्री टंडन को मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि : जनप्रतिनिधिगण सहित आम जनता ने अर्पित किए श्रद्धासुमन
रायपुर, 14 अगस्त 2018 - राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन का आज दिनांक 14 अगस्त 2018 को रायपुर में दुखद निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर राजभवन के दरबार हाल में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती वीणा सिंह के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल श्री टंडन को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने प्रथम महिला श्रीमती बृजपाल टंडन एवं सुपुत्र श्री संजय टंडन से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। श्री टंडन को श्रद्धांजलि देने के लिए आज जनप्रतिनिधिगण, अधिकारियों सहित आम जनता का तांता लगा रहा। सभी के चेहरों पर प्रदेश के हितैषी राज्यपाल को खोने का गम था। इस अवसर पर श्री टंडन की सुपुत्री श्रीमती पूनम बत्रा भी उपस्थित थीं।
श्रद्धांजलि देने वालों में प्रमुख रूप से विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, राजस्व मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री दयालदास बघेल, राज्यसभा सांसदद्वय श्री रामविचार नेताम, सुश्री सरोज पाण्डेय, विधायकगण सर्वश्री श्री भूपेश बघेल, श्री विमल चोपड़ा, श्री नवीन मारकण्डेय, श्री श्रीचंद सुंदरानी, श्री आर.के. राय, श्री संतोष उपाध्याय, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री देवजी भाई पटेल, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष श्री छगन मुंदड़ा, महापौर श्री प्रमोद दुबे, पूर्व महापौर श्री सुनील सोनी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, राज्य वन औषधि बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामप्रताप सिंह, राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री चन्द्रशेखर साहू, छत्तीसगढ़ संस्कृति विद्या मंडलम के अध्यक्ष स्वामी परमात्मानंद, मुख्य सचिव श्री अजय सिंह, पुलिस महानिदेशक श्री ए. एन. उपाध्याय, मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम. के. राउत, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री के. आर. पिस्दा, राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री ठाकुर रामसिंग, सूचना आयुक्त श्री अशोक अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव सर्वश्री श्री सुनील कुजूर, श्री के.डी.पी. राव, श्री सी.के. खेतान, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, वित विभाग के प्रमुख सचिव श्री अमिताभ जैन, सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, राज्यपाल के सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल, संचालक जनसंपर्क श्री चन्द्रकांत उइके, छत्तीसगढ़ डायसिस के बिशप श्री राबर्ट अली एवं छत्तीसगढ़ के पास्टर्स आर्च बिशप श्री विक्टर हैनरी ठाकुर, विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण एवं मीडिया के प्रतिनिधिगण शामिल थे।

राज्यपाल श्री टंडन के निधन पर पूर्व राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने शोक व्यक्त किया
रायपुर, 14 अगस्त 2018  छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है और इसे देश और राज्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। श्री दत्त ने अपनी शोक संदेश में कहा है कि श्री बलरामजी दास टंडन सौम्य, शांत और निश्छल व्यक्तित्व के धनी थे उन्होंने निस्वार्थ रूप से राजनैतिक, प्रशासनिक, सामाजिक और अन्य माध्यमों से देश और समाज की अथक सेवा की है। उनका निधन देश और राज्य के लिए गहरी क्षति है। श्री दत्त ने अपने संदेश में शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।

बलरामजी दास टंडन के निधन पर पूर्व राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) के.एम. सेठ ने गहरा शोक व्यक्त किया
रायपुर, 14 अगस्त 2018 छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) के.एम. सेठ ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन के आकस्मिक देहावसान पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि श्री टंडन ने अपने लंबे राजनैतिक, सामाजिक और विभिन्न सेवाभावी क्षेत्रों के माध्यम से देश, राज्य और समाज की जो अथक सेवा की है, वह हमेशा याद की जायेगी। श्री टंडन का निधन उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है और ईश्वर से प्रार्थना की है कि शोक संतप्त परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

राज्यपाल श्री बलरामजी दास टण्डन के निधन पर आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना के राज्यपाल श्री नरसिम्हन ने शोक व्यक्त किया
    रायपुर 14 अगस्त आंध्रप्रदेश एवं तेलंगाना के राज्यपाल तथा छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल श्री ई.एस.एल. नरसिम्हन ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री बलरामजी दास टण्डन के निधन की जानकारी मिलने पर गहरा शोक व्यक्त किया है और कहा है कि इस आकस्मिक दुःखद जानकारी मिलने पर उन्हें गहरा आघात लगा है। उन्होंने कहा है कि लोकतांत्रिक परंपराओं और मूल्यों को बढ़ाने के साथ-साथ विकास के मार्ग को प्रशस्त्र करने में श्री टण्डन द्वारा दिया गया योगदान हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि श्री टण्डन उच्च मूल्यों से युक्त अद्भूत व्यक्तित्व के स्वामी थे। जब भी मेरी उनसे मुलाकात होती थी तो श्री टण्डन से उन्हें हमेशा नई जानकारी और ज्ञान की प्राप्ति होती थी। उनके उदार एवं विशाल हृदय के कारण वे  श्री टण्डन की स्मृतियों को हमेशा अपने हृदय में संजोये रखेंगे। श्री नरसिम्हन ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की है और शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त की है।

छत्तीसगढ़ निर्वाचन में ईव्हीएम सह व्हीव्हीपेट मशीनों का उपयोग CG Voting EVM cum VVPAT Machine

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 13 अगस्त 2018 - छत्तीसगढ़ निर्वाचन: आगामी विधानसभा चुनाव में सभी मतदान केन्द्रों में होगा ईव्हीएम सह व्हीव्हीपेट मशीनों का उपयोग
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने दिए निर्वाचन कर्मचारियों को मशीन के संबंध में प्रशिक्षण देने के निर्देश,इंद्रावती भवन में 21 एवं 22 अगस्त को कर्मचारियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

              रायपुर, 13 अगस्त 2018 - भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के सभी मतदान केन्द्रों में ईव्हीएम सह व्हीव्हीपेट मशीनों का उपयोग करने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने इस निर्णय के परिपे्रक्ष्य में निर्वाचन कार्य में लगने वाले समस्त शासकीय कर्मचारियों को ईव्हीएम सह व्हीव्हीपेट मशीन की कार्य विधि से परिचित कराने शासकीय कार्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। इसी सिलसिले में नया रायपुर स्थित विभागाध्यक्ष भवन (इंद्रावती भवन) में 21 और 22 अगस्त को कार्यालयीन समय में ईव्हीएम सह व्हीव्हीपेट मशीन प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध रहेगी। श्री साहू ने इस प्रशिक्षण में विभागाध्यक्ष कार्यालयों के शासकीय कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि मशीन की कार्यविधि की जानकारी कर्मचारियों को मिल सके।

        मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री साहू ने व्हीव्हीपेट मशीन की विशेषताओं के संबंध में बताया कि मतदाताओं को उनके वोट की पुष्टि मशीन से निकलने वाली पर्ची से हो जाती है। यह पर्ची देखने के लिए व्हीव्हीपेट मशीन में सात सेकेण्ड तक उपलब्ध रहेगी। नियत समय के बाद यह पर्ची कटकर स्वमेव ड्रॉप बॉक्स में एकत्रित हो जाती है।

        श्री साहू ने यह भी बताया कि आम नागरिकों को ईव्हीएम सह व्हीव्हीपेट मशीन के संबंध में जानकारी देने और उनमें जागरूकता लाने के लिए कार्य योजना बनाई गई है। कार्य योजना के तहत प्रदेश के सभी मतदान केन्द्रों में इस मशीन की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी के लिए रथ तैयार किए जा रहे हैं। रथों के जरिए सार्वजनिक स्थलों पर भी मशीनों का प्रदर्शन किया जाएगा और आम नागरिकों को मशीन की कार्य विधि के बारे में बताया जाएगा।

मतदाता सूचियों का ग्राम सभाओं और वार्डो मेें होगा सार्वजनिक वाचन अनिवार्य मतदान के लिए आम लोगों को दिलायी जाएगी शपथ
स्वतंत्रता दिवस और  गाँधी जंयती के परिप्रेक्ष्य में सार्वजनिक वाचन करने और शपथ दिलाने के निर्देश
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिला कलेक्टरों को लिखा पत्र

 आम नागरिकों में मतदान के प्रति जागरूकता लाने ग्राम सभाओं तथा नगरीय निकायों के वार्डों में मतदाता सूचियों का सार्वजनिक वाचन किया जाएगा। मतदान में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए ग्राम सभाओं और वार्डों में आम लोगों को शपथ भी दिलायी जाएगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू ने प्रदेश के समस्त कलेक्टरों एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस संबंध में पत्र जारी कर व्यक्तिगत रूचि लेकर जनजागरूकता लाने की अपेक्षा की है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने अनिवार्य मतदान के संबंध में ग्राम सभाओं तथा नगरीय निकायों में शपथ दिलाने के लिए क्रमशः पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी.मंडल और नगरीय प्रशासन विभाग के विशेष सचिव श्री निरंजन दास को भी अलग से पत्र लिखा है।
    श्री साहू ने पत्र में निर्देशित करते हुए कहा है कि भारत निर्वाचन आयोग की मूल मंशा ‘कोई भी व्यक्ति मतदान से वंचित नहीं रहें’ तथा ‘अधिक से अधिक मतदान हो’ की पूर्ति के लिए मतदाता सूचियों का सार्वजनिक वाचन एवं शपथ का आयोजन किया जाना है। पत्र में लिखा है कि आपके जिले की पंचायती राज संस्थाओं के अंतर्गत विभिन्न पंचायत क्षेत्रों एवं नगरीय निकायों में निवासरत परिवारों के एक जनवरी 2018 की स्थिति में 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सदस्यों के नाम मतदाता सूचियों में जोड़ा जाए, ताकि वे मताधिकार का उपयोग कर सकंे। भारत निर्वाचन आयोग की मंशा है कि एक जनवरी 2018 को 18 वर्ष आयु के हो चुके युवाओं के नाम मतदाता सूचियों में अनिवार्य रूप से जोड़ा जाए और उन्हें प्रजातांत्रिक व्यवस्था की मुख्य धारा में शामिल किया जाए। नये युवा मतदाता एक ओर जहां स्वयं जागरूक होकर भय मुक्त वातावरण में उत्साहपूर्वक मतदान के संवैधानिक अधिकारों का उपयोग करेंगे, वहीं दूसरी ओर अन्य व्यक्तियों को भी मतदान के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पत्र में निर्देशित किया है कि आगामी 15 अगस्त 2018 के परिप्रेक्ष्य में आयोजित होने वाली ग्रामसभाओं में स्थानीय निवासियों में जागरूकता लाने के लिए शपथ दिलायी जाए और निर्वाचन नामावलियों का वाचन सबके सामने किया जाए। यह कार्रवाई गांधी जंयती 2 अक्टूबर 2018 के परिप्रेक्ष्य में आयोजित होने वाली ग्रामसभाओं में भी किया जाना है।
    इसी प्रकार 15 अगस्त 2018 के परिप्रेक्ष्य में उस सप्ताह में किसी भी पूर्व निर्धारित कार्य दिवस को नगरीय निकायों के कार्यालयों अथवा वार्डो में स्थानीय लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता लाने शपथ दिलायी जाए। निर्वाचक नामावलियों का वाचन भी वार्ड वासियों के समक्ष किया जाना प्रस्तावित है। यही कार्रवाई नगरीय निकायों के वार्डो में गांधी जयंती 2 अक्टूबर 2018 के परिप्रेक्ष्य में एक बार फिर नगर वासियों के सामने सार्वजनिक रूप से करायी जाए। 
    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिलों के अंतर्गत सभी गांवो और शहरों में निर्धारित कार्यक्रमों और तिथियों का पर्याप्त प्रचार-प्रसार और मुनादी करायी जाए। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने पत्र में कलेक्टरों को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निर्वाचन नामावलियों के वाचन, शपथ एवं दावा आपत्ति के संबंध में की गई कार्रवाईयों से अवगत कराने की निर्देश दिए है।

राज्यपाल श्री टंडन ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्री सोमनाथ चटर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया

राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्री सोमनाथ चटर्जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
राज्यपाल श्री टंडन ने अपने शोक संदेश में कहा है कि श्री चटर्जी विलक्षण व्यक्तित्व के धनी और लोकप्रिय जनप्रतिनिधि थे। उनके निधन से राष्ट्र को अपूरणीय क्षति पहुंची है। श्री टंडन ने स्वर्गीय श्री चटर्जी के शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मृत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।


वी एस नायपॉल निधन और विश्व हाथी दिवस, गज महोत्सव (Death of VS Naipaul Vidiadhar Surajprasad Naipaul & Gaj Mahotsav))

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया 12 AUG 2018 प्रधानमंत्री ने वी एस नायपॉल के निधन पर शोक जताया

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ सर वी एस नायपॉल अपने व्यापक कार्यों के लिए याद रखे जांएगे, जिनमें इतिहास, संस्कृति, औपनिवेशवाद, राजनीति एवं और भी बहुत कुछ शामिल हैं। उनका निधन साहित्य की दुनिया के लिए एक बड़ी क्षति है। दुख के इन क्षणों में उनके परिवार एवं शुभ चिंतकों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।’

 मानव-पशु संघर्ष के पीछे के मूल कारणों पर ध्यान देने की आवश्यकता‘: सुरेश प्रभु

पर्यावरण मंत्रालय ने विश्व हाथी दिवस मनाया, चार दिवसीय ‘गज महोत्सव‘ स्वतंत्रता दिवस को संपन्न होगा

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने मानव-पशु संघर्ष के पीछे के मूल कारणों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा है कि मानव-पशु संघर्ष पशुओं के लिए नहीं, बल्कि मनुष्यों के लिए एक अस्तित्व का संकट है। आज यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित विश्व हाथी दिवस समारोह के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री प्रभु ने कहा कि मानव आबादी को अस्तित्व के इस संकट के बारे में बताए जाने की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि जंगलों एवं वनों की रक्षा वन्य जातियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने इस अवसर पर दिवंगत श्री मणिकंदन एवं उनके परिवार के सर्वोच्च बलिदान का भी स्मरण किया।

इस अवसर पर बोलते हुए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में विशेष सचिव एवं वन महानिदेशक डॉ. सिद्धांता दास ने कहा कि विकास की खोज में मानव के कदमों ने हाथियों के वास को विभाजित कर दिया है एवं वनों का नाश कर दिया है और इसी वजह से मानव-पशु संघर्ष की घटनाएं होती हैं।

अपने संक्षिप्त संबोधन में भारत के वन्य जीवन ट्रस्ट की ब्रांड अंबेस्डर सुश्री दीया मिर्जा ने कहा कि इनके संरक्षण के प्रयासों में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ना ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘गज महोत्सव‘ संरक्षणवादियों, नीति निर्माताओं, लोगों और विशेष रूप से बच्चों को साथ मिल कर वन्य पशुओं एवं हाथियों को संरक्षित करने का एक अवसर प्रस्तुत करेगा।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भारत के वन्य जीवन ट्रस्ट के साथ मिल कर आज ‘गज महोत्सव‘ के समारोहों का आगाज किया। चार दिवसीय ‘गज महोत्सव‘ स्वतंत्रता दिवस को संपन्न होगा। ‘गज महोत्सव‘ समारोहों में नीति, कला प्रदशर्नियों का आयोजन, फिल्म शो, संगीत एवं मनोरंजन पर सत्र आयोजित किए जाएंगे।

विश्व हाथी दिवस पर मनाने के लिए एक पुरस्कार समारोह का भी आयोजन किया गया। श्री सुरेश प्रभु ने इस अवसर पर दिवंगत डॉ मणिकंदन को ‘सर्वश्रेष्ठ हाथी योद्धा पुरस्कार‘ से भी सम्मानित किया। श्रीमती संगीता मणिकंदन ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।

विख्यात गीतकार श्री प्रसून जोशी द्वारा कंपोज किया गया एवं विख्यात गायिकाओं सुश्री श्रेया घोषाल, सुश्री सुनिधि चौहान एवं गायकों श्री विशाल डडलानी एवं श्री बेन्नी दयाल द्वारा ‘मेरे देश की जमीन‘- ‘वाइल्ड एंथेम भी इस अवसर पर जारी किया गया।


सीएसआईआर के नए पैटेंटीकृत क्लॉट बुस्टर, पीईजीवाईलेटेड स्ट्रप्टोकिनसे से स्ट्रोक के उपचार में क्रांति आना तय

सीएसआईआर के महानिदेशक एवं डीएसआईआर के सचिव डॉ गिरीश साहनी एवं माइक्रोबायल टेक्नोलॉजी ( सीएसआईआर - आईएमटेक) में अन्वेषणकर्ताओं की टीम द्वारा विकसित एक नए क्लॉट बुस्टर, पीईजीवाईलेटेड स्ट्रप्टोकिनसे-एक अनूठी जैविक इकाई से इस्केमिक स्ट्रोक के उपचार में क्रांति आना तय है। इस्केमिक स्ट्रोक एक ऐसी अवस्था होती है जो मस्तिष्क धमनियों में होने वाले इम्बोली, थ्रोबस या एथरोस्कलेरोसिस के कारण उत्पन्न होती है। भारत में स्ट्रोक की घटना पश्चिमी देशों की तुलना में अधिक होती है और सभी स्ट्रोकों में इस्केमिक स्ट्रोक का प्रतिशत लगभग 87 प्रतिशत है।

सीएसआईआर - आईएमटेक एवं मुंबई की एपाइजेन बायोटेक प्रा. लि. ने इस्केमिक स्ट्रोक के उपचार के लिए पीईजीवाईलेटेड स्ट्रप्टोकिनसे का विकास करनेे के लिए समझौता किया है। एपाइजेन इस्केमिक स्ट्रोक के लिए इस अनूठी जैविक इकाई (एनबीई) थ्रोबोलिटिक प्रोटीन के विशिष्ट लाइसेंस के साथ भारत में पहली कंपनी है।

चित्र की लाइन: सीएसआईआर - आईएमटेक के निदेशक डॉ अनिल कौल सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ गिरीश साहनी एवं एपाइजेन के अध्यक्ष श्री देबयान घोष

छत्तीसगढ़ राज्यपाल का निधन Chhattisgarh Governor Died

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया - रायपुर, 14 अगस्त 2018 - राज्यपाल बलरामजी दास टंडन का दुखद निधन
रायपुर

उल्लेखनीय है कि माननीय राज्यपाल बलरामजी दास टंडन ने 25 जुलाई 2014 को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का पदभार ग्रहण किया था। श्री टंडन का जन्म 01 नवंबर 1927 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके पश्चात वे निरन्तर सामाजिक और सार्वजनिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। उनके परिवार में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन के अलावा सुपुत्र श्री संजय टंडन, दो सुपुत्रियां श्रीमती अल्का क्वात्रा और श्रीमती पूनम बत्रा हैं।
माननीय राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का पद ग्रहण करने के बाद से ही छत्तीसगढ़ के हित में अनेक कार्य किए। सौम्य और सरल स्वभाव के श्री टंडन को छत्तीसगढ़ से अत्यंत लगाव था। यह एक सुखद संयोग था कि उनका जन्मदिन भी राज्य गठन के दिन ही अर्थात 01 नवंबर को था। वे हमेशा कहते थे कि छत्तीसगढ़ जैसे सरल और सहज स्वभाव के लोग मैंने कहीं नहीं देखे हैं। श्री बलरामजी दास टंडन  छत्तीसगढ़ की संस्कृति से अत्यंत प्रभावित थे। वे राज्य की तरक्की से बहुत प्रसन्न थे। उनका मानना था कि नवोदित राज्य होने के बाद भी छत्तीसगढ़ ने अभूतपूर्व प्रगति की है।
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन का जीवन परिचय
राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन का जन्म 01 नवंबर 1927 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, लाहौर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके पश्चात वे निरन्तर सामाजिक और सार्वजनिक गतिविधियों में सक्रिय रहे। निःस्वार्थ भाव से समाज सेवा और जनकल्याण के कार्यों की वजह से श्री टण्डन पंजाब की जनता में काफी लोकप्रिय रहे।
श्री टंडन वर्ष 1953 से वर्ष 1967 के दौरान अमृतसर में नगर निगम पार्षद और वर्ष 1957, 1962, 1967, 1969 एवं 1977 में अमृतसर से विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। वर्ष 1997 के विधानसभा चुनाव में श्री टण्डन राजपुरा विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। उन्होंने पंजाब मंत्रिमंडल में वरिष्ठ केबिनेट मंत्री के रूप में उद्योग, स्वास्थ्य, स्थानीय शासन, श्रम एवं रोजगार आदि विभागों में अपनी सेवाएं दी और कुशल प्रशासनिक क्षमता का परिचय दिया। श्री टण्डन वर्ष 1979 से 1980 के दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे। श्री टंडन जेनेवा में श्रम विभाग के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमण्डल के उपनेता के रूप में शामिल हुए और सम्मेलन को सम्बोधित किया।
उन्होंने नेपाल की राजधानी काठमाण्डू में सार्क देशों के स्थानीय निकाय सम्मेलन में भी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 1975 से 1977 तक वह आपातकाल के दौरान जेल में रहेे। अपनी निरन्तर सक्रियता से वह राज्य शासन के सामने जनहित के मुद्दों को सामने लाते रहे। वर्ष 1991 में लोकसभा चुनाव की घोषणा ऐसे समय पर हुई थी, जब पंजाब में आतंकवाद अपनी चरम स्थिति में था। इस दौरान उन्होंने अमृतसर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव में भाग लेने का बीड़ा उठाया, जिसे उस समय सर्वाधिक आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र माना जाता था। इस चुनाव अभियान के दौरान आतंकवादियों द्वारा उन पर कई बार हमले किये गये लेकिन सौभाग्य से श्री टंडन सुरक्षित रहे।
श्री बलरामजी दास टंडन ने वर्ष 1947 में देश के विभाजन के समय पाकिस्तान से आने वाले लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। उन्होंने वर्ष 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान अमृतसर जिले की सीमा पर जनसामान्य में आत्मबल बनाये रखने तथा उत्साह का संचार करने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। वर्ष 1980 से 1995 के दौरान उन्होंने आतंकवाद का सामना करने तथा इससे लड़ने के लिए पंजाब के जनसामान्य का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने आतंकवाद से प्रभावित परिवारों की मदद करने के उद्देश्य से एक कमेटी का गठन किया। श्री टण्डन स्वयं इस फोरम के चेयरमेन थे। ‘कॉम्पिटेंट फाउंडेशन’ के चेयरमेन के पद पर कार्य करते हुए उन्होंने रक्तदान शिविर, निःशुल्क दवाई वितरण, निःशुल्क ऑपरेशन जैसे जनहितकारी कार्यों के माध्यम से गरीबों एवं जरूरतमंदों की मदद की। सौम्य स्वभाव के श्री टंडन जी की खेलों में गहरी रूचि थी। वे कुश्ती, व्हालीबॉल, तैराकी एवं कबड्डी जैसे खेलों के सक्रिय खिलाड़ी थे।

छत्तीसगढ़ में राज्यपाल श्री टंडन का कार्यकाल (25 जुलाई 2014-14 अगस्त 2018)
राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का पद ग्रहण करने के बाद से ही छत्तीसगढ़ के हित में अनेक कार्य किए। सौम्य और सरल स्वभाव के श्री टंडन को छत्तीसगढ़ से अत्यंत लगाव था। यह एक सुखद संयोग था कि उनका जन्मदिन भी राज्य गठन के दिन 01 नवंबर को था।  वे हमेशा कहते थे कि छत्तीसगढ़ जैसे सरल और सहज स्वभाव के लोग मैंने कहीं नहीं देखे। श्री टंडन पदभार ग्रहण करने के बाद छत्तीसगढ़ के लगभग हर हिस्से में गए और वहां की संस्कृति से रूबरू हुए और प्रभावित भी हुए। वे छत्तीसगढ़ की तरक्की से बहुत प्रभावित थे। उनका मानना था कि नवोदित राज्य होने के बाद भी यहां की प्रगति अविश्वसनीय है, किन्तु सत्य है।
श्री टंडन ने कुलाधिपति के रूप में भी उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने युवाओं को हुनरमंद बनाने पर हमेशा जोर दिया।
वे हमेशा कहा करते थे कि देश की आजादी अमूल्य है और इसे कायम रखने के लिए सभी को विशेषकर नौजवानों को जागरूक रहना आवश्यक है। हमारे नौजवान यह संकल्प लें कि हम देश को कभी गुलाम नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि सतत् जागरूकता ही स्वतंत्रता का आधार होता है। सभी नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से निभानी चाहिए और सतत जागरूक रहना चाहिए।



राज्यपाल आम जनता के प्रति भी काफी संवेदनशील थे। उन्होंने शहर में अपने आवागमन के समय आम जनता को यातायात में हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त करते हुए निर्देशित किया था कि इस दौरान अनावश्यक रूप से और अधिक देर तक ट्रैफिक न रोका जाए। उनकी संवेदनशीलता का एक उदाहरण ऐसा भी है जब ओपन हाउस के दौरान एक निःशक्त व्यक्ति जब मिलने पहुंचा तो उनके परेशानी देखते हुए स्वयं राज्यपाल कक्ष से बाहर आकर निःशक्त व्यक्ति से मुलाकात की और नववर्ष की शुभकामनाएं दी।
राज्यपाल महोदय ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक थे। उनकी पहल से राज्य में अतिथियों को पुष्प गुच्छ के बजाय एक पुष्प से स्वागत करने की परम्परा शुरू हुई। वे जल संरक्षण के प्रति भी सजग थे। गर्मियों में वे हमेशा जल संरक्षण की अपील करते थे और स्वयं भी उसका पालन करते थे।
    राज्यपाल दीन-दुखियों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। उन्होंने अपने वेतन से जम्मूकश्मीर बाढ़ पीडि़तों की सहायता के लिए 51 हजार रूपए की सहयोग राशि दी थी। उन्होंने सैनिक कल्याण बोर्ड को ढाई लाख रूपए की भी सहायता दी थी। श्री टंडन ने राज्यपालों के वेतन में की गई वृद्धि और एरियर्स की राशि (01.01.2016 से देय) को नहीं लेने का निर्णय भी लिया था। श्री टंडन ने समाचार पत्र में पढ़ने के बाद शंकर नगर में डॉ. गुप्ता दंपत्ति द्वारा निर्धन परिवारों के बच्चों के लिए संचालित शिक्षण संस्थान निशांत विद्यालय को 01 लाख रूपए की सहायता दी थी।
श्री टंडन प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा चलाए गए स्वच्छता अभियान से बहुत प्रभावित थे। उनका कहना था कि स्वच्छता को हमें अपनी स्वतः प्रेरणा से अपने कार्य, व्यवहार एवं आचरण में लाने की आवश्यकता है। केवल फोटो खिंचवाकर ही स्वच्छता अभियान की इतिश्री नहीं करनी चाहिए। इस जनअभियान को सफल बनाने के लिए एक व्यापक आंदोलन का रूप प्रदान करने की आवश्यकता है, जिसमें देश के सभी नागरिकों को सक्रिय सहभागिता निभानी होगी।
शहीदों को नमन करते हुए राज्यपाल ने कहा था कि शहीदों की शहादत की वजह से हम स्वतंत्र देश में सांस ले रहे हैं। उनका मानना था कि छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद शीघ्र समाप्त होगा। केन्द्र शासन और राज्य शासन समन्वित रूप से इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं।

राज्यपाल बलरामजी दास टंडन का निधन: मुख्यमंत्री ने की सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा, परम्परागत रूप से मनेगा स्वतंत्रता दिवस, लेकिन पुरस्कार वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे, राज्य सरकार ने मंत्रालय से जारी किया परिपत्र

रायपुर, 14 अगस्त 2018  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए छत्तीसगढ़ में सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। श्री टंडन के निधन की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री आज दोपहर राजधानी रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल पहुंचे और उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने दोपहर को ही यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से प्रदेश में राजकीय शोक का परिपत्र जारी कर दिया। यह परिपत्र अध्यक्ष राजस्व मंडल सहित राज्य शासन के सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, संभागीय कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों को भेजा गया है। परिपत्र के अनुसार प्रदेश में 14 अगस्त से 20 अगस्त तक राजकीय शोक रहेगा। इस अवधि में सरकारी भवनों और जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाते हैं, वहां ध्वज आधे झुके रहेंगे। साथ ही सरकारी स्तर पर कोई मनोरंजन अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। राज्यपाल के निधन पर आज 14 अगस्त को प्रदेश सरकार के सभी कार्यालय बंद रखे जाएंगे। राजकीय शोक की अवधि में 15 अगस्त का दिन भी शामिल है, लेकिन स्वतंत्रता दिवस के राष्ट्रीय पर्व को ध्यान में रखकर राज्य सरकार ने 15 अगस्त को समारोह परम्परागत रूप से मनाने का निर्णय लिया है। परिपत्र में कहा गया है कि 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज आधा नहीं झुकाया जाएगा और सभी जिलों में सार्वजनिक ध्वजारोहण समारोह में मुख्य अतिथियों द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा। राष्ट्रीय धुन भी होगी और परेड द्वारा सलामी ली जाएगी। परेड निरीक्षण और मार्चपास्ट भी होगा। मुख्यमंत्री राज्य की जनता के नाम संदेश पढ़ेंगे, लेकिन पुरस्कार वितरण, सम्मान समारोह तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे। परिपत्र में यह भी बताया गया है कि 15 अगस्त की शाम कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे।

आई आई टी बॉम्बे दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री (IIT Bombay Convocation & PM))

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया 11 अगस्त 2018 - आई आई टी बॉम्बे के 56वें दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ

आज 11 अगस्त है। 110 वर्ष पहले देश की आज़ादी के लिए आज के ही दिन, खुदीराम बोस ने मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर दिया था। मैं उस वीर क्रान्तिकारी को नमन करता हूं, देश की तरफ से उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।

साथियों,

आज़ादी के लिए जिन्होंने प्राण दिए, अपना सबकुछ समर्पित किया , वो अमर हो गए, वो प्रेरणा के मूर्ति बन गए | लेकिन हम लोग हैं जिन्हें आज़ादी के लिए मरने का सौभाग्य नहीं मिला, लेकिन हमारा यह भी सौभाग्य हैं की हम आज़ाद भारत के लिए जी सकते हैं, हम देश के आज़ादी को राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए जी करके जिन्दगी का एक नया लुत्फ़ उठा सकते है। आज मैं अपने सामने, आप के भीतर, आपके चेहरे पर जो उत्साह देख रहा हूं, जो आत्मविश्वास देख रहा हूँ, वो आश्वस्त करने वाला है कि हम सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।



साथियों,

IIT Bombay स्वतंत्र भारत के उन संस्थानों में है जिनकी परिकल्पना टेक्नॉलॉजी के माध्यम से राष्ट्रनिर्माण को नई दिशा देने के लिए की गई थी। बीते 60 वर्षों से आप निरंतर अपने इस मिशन में जुटे हैं। 100 छात्रों से शुरु हुआ सफर आज 10 हज़ार तक पहुंच चुका है। इस दौरान आपने खुद को दुनिया के टॉप संस्थानों में स्थापित भी किया है। यह संस्थान अपनी हीरक जयंति मना रहा हैं, डायमंड जुबली । पर उससे अधिक महतवपूर्ण हैं वे सभी हीरे, जो यहाँ मेरे सामने बठे हैं, जिन्हें आज दीक्षा प्राप्त हो रही हैं, और जो यहाँ से दीक्षा पाकर, पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। आज इस अवसर पर सबसे पहले मैं डिग्री पाने वाले देश-विदेश के विद्यार्थियों को , और उनके परिवारों को हृदयपूर्वक बधाई देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं। आज यहां डॉक्टर रोमेश वाधवानी जी को डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि भी दी गई है। डॉक्टर वाधवानी को भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई। रमेश जी ने टेक्नॉलॉजी को जन सामान्य की आवश्यकताओं से जोड़ने के लिए उम्रभर काम किया है। वाधवानी फाउंडेशन के जरिए इन्होंने देश में युवाओं के लिए रोज़गार निर्माण, Skill, Innovation और Enterprise का माहौल तैयार करने का बीड़ा उठाया है। एक संस्थान के बतौर ये आप सभी के लिए भी गर्व का विषय है कि यहां से निकले वाधवानी जी जैसे अनेक छात्र-छात्राएं आज देश के विकास में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। बीते 6 दशकों की निरंतर कोशिशों का ही परिणाम है कि IIT Bombay ने देश के चुनिंदा Institutions of Eminence में अपनी जगह बनाई है। और अभी आपको बताया गया कि आपको अब एक हज़ार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलने वाली है जो आने वाले समय में यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में काम आने वाला है। इसके लिए भी मैं आपको और पूरी इस टीम को बहुत-बहुत बधाई।



The nation is proud of the IITs, and what IIT graduates have achieved. The success of the IITs led to the creation of several engineering colleges around the country. They were inspired by the IITs, and this led to India becoming one of the world’s largest pools of technical manpower. The IITs have built Brand India globally. And they did it over the years. IIT graduates went to America and excelled there: first as students in Universities and then as technology experts, entrepreneurs, executives and in academics. It was a large number of IIT students who built the IT sector in India, brick by brick..or I should say, click by click. Earlier Indians with the IT sector were considered hard working and intelligent - but mainly in other nations, mainly in the US. Now India has become the destination for IT development.



And today, IIT graduates are at the forefront of some of the best start-ups in India. These are start-ups that are also at the forefront of solving so many national problems. To those working in the start-up movement or are planning to start one after College, please do remember that the biggest corporations of today were start-ups of yesterday. They were the result of idealism combined with hard-work and diligence. Keep at it, do not give up, and you will succeed.

You are fortunate to have lived in a campus like this, in a city like Mumbai. You have a lake on one side, and the hills too. Occasionally, you share your campus with crocodiles and leopards. It is still August, but I am sure the mood is indigo today! I am sure the last four years were a wonderful learning experience for you all.



There is so much to look back and remember the college festivals, inter hostel sports, student-faculty associations. Did I mention some studies as well? You have received what can be called the best that our education system has to offer. Students here represent the diversity of India. From different states, speaking different languages, from different backgrounds, you merge here in pursuit of knowledge and learning.



साथियों ,

IIT Bombay देश के उन संस्थानों में से है जो New India की New Technology के लिए काम कर रहा है। आने वाले दो दशकों में दुनिया का विकास कितना और कैसा होगा, ये Innovation और नई टेक्नॉलॉजी तय करेगी। ऐसे में आपके इस संस्थान का, IIT का रोल बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। चाहे 5G ब्रॉडबैंड टेक्नॉलॉजी हो, Artificial Intelligence हो, Block Chain Technology हो, Big Data Analysis हो या फिर Machine Learning, ये वो तकनीक है जो आने वाले समय में Smart Manufacturing और Smart Cities के विजन के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होने वाली है।



अब से कुछ देर बाद जिस नई बिल्डिंग का उद्घाटन होगा, वो भी इस दिशा में अहम साबित होने वाली है। Department of Energy Science and Engineering और Centre for Environmental Science and Engineering इस नई बिल्डिंग में काम करने वाले हैं। ये देखते हुए कि Energy और Environment देश और दुनिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं, और मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यहां इन दोनों क्षेत्रों में रिसर्च के लिए बेहतर माहौल बनेगा।



मुझे बताया गया है कि इस बिल्डिंग में एक Solar Lab भी स्थापित की जा रही है, जिससे छात्रों को Solar Energy से जुड़ी रिसर्च में सुविधा होगी। Solar Energy के अलावा Biofuel भी आने वाले समय में Clean Energy का एक बहुत बड़ा source सिद्ध होने वाला है। मैंने कल दिल्ली में World Biofuel Day के अवसर पर भी कहा था कि इससे जुड़ी टेक्नॉलॉजी को लेकर इंजीनियरिंग के छोटे से लेकर बड़े संस्थान में पढ़ाई हो, Research हो।



साथियों,

IIT को देश और दुनिया Indian Institute of Technology के रूप में जानती है। लेकिन आज हमारे लिए इनकी परिभाषा थोड़ी बदल गई है। ये सिर्फ Technology की पढ़ाई से जुड़े स्थान भर नहीं रह गए हैं, बल्कि IIT आज India’s Instrument of Transformation बन गए हैं। हम जब Transformation की बात करते हैं तो Start Up की जिस क्रांति की तरफ देश आगे बढ़ रहा है, उसका एक बहुत बड़ा Source हमारे IIT हैं। आज दुनिया IIT को Unicorn Start Ups की नर्सरी के रूप में मान रही है। यानि वो स्टार्ट अप अभी भारत में शुरू हो रहे हैं जिनकी भविष्य में Value एक अरब डॉलर से अधिक की होने की संभावना जताई जाती है। ये एक प्रकार से तकनीक के दर्पण हैं, जिसमें दुनिया को भविष्य नज़र आता है।



साथियों,

आज दुनिया भर में जितने भी बिलियन डॉलर Start Ups हैं, उनमें दर्जनों ऐसे हैं जिनको IIT से निकले लोगों ने स्थापित किया है। आज अपने सामने मैं भविष्य के ऐसे अनेक Unicorn Founders को देख रहा हूं।



Friends,

Innovations and Enterprise are going to be the foundation stone for making India a developed economy. A long term sustainable technology-led economic growth is possible on this foundation.

यही कारण है कि हमने Start Up India और Atal Innovation Mission जैसे अभियान शुरु किए हैं जिनके परिणाम अब मिलने लगे हैं। आज भारत Start Up के क्षेत्र में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा Ecosystem है। 10 हज़ार से अधिक Start Ups को देश में nurture किया जा रहा है और फंडिंग की भी एक व्यापक व्यवस्था की जा रही है।



साथियों,

आज Innovation Index की रैंकिंग में हम निरंतर ऊपर चढ़ रहे हैं। इसका अर्थ ये है कि Education से लेकर Environment तक की जो हमारी Holistic Approach है उसका परिणाम आज दुनिया के सामने आ रहा है। देश में साइंटिफिक टेंपर विकसित करने, रिसर्च का माहौल बनाने के लिए हायर एजुकेशन में इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया है।



Innovation is the buzzword of the 21st century. Any society that does not innovate will stagnate. That India is a emerging as a hub for start-ups shows that the thrust for innovation is very much there. We must build on this further and make India the most attractive destination for innovation and enterprise. And, this will not happen through Government efforts alone. It will happen through youngsters like you. The best ideas do not come in Government buildings or in fancy offices. They come in campuses like yours, in the minds of youngsters like you.



My appeal to you and many other youngsters like you is: Innovate in India, Innovate for humanity.

From mitigating climate change to ensuring better agricultural productivity, From cleaner energy to water conservation, From combating malnutrition to effective waste management. Let us affirm that the best ideas will come from Indian laboratories and from Indian students. On our part, we are doing everything possible to foster a spirit of research and innovation in India.



बीते चार वर्षों में 7 नए IIT, 7 नए IIM, 2 IISER और 11 IIIT, स्वीकृत किए गए हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए RISE यानि Revitalisation of Infrastructure and Systems in Education कार्यक्रम शुरु किया गया है। इसके तहत आने वाले चार वर्षों में एक लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। नए संस्थान, नया इंफ्रास्ट्र्क्चर आवश्यक हैं लेकिन उससे भी ज़रूरी वहां से तैयार होने वाली skilled power है। सरकार इस पर भी ध्यान दे रही है।



साथियों,

देश आज हर वर्ष लगभग 7 लाख इंजीनियर कैंपस में तैयार करता है, लेकिन कुछ लोग सिर्फ डिग्री लेकर ही निकलते हैं। उनमें स्किल क्षमता उतनी विकसित नहीं हो पाती। मैं यहां मौजूद शिक्षकों से, बुद्धिजीवियों से आग्रह करता हूं कि इस बारे में सोचें, कैसे क्वालिटी को सुधारा जाए इस पर सुझाव लेकर आएं। Quantity ही नहीं बल्कि Quality भी उच्च स्तर की हो ये सुनिश्चित करना आप सभी की, हम सभी का सामुहिक जिम्मेदारी है। इसके लिए सरकार प्रयास भी कर रही है।



आपकी जानकारी में होगा कि सरकार Prime Minister’s Research Fellows योजना चला रही है। इसके तहत हर वर्ष देशभर के एक हज़ार मेधावी इंजीनियरिंग छात्रों को रिसर्च के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इतना ही नहीं इस योजना में चयनित छात्रों को पीएचडी के लिए, IIT और IISc जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में ही दाखिला मिलने की व्यवस्था होती है । ये Fellowship आपको देश में रहते हुए ही रिसर्च के लिए बेहतरीन सुविधाएं देने का अवसर उपलब्ध करा रही है। IIT Bombay के छात्र-छात्राओं को भी इसका लाभ उठाना चाहिए।



साथियों,

यहां जितने लोग भी बैठे हैं, वो या तो शिक्षक हैं या फिर भविष्य के लीडर हैं। आप आने वाले समय में देश के लिए या किसी संस्थान के लिए पॉलिसी मेकिंग के काम में जुड़ने वाले हैं। आप जैसे टेक्नॉलॉजी और Innovation से नए स्टार्ट अप के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। क्या करना है, कैसे करना है, इसके लिए आपका एक निश्चित विजन भी होगा।



साथियों,

पुराने तौर-तरीकों को छोड़ना अकसर आसान नहीं होता। समाज और सरकारी व्यवस्थाओं के साथ भी यह समस्या होती है। कल्पना कीजिए की हज़ारों वर्षों से जो आदतें विकसित हुईं, सैकड़ों वर्षों से जो सिस्टम चल रहा था, उनको बदलाव के लिए convince करना कितना मुश्किल काम है। लेकिन जब आपकी सोच और कर्म के केंद्र में Dedication, Motivation और Aspiration होती है तो आप सारी बाधाओं को पार पाने में सफल होते हैं।



आज सरकार आप सभी की, देश के करोड़ों युवाओं की आकांक्षाओं को सामने रखकर काम कर रही है। मेरा आप सभी से भी इतना ही आग्रह है कि अपनी असफलता की उलझन को मन से निकालें, सफलता मिलेगी नहीं मिलेगी, करु ना करु , उलझन को निकाले और Aspirations पर फोकस करें। ऊंचे लक्ष्य, ऊंची सोच आपको अधिक प्रेरित करेगी, उलझन आपके Talent को सीमाओं में बांध देगा।



साथियों,

सिर्फ आकांक्षाएं होना ही काफी नहीं है, लक्ष्य भी अहम होता है। आप में से आज जो यहां से बाहर निकल रहे हैं या फिर आने वाले सालों में निकलने वाले हैं, आप सभी किसी ना किसी संस्थान से जुड़ने वाले हैं। किसी नए संस्थान की नींव डालने वाले हैं। मुझे उम्मीद है, ऐसे हर कार्य में आप देश की आवश्यकताओं, देशवासियों की जरूरतों का अवश्य ध्यान रखेंगे। ऐसी अनेक समस्याएं हैं जिनका समाधान आप सभी ढूंढ सकते हैं।



साथियों,

सवा सौ करोड़ देशवासियों के जीवन को आसान बनाने के लिए, Ease Of Living सुनिश्चित करने के लिए आपके हर प्रयास, हर विचार के साथ ये सरकार खड़ी है, आपके साथ चलने को तैयार है । इसलिए मेरी जब भी आप जैसे छात्रों, वैज्ञानिक बंधुओं, उद्मियों से बात होती है तो मैं IIT जैसे तमाम संस्थानों के इर्दगिर्द City Based Clusters of Science की चर्चा ज़रूर करता हूं। मकसद ये है कि Students, Teachers, Industry, Start Up से जुड़े तमाम लोगों को एक ही जगह पर, एक दूसरे की आवश्यकताओं के हिसाब से काम करने, R&D करने का अवसर मिले। अब जैसे मुंबई के जिस इलाके में आपका संस्थान है, उसे ही लीजिए। मुझे जानकारी दी गई है कि यहां ग्रेटर मुंबई में लगभग 800 कॉलेज और Institutes हैं, जिनमें लगभग साढ़े 9 लाख युवा पढ़ाई कर रहे हैं। आज जब हम यहां Convocation के लिए जुटे हैं, ये इस संस्थान का डायमंड जुबली वर्ष भी है, इस अवसर पर आपको मैं एक संकल्प से जोड़ना चाहता हूं। क्या IIT Bombay, City Based Centre of Excellence का केंद्र बन सकता है?



साथियों,

आप भली भांति जानते हैं कि सरकार ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) को कानून बनाकर अधिक Autonomy दी है। सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया है कि IIM से पढ़कर निकले विद्यार्थी -अलुमनाई, इन संस्थानों में और ज्यादा सक्रिय भूमिका निभाएं। IIM के Board of Governors में भी उनको प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है। मैं समझता हूं कि IIT जैसे संस्थानों को भी अपने अलुमनाई के अनुभवों का फायदा उठाने के लिए इस तरह के फैसले पर विचार करना चाहिए। ऐसा होने पर अलुमनाई को भी अपने संस्थान के लिए कुछ बेहतर करने का मौका मिलेगा। मेरे सामने बैठा हर छात्र भविष्य का अलुमनाई है और मेरी इस बात से आप सभी सहमत होंगे कि अलुमनाई एक ऐसी शक्ति है जो इस संस्थान को नई ऊंचाई देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मुझे बताया गया है कि सिर्फ IIT Bombay के लिए 50 हजार से ज्यादा अलुमनाई हैं। इनके ज्ञान, इनके अनुभव का बहुत बड़ा फायदा आपको मिल सकता है।



साथियों,

यहां पहुंचने के लिए आपने बहुत परिश्रम किया है। आप में से अनेक साथी ऐसे होंगे जो अभावों से जूझते हुए यहां तक पहुंचे हैं। आपमें अद्भुत क्षमता है, जिसके बेहतर परिणाम भी आपको मिल रहा है। लेकिन ऐसे भी लाखों युवा हैं जो यहां आने के लिए परिश्रम करते हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाती। उनमें Talent की कमी है ऐसा नहीं है। अवसरों और गाइडेंस के अभाव में उन्हें ये मौका नहीं मिल पाया है। ऐसे अनेक छात्रों के जीवन में, उनका मार्गदर्शन कर आप एक नई शक्ति , नई चेतना , नई रोशनी ला सकते हैं। ये और भी बेहतर होगा अगर IIT Bombay आस-पास के स्कूलों के लिए Outreach Programme बनाए। छोटे-छोटे बच्चों को यहां कैंपस में लाने का प्रबंध हो ताकि वो साइंटिफिक रिसर्च के लिए प्रेरित हों। आपकी जानकारी में होगा कि अब अटल टिंकरिंग लैब का भी एक बहुत बड़ा अभियान देश के स्कूलों में चलाया जा रहा है। जहां Artificial Intelligence, 3D Printing जैसी नई टेक्नॉलॉजी से बच्चों को परिचित करवाया जा रहा है। स्कूलों में इस प्रकार की Outreach से इस अभियान को भी मदद मिलेगी। संभव है कि नन्हें मस्तिष्क के नवीन विचारों से कभी कभी हम बड़ो को , आप सभी को भी कुछ नई प्रेरणा मिल जाए।



साथियों,

आज जो डिग्री आपको मिली है, ये आपके dedication, लक्ष्य के प्रति आपके समर्पण का प्रतीक है। याद रखिए कि ये सिर्फ एक पड़ाव भर है, असली चुनौती आपका बाहर इंतज़ार कर रही है। आपने आज तक जो हासिल किया और आगे जो करने जा रहे हैं, उससे आपकी अपनी, आपके परिवार की, सवा सौ करोड़ देशवासियों की उम्मीदें जुड़ी हैं। आप जो करने वाले हैं उससे देश की नई पीढ़ी का भविष्य भी बनेगा और New India भी मजबूत होगा ।



करोड़ों उम्मीदों को पूरा करने में आप सफल हों, इसके लिए एक बार फिर बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत बहुत बधाई देता हूँ, आप सबके बीच कुछ समय बिताने का अवसर मिला मैं अपनेआप को धन्य मानता हूँ ।



बहुत-बहुत धन्यवाद !

हरेली पर्व, एक जनपद एक उत्पाद समिट (One District One Product Summit)),

छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया 10 अगस्‍त, 2018 - राष्ट्रपति ने श्री वी.वी. गिरी को उनकी जयंती पर पुष्पांeजलि अर्पित की.
राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज (10 अगस्‍त, 2018) राष्‍ट्रपति भवन में पूर्व राष्‍ट्रपति श्री वी.वी. गिरी को उनकी जयंती पर पुष्‍पांजलि अर्पित की।
राष्‍ट्रपति, श्री वी.वी. गिरी के परिवारजन और राष्‍ट्रपति भवन के अधिकारियों- कर्मचारियों ने श्री वी.वी. गिरी की तस्‍वीर के सामने पुष्‍पांजलि अर्पित की।

भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द का ‘एक जनपद एक उत्पाद समिट’ में सम्बोधन

    आज के इस ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रॉडक्ट’ यानि ओ.डी.ओ.पी. समिट के प्रतिभागियों में, मैं एक विशेष उत्साह का अनुभव कर रहा हूँ। लाभार्थियों और सरकार की टीम के सदस्यों में ‘पॉज़िटिव एनर्जी’ देखकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। ऐसा ही उत्साह मैंने इस वर्ष फरवरी में आयोजित ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट’ में भी देखा था। विकास और जन-कल्याण के लक्ष्यों के प्रति ऐसा उत्साह, राज्य के निवासियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। स्पष्ट योजनाओं और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को लेकर, जनहित में आगे बढ़ने के लिए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और उनकी पूरी टीम को मैं बधाई देता हूँ।
    देश की संस्कृति, चिंतन और शिक्षा-व्यवस्था को योगदान देने में उत्तर प्रदेश के निवासियों की अग्रणी भूमिका रही है। विभिन्न क्षेत्रों में उनके असाधारण योगदान के लिए, देश के सर्वोच्च अलंकरण ‘भारत-रत्न’ से सम्मानित, कुल पैंतालीस विभूतियों में से, ग्यारह भारत-रत्नों की जन्म-स्थली या कर्म-स्थली उत्तर प्रदेश में है। यह उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए गर्व की बात है। यह रत्न-परंपरा उसी कड़ी को आगे बढ़ाती है जिसमे संत कबीर, संत रविदास, सूरदास, तुलसीदास और मलिक मोहम्मद जायसी से लेकर मुंशी प्रेमचंद, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’, सुभद्रा कुमारी चौहान और गणेश शंकर विद्यार्थी जैसी विभूतियाँ शामिल हैं। मैं कहना चाहूँगा कि उत्तर-प्रदेश, प्रतिभा वाला प्रदेश है। साथ ही, उत्तर-प्रदेश में विकास-प्रदेश बनने के सभी उपकरण मौजूद हैं।
    उत्तर प्रदेश में देश की सबसे बड़ी work force है, अनेक उत्कृष्ट शिक्षण-संस्थान हैं, कृषि उत्पादन का प्रभावशाली रेकॉर्ड है, हस्त-कौशल की प्रसिद्ध परंपरा है, ताज महल और सारनाथ जैसे पर्यटन के विश्व-प्रसिद्ध केंद्र हैं, गंगा-यमुना-घाघरा-गंडक-गोमती-राप्ती और सोन नदियों का आशीर्वाद है और देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भी, उत्तर प्रदेश में ही है। ऐसी अन्य कई विशेषताएँ हैं, जिनके बल पर, यह राज्य एक ‘ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी’ यानि दस खरब डॉलर की अर्थ-व्यवस्था के लक्ष्य को निकट भविष्य में प्राप्त कर सकता है। 
    विश्व की जनसंख्या में भारत का जो अनुपात है, लगभग वही भारत की जनसंख्या में उत्तर प्रदेश का है। भारत समेत, विश्व में केवल पांच देशों की आबादी, उत्तर प्रदेश से अधिक है। राज्य की 60 प्रतिशत जनसंख्या working age group में है। भारत के विकास में, उत्तर प्रदेश के विकास की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है।
    भारत में S.M.E. उद्यमों को अर्थ-व्यवस्था का मेरुदंड कहा जाता है। ये उद्यम समावेशी विकास के इंजन हैं। कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक लोग इन्ही उद्यमों में रोजगार पाते हैं। इन उद्यमों में अपेक्षाकृत कम पूंजी की लागत पर रोजगार के अधिक अवसर पैदा होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन उद्यमों के माध्यम से, ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में रोजगार पैदा होते हैं। देश के सर्वाधिक M.S.M.E. उद्यम उत्तर प्रदेश में हैं। सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य, उत्तर प्रदेश में, हमारे डेमोग्राफिक डिविडेंड का सबसे अधिक उपयोग इन्ही उद्यमों में हो सकेगा।
    मुझे बताया गया है कि देश के कुल हस्त-शिल्प निर्यात में उत्तर प्रदेश का योगदान लगभग 44 प्रतिशत है। हस्त-शिल्प, फूड प्रोसेसिंग, इंजिनियरिंग गुड्स, कालीन, रेडी-मेड कपड़े, लेदर गुड्स में लगे उद्योगों से विदेशी मुद्रा और रोजगार दोनों ही दृष्टियों से लाभ होता है। इस प्रकार, उत्तर प्रदेश के विकास में S.M.E उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
    पूरे देश में S.M.E. क्षेत्र के लिए प्रभावी इको-सिस्टम विकसित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। जून के महीने में M.S.M.E. क्षेत्र के विकास को और गति देने के लिए, केंद्र सरकार द्वारा आयोजित ‘उद्यम संगम’ में भाग लेने का मुझे अवसर मिला था। राज्य स्तर पर भी ऐसे प्रयास हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश की यह ‘ओ.डी.ओ.पी.’ योजना भी छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों तक M.S.M.E. उद्यमों के लिए सहायक परिस्थितियाँ उत्पन्न करेगी।
    हमारे शिल्पकारों का हुनर बहुत ही प्रभावशाली है। ‘ओ.डी.ओ.पी.’ योजना से स्थानीय कौशल और कलाओं का संवर्धन होगा, तथा उत्पादों की पहुँच बढ़ेगी। इससे उत्तर प्रदेश केहर जनपद में शिल्पकारों की आर्थिक प्रगति होगी। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि जिन जिलों में विशिष्ट पहचान वाले उत्पादों की संख्या एक से अधिक है, वहाँ, अधिक रोजगार एवं विकास की संभावना वाले उत्पाद का चयन किया गया है।
    मुझे बताया गया है कि ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना द्वारा पाँच वर्षों में पचीस हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के जरिए पचीस लाख लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य है। मुझे आशा है कि इस योजना से युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ-ही-साथ, राज्य के समग्र और संतुलित विकास को बल मिलेगा।
    इस समिट में, ‘ई-मार्केटिंग’, ‘ज़ीरो डिफ़ेक्ट–ज़ीरो इफ़ेक्ट’ और पूंजी निवेश में सहायता के लिए, यहाँ उपस्थित संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ, जो समझौता ज्ञापन किए गए हैं, उनसे जिला स्तर पर, उत्पादकों के लिए, नए अवसर प्राप्त होंगे। ‘थिंक-ग्लोबल, ऐक्ट-लोकल’ की सोच के अनुसार, स्थानीय कौशल को प्रोत्साहन देकर, जनपदों के कई ऐसे उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार के लायक बनाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों के उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग है। लेकिन ऐसे बहुत से जिले और उत्पाद हैं जिन्हे, इस योजना द्वारा समुचित प्रोत्साहन देकर, उनकी क्षमता का व्यावसायिक उपयोग किया जा सकता है। कई नए ब्रांड विकसित किए जा सकते हैं। जब अंबेडकर नगर के वस्त्र-उत्पाद के कारीगर, और श्रावस्ती में ट्राइबल क्राफ्ट में लगे शिल्पी, राज्य सरकार से प्रभावी सहायता प्राप्त करेंगे, तो निश्चय ही उनका उत्साह बढ़ेगा, और उनके उत्पादों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। उनके उत्पाद अधिक ‘मार्केटेबल’ हो सकेंगे।
    ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान देकर, उत्पादों की विभिन्न बाज़ारों में पहुँच बढ़ाई जा सकती है। उपभोक्ता स्वयं उत्पादों तक नहीं आता, उत्पादों के प्रति उपभोक्ता की रुचि जगाने के लिए, उसके पास जाना पड़ता है। मेरा सुझाव है कि, ब्रांडिंग के लिए, देश के प्रमुख सात-आठ नगरों में, उत्तर प्रदेश के जनपदों के उत्पादों की, लगभग 10 से 15 दिनों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल या मुख्यमंत्री की उपस्थिति द्वारा, तथा मेजबान राज्य के राज्यपाल या मुख्यमंत्री को आमंत्रित करके, ऐसी प्रदर्शनी के महत्व, और इन उत्पादों के प्रति आकर्षण को, बढ़ाया जा सकता है।
    ऐसे उत्पादों के विषय में मैंने अपने कुछ विचार ‘इन्वेस्टर्स समिट’ में भी साझा किए थे। हमें कुछ विकसित देशों से यह सीखना है कि कैसे, हाथ से बनी हुई चीजों को, आधुनिक ब्रांडिंग और मार्केटिंग के जरिये, विदेशी मुद्रा कमाने, रोजगार बढ़ाने और देश की छवि को निखारने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
    कोई भी हुनर या कौशल समाज के किसी वर्ग-विशेष से जुड़ा नहीं होता है। सचमुच में, परिश्रम, परिश्रम होता है, उसका कोई उच्च या निम्न स्तर नहीं होता है। कम परिश्रम के व्यवसाय, या नौकरी की ओर आकर्षित होने की अपनी मानसिकता को, हमें बदलना होगा। ‘डिगनिटी ऑफ लेबर एंड रेस्पेक्ट फॉर स्किल’ में विश्वास करने वाला समाज, विकास की दौड़ में, सदैव आगे रहता है।
    मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि इस योजना में, सभी उत्पादों से जुड़ी पूरी ‘प्रोसेस-चेन’ और ‘वैल्यू-चेन’ पर ध्यान दिया गया है। मुझे आशा है कि इन प्रयासों के द्वारा उत्पादकों और ग्राहकों के बीच सीधा संपर्क, और भी सुगम हो सकेगा।
    केंद्र सरकार की स्किल इंडिया मिशन, स्टैंड-अप इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, रोजगार प्रोत्साहन योजना तथा ‘मुद्रा’ योजनाओं से, इस योजना के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
    इस योजना में वह क्षमता है, जिसके द्वारा, अंतिम पंक्ति के लोगों को, कौशल-विकास एवं रोजगार के अवसर प्रदान करके, जमीनी स्तर पर, व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। विकास और कल्याण के मानदंडों पर पीछे रह गए, देश के 117 आकांक्षी जिलों में, उत्तर प्रदेश के 8 जिले शामिल हैं। इनमे से दो जिलों का उल्लेख करें तो, बलरामपुर में फूड प्रोसेसिंग और फ़तेहपुर में बेड-शीट बनाने का काम होता है। उन जिलों में, यह योजना, ‘चेंज-एजेंट’ का काम कर सकती है। मैं आशा करता हूँ कि, इस योजना द्वारा होने वाला बदलाव, इन आकांक्षी जिलों में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कौशल विकास तथा वित्तीय समावेश के मापदण्डों पर सुधार लाने में भी सहायक होगा।
    कुछ ही महीनों बाद, पूरी दुनियाँ की निगाहें उत्तर प्रदेश पर होंगी, जब इलाहाबाद के कुम्भ में शामिल होने के लिए देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक आएंगे। विश्व के सबसे बड़े मेले के आयोजन की तैयारी, अब अंतिम चरण में है। इस मेले के आयोजन की सफलता के लिए, मैं अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ। मेरा सुझाव है कि, यदि संभव हो तो, कुम्भ मेले में प्रत्येक जिले के उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाए।
    चरैवेति! चरैवेति! के आदर्श को अपने जीवन में ढालने वाले, राज्यपाल श्री राम नाईक जी का मार्ग-दर्शन, उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के निवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
    मैं आशा करता हूँ कि भविष्य में, उत्तर प्रदेश के अनेक नए उत्पाद, देश और विदेश के बाज़ारों में अपनी पहचान बनाएँगे। ऐसे बदलाव से, समावेशी विकास को बल मिलेगा, और जनपदों के उत्पादों की, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनेगी। उत्तर प्रदेश सरकार की इस जन-हितैषी ‘ओ.डी.ओ.पी.’ योजना की सफलता के लिए, मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।

हरेली पर्व पर राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं
रायपुर, 10 अगस्त 2018 राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने हरेली पर्व के अवसर पर प्रदेशवासियों विशेषकर किसानों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। अपने शुभकामना संदेश में राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि यह पर्व, कृषकों द्वारा अच्छी फसल की कामना के साथ कृषि संबंधी औजारों-उपकरणों एवं पशुधन की पूजा-अर्चना करने तथा पर्यावरण एवं प्रकृति के और अधिक निकट आने एवं उसकी रक्षा करने के लिए प्रेरित करता है। राज्यपाल ने इस अवसर पर कृषक समुदाय सहित सभी नागरिकों के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की है।
राज्यपाल श्री टंडन ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री दामोदर दास टावरी के निधन पर शोक व्यक्त किया

राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन ने राजनांदगांव निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री दामोदर दास टावरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
राज्यपाल श्री टंडन ने अपने शोक संदेश में कहा है कि श्री टावरी का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अविस्मरणीय योगदान था। श्री टंडन ने स्वर्गीय श्री टावरी के शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए मृत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।

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