छत्तीसगढ़ न्यूज़ वेबमीडिया रायपुर, 27 अगस्त 2018 राज्यपाल श्रीमती पटेल ने दिलाई शपथ
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में न्यायमूर्ति (से.नि.) श्री टी.पी. शर्मा को छत्तीसगढ़ लोक आयोग के प्रमुख लोकायुक्त पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति श्री टी.पी. शर्मा ने हिंदी में तथा ईश्वर के नाम पर शपथ ली। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन. उपाध्याय, मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम.के. राउत, स्थानीय सहकारिता निर्वाचन आयुक्त श्री डी.एस. मिश्रा, स्थानीय निर्वाचन आयुक्त ठाकुर रामसिंह, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के.आर. पिस्दा, पूर्व लोकायुक्त श्री शंभुनाथ श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, राज्यपाल के सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल, सचिव सामान्य प्रशासन सुश्री रीता शांडिल्य, विधि सलाहकार श्री एन. के. चन्द्रवंशी, जनसंपर्क संचालक श्री चंद्रकांत उईके सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं न्यायालय से जुड़े लोग उपस्थित थे।
राजभवन में पूर्व राज्यपाल दिवंगत श्री बलरामजी दास टंडन को दी गई श्रद्धांजलि
श्री टंडन जुझारू व्यक्तित्व के धनी थे: मुख्यमंत्री
जनप्रतिनिधिगण और गणमान्य नागरिक हुए शामिल
रायपुर, 27 अगस्त 2018 छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय श्री बलरामजी दास टंडन को आज यहां राजभवन मेें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, समस्त मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारियोें एवं गणमान्य नागरिकों ने श्रद्धासुमन अर्पित किये। श्रद्धांजलि सभा में पूर्व राज्यपाल श्री टंडन की धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन, उनके सुपुत्र श्री संजय टंडन भी उपस्थित थे।
श्रद्धांजलि सभा मेें कीर्तन अरदास किया गया और पूर्व राज्यपाल श्री टंडन की जीवनी पर आधारित लघुवृत्त चित्र दिखाया गया। सभा के अंत में दो मिनट मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दिवंगत राज्यपाल को श्रध्दांजलि अर्पित करते हुए कहा कि श्री टंडन हमारे राज्यपाल ही नहीं, हम सबके पालक थे और जब तक यहां थे, हर महत्वपूर्ण मौके पर हमारा मार्गदर्शन करते थे और समस्याओं का समाधान भी करते थे। वे जुझारू व्यक्तित्व के धनी थे।
उन्होंने कहा कि श्री टंडन में चुनौतियां का सामना करने का अदम्य साहस था। जब पंजाब में आतंकवाद चरम सीमा पर था और अमृतसर से लोकसभा चुनाव लड़ने लिए कोई तैयार नहीं था, तब वे सामने आए और चुनाव मेें खड़े हुए। उन्होंने कहा कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है। इस दौरान उन पर अनेकों आतंकवादी हमले भी हुए उसके बाद भी वे मजबूती से टिके रहे।
डॉ. सिंह ने कहा कि श्री टंडन जी की ख्याति का पता इसी से लगता है कि जब उनके देहावसान की खबर आई तब देश के वरिष्ठतम नेताओं ने उन्हें याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी। यह उनके राजनीतिक कद की भी पहचान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मेरा जन्म 1952 में हुआ तो श्री टंडन ने 1953 से एक पार्षद के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी। इनसे ही उनके लंबे राजनीतिक अनुभव का परिचय मिलता है। उनकी वाणी में अद्भुत शक्ति और मिठास थी। उनमें जितनी विनम्रता थी उतना ही साहस था। वे इतिहास के कई दृश्यों के गवाह थे। उनमें ज्ञान का भंडार था। वे जीवन भर राजनीतिक रूप से संघर्ष करते रहे, आपातकाल के समय जेलयात्रा भी की।
मुख्यमंत्री ने पूर्व राज्यपाल की धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन की तारीफ करते हुए कहा कि उनमें गजब का जब्जा है। उन्होंने पूरे जीवन भर स्वर्गीय टंडन का कदम से कदम मिलाकर साथ दिया। अत्यंत मजबूती से हर मुश्किल का सामना किया। उनके देहावसान के समय भी वे हिम्मत नहीं हारी और हमें भी ढाढस बंधाया।
विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि स्वर्गीय टंडन अनुभवों का भंडार थे। उन्होंने विधानसभा कार्रवाई के समय मुझे महत्वपूर्ण अवसरों पर मार्गदर्शन दिया। उनमें सागर की जैसी गहराई थी। उनकी अंतिम यात्रा के समय रहने का अवसर पर मिला तब मैंने देखा कि उनके साथ अपार जनसमूह पूरे श्रद्धाभाव के साथ था। ऐसा कम ही देखने को मिलता है। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, मुख्य सचिव श्री अजय सिंह और डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने सभा को संबोधित करते हुए स्वर्गीय श्री टंडन को याद किया।
श्री संजय टंडन ने अंत में आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे राजनेता बहुत ही बिरले जन्म लेते हैं, जिन्होंने पूरा जीवन मानव कल्याण के लिए अर्पित कर दिया, उन्हें छत्तीसगढ़ से बड़ा स्नेह था। साथ ही छत्तीसगढ़ की जनता ने उन्हें भरपूर स्नेह दिया, इसे हम कभी नहीं भूला पाएंगे।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, स्वास्थ्य मंत्री श्री अजय चन्द्राकर, उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पांडे, लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, वन मंत्री श्री महेश गागड़ा, श्रम मंत्री श्री भैयालाल राजवाड़े, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री दयाल दास बघेल, वाणिज्यकर मंत्री श्री अमर अग्रवाल, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री पुन्नू लाल मोहले, रेरा के अध्यक्ष श्री विवेक ढांढ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, सचिव सुबोध कुमार सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
दिवंगत राज्यपाल के सुपुत्र श्री संजय टंडन ने पिता की स्मृतियां साझा की
रायपुर, 27 अगस्त 2018 राज्यपाल दिवंगत श्री बलरामजी दास टंडन के सूुूपुत्र श्री संजय टंडन ने आज राजभवन में आायोजित श्रध्दांजलि सभा में उन्हें याद करते हुए कुछ स्मृतियां साझा की ।
उन्होंने बताया कि जब श्री टंडन पंजाब सरकार में उद्योग मंत्री थे। उन दिनों उद्योगों के लिए कोयला हासिल करने की बड़ी मारामारी रहती थी। इसी दौरान श्री टंडन के कारखाने के लिए कोयले के 02 वैगन अमृतसर पहुंचे, लेकिन श्री टंडन कारखाना नहीं चला पा रहे थे। इसलिए उन्होंने वैगन को वापस कर दिया। जबकि इस आंबटित कोयले को ब्लैक में देकर ज्यादा पैसा कमाया जा सकता था किन्तु यह उनके सिद्धांतों के खिलाफ था।
श्री संजय ने बताया कि श्री बलरामजी दास टंडन अमृतसर सेंट्रल सीट से 1957 से 1969 तक चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके थे। श्री टंडन 1971 में फिर चुनाव की तैयारी में थे। पर इसी बीच अमृतसर उत्तरी सीट से उनकी पार्टी के नेता डॉ बलदेव ने अमृतसर सेंट्रल से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, पर श्री टंडन ने बिना कोई शिकवा के इस सीट से डॉ बलदेव को चुनाव लड़ने का मौका दिया।
श्री संजय ने बताया कि आपातकाल के दौरान पटियाला जेल में बंद श्री बलरामजी दास टंडन की माताजी का देहांत हो गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री ज्ञानी जैल सिंह ने श्री टंडन के घर पहुंचने पर पैरोल बढ़ाने पर चर्चा की। लेकिन श्री बलरामजी दास टंडन ने कड़ाई से मना कर दिया और दोबारा जेल चले गए। इसी प्रकार स्वर्गीय टंडन की पत्नी जब एक बार कैंसर से पीड़ित थी, तब उन्हें शासकीय मद से इलाज की सलाह दी गई, पर उन्हें इससे इंकार कर दिया और अपने खर्च से उनका इलाज कराया।
श्री संजय कहते हैं स्वर्गीय टंडन उनके पिता ही नहीं, एक मार्गदर्शक थे। वे त्यागशीलता की मूर्ति थे। उन्हें छत्तीसगढ़ से बड़ा स्नेह था। साथ ही छत्तीसगढ़वासियों से भी उन्हें और उनके परिवार को बड़ा प्यार मिला जिसे वे कभी नहीं भुला पाएंगे।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने संबंधी दिए निर्देश
राज्यपाल ने ली उच्च शिक्षा विभाग की बैठक
रायपुर, 27 अगस्त 2018 राज्यपाल और प्रदेश के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली और प्रदेश में उच्च शिक्षा की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने संबंधी आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में सचिव उच्च शिक्षा श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल ने पॉवर पाईंट प्रेजेन्टेशन के जरिए उच्च शिक्षा संबंधी पूरी जानकारी प्रस्तुत की।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में पी.एच.डी. संबंधी एक सेल बनाया जाना चाहिए जहां सभी थिसिस को विषयवार और वर्षवार रखा जाए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों को उनके जीवनवृत्त और स्वाधीनता आंदोलन में सेनानियों की भूमिका आदि से परिचित कराने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। उन्होंने विश्वविद्यालयों की ग्रेडिंग (नैक) सुधारने के भी निर्देश दिए। उन्होेंने विद्यार्थियों के कौशल विकास हेतु महाविद्यालयों द्वारा किये गये उपायों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं की निगरानी एवं पी.एच.डी. के साक्षात्कार सीसीटीव्ही कैमरे के जरिए होने चाहिए।
सचिव उच्च शिक्षा श्री सुरेन्द्र जायसवाल ने कहा कि आपके द्वारा दिए गए निर्देशों का क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों ने नैक मूल्यांकन कराए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा को प्रभावी ढंग से विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए सैटेलाइट आधारित वर्चुअल कक्षाएं प्रारंभ की जा रही है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
राजभवन में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने पूर्व राज्यपाल के परिजनों से भेंट कर संवेदना व्यक्त की
रायपुर, 27 अगस्त 2018 छत्तीसगढ़ की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में पूर्व राज्यपाल दिवंगत श्री बलरामजी दास टंडन की धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन एवं उनके सुपुत्र श्री संजय टंडन से भेंट कर संवेदना व्यक्त की और उन्हें ढाढस बंधाया।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में न्यायमूर्ति (से.नि.) श्री टी.पी. शर्मा को छत्तीसगढ़ लोक आयोग के प्रमुख लोकायुक्त पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति श्री टी.पी. शर्मा ने हिंदी में तथा ईश्वर के नाम पर शपथ ली। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक श्री ए.एन. उपाध्याय, मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम.के. राउत, स्थानीय सहकारिता निर्वाचन आयुक्त श्री डी.एस. मिश्रा, स्थानीय निर्वाचन आयुक्त ठाकुर रामसिंह, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री सुब्रत साहू, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के.आर. पिस्दा, पूर्व लोकायुक्त श्री शंभुनाथ श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, राज्यपाल के सचिव श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल, सचिव सामान्य प्रशासन सुश्री रीता शांडिल्य, विधि सलाहकार श्री एन. के. चन्द्रवंशी, जनसंपर्क संचालक श्री चंद्रकांत उईके सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं न्यायालय से जुड़े लोग उपस्थित थे।
राजभवन में पूर्व राज्यपाल दिवंगत श्री बलरामजी दास टंडन को दी गई श्रद्धांजलि
श्री टंडन जुझारू व्यक्तित्व के धनी थे: मुख्यमंत्री
जनप्रतिनिधिगण और गणमान्य नागरिक हुए शामिल
रायपुर, 27 अगस्त 2018 छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय श्री बलरामजी दास टंडन को आज यहां राजभवन मेें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, समस्त मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारियोें एवं गणमान्य नागरिकों ने श्रद्धासुमन अर्पित किये। श्रद्धांजलि सभा में पूर्व राज्यपाल श्री टंडन की धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन, उनके सुपुत्र श्री संजय टंडन भी उपस्थित थे।
श्रद्धांजलि सभा मेें कीर्तन अरदास किया गया और पूर्व राज्यपाल श्री टंडन की जीवनी पर आधारित लघुवृत्त चित्र दिखाया गया। सभा के अंत में दो मिनट मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दिवंगत राज्यपाल को श्रध्दांजलि अर्पित करते हुए कहा कि श्री टंडन हमारे राज्यपाल ही नहीं, हम सबके पालक थे और जब तक यहां थे, हर महत्वपूर्ण मौके पर हमारा मार्गदर्शन करते थे और समस्याओं का समाधान भी करते थे। वे जुझारू व्यक्तित्व के धनी थे।
उन्होंने कहा कि श्री टंडन में चुनौतियां का सामना करने का अदम्य साहस था। जब पंजाब में आतंकवाद चरम सीमा पर था और अमृतसर से लोकसभा चुनाव लड़ने लिए कोई तैयार नहीं था, तब वे सामने आए और चुनाव मेें खड़े हुए। उन्होंने कहा कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार है। इस दौरान उन पर अनेकों आतंकवादी हमले भी हुए उसके बाद भी वे मजबूती से टिके रहे।
डॉ. सिंह ने कहा कि श्री टंडन जी की ख्याति का पता इसी से लगता है कि जब उनके देहावसान की खबर आई तब देश के वरिष्ठतम नेताओं ने उन्हें याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी। यह उनके राजनीतिक कद की भी पहचान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मेरा जन्म 1952 में हुआ तो श्री टंडन ने 1953 से एक पार्षद के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी। इनसे ही उनके लंबे राजनीतिक अनुभव का परिचय मिलता है। उनकी वाणी में अद्भुत शक्ति और मिठास थी। उनमें जितनी विनम्रता थी उतना ही साहस था। वे इतिहास के कई दृश्यों के गवाह थे। उनमें ज्ञान का भंडार था। वे जीवन भर राजनीतिक रूप से संघर्ष करते रहे, आपातकाल के समय जेलयात्रा भी की।
मुख्यमंत्री ने पूर्व राज्यपाल की धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन की तारीफ करते हुए कहा कि उनमें गजब का जब्जा है। उन्होंने पूरे जीवन भर स्वर्गीय टंडन का कदम से कदम मिलाकर साथ दिया। अत्यंत मजबूती से हर मुश्किल का सामना किया। उनके देहावसान के समय भी वे हिम्मत नहीं हारी और हमें भी ढाढस बंधाया।
विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि स्वर्गीय टंडन अनुभवों का भंडार थे। उन्होंने विधानसभा कार्रवाई के समय मुझे महत्वपूर्ण अवसरों पर मार्गदर्शन दिया। उनमें सागर की जैसी गहराई थी। उनकी अंतिम यात्रा के समय रहने का अवसर पर मिला तब मैंने देखा कि उनके साथ अपार जनसमूह पूरे श्रद्धाभाव के साथ था। ऐसा कम ही देखने को मिलता है। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, मुख्य सचिव श्री अजय सिंह और डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना ने सभा को संबोधित करते हुए स्वर्गीय श्री टंडन को याद किया।
श्री संजय टंडन ने अंत में आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे राजनेता बहुत ही बिरले जन्म लेते हैं, जिन्होंने पूरा जीवन मानव कल्याण के लिए अर्पित कर दिया, उन्हें छत्तीसगढ़ से बड़ा स्नेह था। साथ ही छत्तीसगढ़ की जनता ने उन्हें भरपूर स्नेह दिया, इसे हम कभी नहीं भूला पाएंगे।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, स्वास्थ्य मंत्री श्री अजय चन्द्राकर, उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पांडे, लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, वन मंत्री श्री महेश गागड़ा, श्रम मंत्री श्री भैयालाल राजवाड़े, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री दयाल दास बघेल, वाणिज्यकर मंत्री श्री अमर अग्रवाल, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री पुन्नू लाल मोहले, रेरा के अध्यक्ष श्री विवेक ढांढ, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, सचिव सुबोध कुमार सिंह सहित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
दिवंगत राज्यपाल के सुपुत्र श्री संजय टंडन ने पिता की स्मृतियां साझा की
रायपुर, 27 अगस्त 2018 राज्यपाल दिवंगत श्री बलरामजी दास टंडन के सूुूपुत्र श्री संजय टंडन ने आज राजभवन में आायोजित श्रध्दांजलि सभा में उन्हें याद करते हुए कुछ स्मृतियां साझा की ।
उन्होंने बताया कि जब श्री टंडन पंजाब सरकार में उद्योग मंत्री थे। उन दिनों उद्योगों के लिए कोयला हासिल करने की बड़ी मारामारी रहती थी। इसी दौरान श्री टंडन के कारखाने के लिए कोयले के 02 वैगन अमृतसर पहुंचे, लेकिन श्री टंडन कारखाना नहीं चला पा रहे थे। इसलिए उन्होंने वैगन को वापस कर दिया। जबकि इस आंबटित कोयले को ब्लैक में देकर ज्यादा पैसा कमाया जा सकता था किन्तु यह उनके सिद्धांतों के खिलाफ था।
श्री संजय ने बताया कि श्री बलरामजी दास टंडन अमृतसर सेंट्रल सीट से 1957 से 1969 तक चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुके थे। श्री टंडन 1971 में फिर चुनाव की तैयारी में थे। पर इसी बीच अमृतसर उत्तरी सीट से उनकी पार्टी के नेता डॉ बलदेव ने अमृतसर सेंट्रल से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई, पर श्री टंडन ने बिना कोई शिकवा के इस सीट से डॉ बलदेव को चुनाव लड़ने का मौका दिया।
श्री संजय ने बताया कि आपातकाल के दौरान पटियाला जेल में बंद श्री बलरामजी दास टंडन की माताजी का देहांत हो गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री ज्ञानी जैल सिंह ने श्री टंडन के घर पहुंचने पर पैरोल बढ़ाने पर चर्चा की। लेकिन श्री बलरामजी दास टंडन ने कड़ाई से मना कर दिया और दोबारा जेल चले गए। इसी प्रकार स्वर्गीय टंडन की पत्नी जब एक बार कैंसर से पीड़ित थी, तब उन्हें शासकीय मद से इलाज की सलाह दी गई, पर उन्हें इससे इंकार कर दिया और अपने खर्च से उनका इलाज कराया।
श्री संजय कहते हैं स्वर्गीय टंडन उनके पिता ही नहीं, एक मार्गदर्शक थे। वे त्यागशीलता की मूर्ति थे। उन्हें छत्तीसगढ़ से बड़ा स्नेह था। साथ ही छत्तीसगढ़वासियों से भी उन्हें और उनके परिवार को बड़ा प्यार मिला जिसे वे कभी नहीं भुला पाएंगे।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने संबंधी दिए निर्देश
राज्यपाल ने ली उच्च शिक्षा विभाग की बैठक
रायपुर, 27 अगस्त 2018 राज्यपाल और प्रदेश के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली और प्रदेश में उच्च शिक्षा की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने संबंधी आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में सचिव उच्च शिक्षा श्री सुरेन्द्र कुमार जायसवाल ने पॉवर पाईंट प्रेजेन्टेशन के जरिए उच्च शिक्षा संबंधी पूरी जानकारी प्रस्तुत की।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में पी.एच.डी. संबंधी एक सेल बनाया जाना चाहिए जहां सभी थिसिस को विषयवार और वर्षवार रखा जाए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों को उनके जीवनवृत्त और स्वाधीनता आंदोलन में सेनानियों की भूमिका आदि से परिचित कराने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। उन्होंने विश्वविद्यालयों की ग्रेडिंग (नैक) सुधारने के भी निर्देश दिए। उन्होेंने विद्यार्थियों के कौशल विकास हेतु महाविद्यालयों द्वारा किये गये उपायों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित परीक्षाओं की निगरानी एवं पी.एच.डी. के साक्षात्कार सीसीटीव्ही कैमरे के जरिए होने चाहिए।
सचिव उच्च शिक्षा श्री सुरेन्द्र जायसवाल ने कहा कि आपके द्वारा दिए गए निर्देशों का क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों ने नैक मूल्यांकन कराए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा को प्रभावी ढंग से विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए सैटेलाइट आधारित वर्चुअल कक्षाएं प्रारंभ की जा रही है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
राजभवन में राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने पूर्व राज्यपाल के परिजनों से भेंट कर संवेदना व्यक्त की
रायपुर, 27 अगस्त 2018 छत्तीसगढ़ की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां राजभवन में पूर्व राज्यपाल दिवंगत श्री बलरामजी दास टंडन की धर्मपत्नी श्रीमती बृजपाल टंडन एवं उनके सुपुत्र श्री संजय टंडन से भेंट कर संवेदना व्यक्त की और उन्हें ढाढस बंधाया।
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